Notes For All Chapters Hindi Sanchayan Class 9
परिचय
‘कल्लू कुम्हार की उनाकोटी’ पाठ में लेखक के. विक्रम सिंह ने त्रिपुरा के एक शैव तीर्थ ‘उनाकोटी’ की यात्रा का वर्णन किया है। यह यात्रा दिसंबर 1999 में एक टीवी श्रृंखला ‘ऑन द रोड’ के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग-44 पर त्रिपुरा की खोज के दौरान हुई। लेखक ने त्रिपुरा की संस्कृति, जनजीवन, और उनाकोटी की पौराणिक कथा को रोचक ढंग से प्रस्तुत किया है। एक सुबह दिल्ली में बादलों की गर्जना ने लेखक को उनाकोटी की याद दिला दी, जिसका वर्णन इस पाठ में है।
पाठ का सार
लेखक अपनी सुबह की दिनचर्या का वर्णन करते हैं, जिसमें वे चाय और अखबार के साथ समय बिताते हैं। एक दिन बादलों की गर्जना उन्हें त्रिपुरा की उनाकोटी की याद दिलाती है। दिसंबर 1999 में, वे त्रिपुरा के राष्ट्रीय राजमार्ग-44 पर एक टीवी श्रृंखला की शूटिंग के लिए गए थे। त्रिपुरा में बाहरी लोगों की आवक, बहुधार्मिक समाज, और आदिवासी असंतोष जैसे मुद्दों का जिक्र है। लेखक ने अगरतला, टीलियामुरा, मनु, और कैलासशहर का दौरा किया। उनाकोटी में शिव की विशाल आधार-मूर्तियाँ और गंगावतरण की कथा देखी। स्थानीय कथा के अनुसार, कल्लू कुम्हार ने एक रात में एक कोटि से एक कम मूर्तियाँ बनाईं, जिसके कारण यह स्थान ‘उनाकोटी’ कहलाया।
मुख्य बिंदु
- लेखक की दिनचर्या:
- लेखक सुबह सूर्योदय के साथ उठते हैं, चाय बनाते हैं और अखबार पढ़ते हुए ‘कटी पतंग योग’ करते हैं, जो उन्हें दिन के लिए ऊर्जा देता है।
- एक सुबह बादलों की गर्जना और बिजली की चमक ने उनकी शांति भंग की और उन्हें त्रिपुरा की उनाकोटी की याद दिला दी।
- त्रिपुरा की यात्रा:
- दिसंबर 1999 में, लेखक ‘ऑन द रोड’ टीवी श्रृंखला के लिए त्रिपुरा गए। इसका उद्देश्य राष्ट्रीय राजमार्ग-44 पर यात्रा कर त्रिपुरा के विकास को दिखाना था।
- त्रिपुरा भारत का छोटा राज्य है, जो तीन तरफ से बांग्लादेश से घिरा है। इसकी जनसंख्या वृद्धि दर 34% से अधिक है, मुख्यतः बांग्लादेश से अवैध आवक के कारण।
- अगरतला:
- अगरतला त्रिपुरा की राजधानी है, जो बांग्लादेश सीमा से 2 किमी दूर है।
- उज्जयंत महल, जो अब विधानसभा है, माणिक्य वंश का प्रतीक है। यह वंश 183 राजाओं के साथ भारत का सफल शासक वंश था।
- पैचारथल में एक बौद्ध मंदिर है, जो चकमा और मुघ जनजातियों के लिए महत्वपूर्ण है। ये जनजातियाँ बर्मा से चटगाँव के रास्ते त्रिपुरा आईं।
- टीलियामुरा:
- टीलियामुरा एक बड़ा गाँव है। यहाँ लेखक की मुलाकात लोकगायक हेमंत कुमार जमातिया से हुई, जो कोकबारोक बोली में गाते हैं और 1996 में संगीत नाटक अकादमी से पुरस्कृत हुए।
- हेमंत पहले पीपुल्स लिबरेशन ऑर्गनाइजेशन के कार्यकर्ता थे, लेकिन बाद में जिला परिषद् के सदस्य बने।
- मंजु ऋषिदास, एक रेडियो कलाकार और नगर पंचायत सदस्य, अपने वार्ड में स्वच्छ पानी और सड़कें लाने में सफल रहीं।
- मनु:
- मनु नदी के किनारे बसा एक कस्बा है। यहाँ लेखक ने बाँसों का एक काफिला देखा, जो नदी पर तैर रहा था।
- टीलियामुरा से मनु तक की यात्रा सी.आर.पी.एफ. की सुरक्षा में काफिले के साथ हुई, क्योंकि यह क्षेत्र हिंसाग्रस्त था।
- कैलासशहर:
- कैलासशहर उत्तरी त्रिपुरा का मुख्यालय है, जो बांग्लादेश सीमा के करीब है।
- यहाँ के जिलाधिकारी ने लेखक को टी.पी.एस. (ट्रू पोटेटो सीड्स) की खेती की जानकारी दी, जो कम मात्रा में अधिक बुआई के लिए उपयोगी है। इसे असम, बांग्लादेश, मलेशिया, और विएतनाम निर्यात किया जाता है।
- उनाकोटी:
- उनाकोटी एक शैव तीर्थ है, जिसका अर्थ है ‘एक कोटि से एक कम’। यहाँ शिव की एक कोटि से एक कम मूर्तियाँ हैं, जो पाल शासन (9वीं-12वीं सदी) में बनीं।
- यहाँ विशाल आधार-मूर्तियाँ हैं, जिनमें गंगावतरण की कथा को दर्शाने वाली मूर्ति प्रमुख है। इसमें शिव अपनी जटाओं में गंगा को उलझाकर पृथ्वी पर लाते हैं।
- स्थानीय कथा के अनुसार, कल्लू कुम्हार, जो पार्वती का भक्त था, ने एक रात में एक कोटि मूर्तियाँ बनाने की कोशिश की, लेकिन एक मूर्ति कम रह गई। इसलिए शिव ने उसे उनाकोटी में छोड़ दिया।
- उनाकोटी की शूटिंग:
- लेखक सुबह 9 बजे उनाकोटी पहुँचे, लेकिन सूरज की रोशनी 10 बजे मिली। शूटिंग शाम 4 बजे तक चली।
- सूर्य ढलने पर अंधेरा छा गया और बादलों की गर्जना ने शिव के तांडव जैसा माहौल बनाया।

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