भारतीवसन्तगीतिः (भारतीय वसंत गीत)
1. एकपदेन उत्तरं लिखत (एक शब्द में उत्तर लिखें)|
(क) कविः कां सम्बोधयति ? (कवि किसे संबोधित करता है?)
उत्तर: वाणी (सरस्वती)
(ख) कविः कां वादयितुं वाणीं प्रार्थयति ? (कवि वाणी से किसे बजाने की प्रार्थना करता है?)
उत्तर: वीणाम् (वीणा)
(ग) कीदृशीं वीणां निनादयितुं प्रार्थयति ? (कवि कैसी वीणा बजाने की प्रार्थना करता है?)
उत्तर: नवीनाम् (नई)
(घ) गीतिं कथं गातुं कथयति ? (कवि गीत को कैसे गाने के लिए कहता है?)
उत्तर: मृदु (कोमलता से)
(ङ) सरसा: रसाला: कदा लसन्ति ? (रसीले आम कब चमकते हैं?)
उत्तर: वसन्ते (वसंत में)
2. पूर्णवाक्येन उत्तरं लिखत (पूर्ण वाक्य में उत्तर लिखें)|
(क) कविः वीणापाणिं किं कथयति ? (कवि वीणापाणि (सरस्वती) से क्या कहता है?)
उत्तर: कविः वीणापाणिं नवीनां वीणां निनादयितुं कथयति। (कवि वीणापाणि (सरस्वती) से नई वीणा बजाने के लिए कहता है।)
(ख) वसन्ते किं भवति ? (वसंत में क्या होता है?)
उत्तर: वसन्ते सरसाः रसालाः लसन्ति, काकलीनां कलापाः च विलसन्ति। (वसंत में रसीले आम चमकते हैं, और कोयल की ध्वनियों के समूह भी शोभायमान होते हैं।)
(ग) सरस्वत्याः वीणां श्रुत्वा किं परिवर्तनं भवतु इति कवेः इच्छां लिखत। (सरस्वती की वीणा सुनकर क्या परिवर्तन हो, यह कवि की इच्छा लिखें।)
उत्तर: सरस्वत्याः वीणां श्रुत्वा लतानां शान्तिशीलं सुमं चलेत्, नदीनां कान्तसलिलं च सलीलम् उच्छलेत्। (सरस्वती की वीणा सुनकर लताओं के शांतिपूर्ण फूल हिलें, और नदियों का सुंदर जल लीलापूर्वक उछले।)
(घ) कविः भगवतीं भारती कस्याः नद्याः तटे (कुत्र) मधुमाधवीनां नता पङ्क्तिम् अवलोक्य वीणां वादयितुं कथयति ? (कवि भगवती सरस्वती से किस नदी के तट पर मधुमाधवी लताओं की झुकी हुई पंक्ति को देखकर वीणा बजाने के लिए कहता है?)
उत्तर: कविः भगवतीं भारती यमुनायाः नद्याः तटे मधुमाधवीनां नतां पङ्क्तिम् अवलोक्य वीणां वादयितुं कथयति। (कवि भगवती सरस्वती से यमुना नदी के तट पर मधुमाधवी लताओं की झुकी हुई पंक्ति को देखकर वीणा बजाने के लिए कहता है।)
3. ‘क’ स्तम्भे पदानि, ‘ख’ स्तम्भे तेषां पर्यायपदानि दत्तानि। तानि चित्वा पदानां समक्षे लिखत
(‘क’ स्तंभ में शब्द और ‘ख’ स्तंभ में उनके पर्यायवाची शब्द दिए गए हैं। उन्हें चुनकर शब्दों के सामने लिखें।)
(क) सरस्वती (सरस्वती) – (4) वाणी (वाणी)
(ख) आम्रम् (आम) – (5) रसाल: (रसाल)
(ग) पवनः (पवन) – (3) समीर: (समीर)
(घ) तटे (तट) – (1) तीरे (तीरे)
(ङ) भ्रमराणाम् (भ्रमरों का) – (2) अलीनाम् (भौंरों का)
4. अधोलिखितानि पदानि प्रयुज्य संस्कृतभाषया वाक्यरचनां कुरुत |
(निम्नलिखित शब्दों का उपयोग करके संस्कृत में वाक्य रचना करें)
(क) निनादय – हे वाणि! नवीनां वीणां निनादय।
उत्तर: बजाओ – हे सरस्वती! नई वीणा बजाओ।
(ख) मन्दमन्दम् – समीरः मन्दमन्दं वहति।
उत्तर: धीरे-धीरे – हवा धीरे-धीरे बहती है।
(ग) मारुतः – मारुतः पुष्पवाटिकायां संनादति।
उत्तर: हवा – हवा फूलों की वाटिका में गूंजती है।
(घ) सलिलम् – सलिलं नदीस्रोतसि सलीलं वहति।
उत्तर: जल – जल नदी की धारा में लीलापूर्वक बहता है।
(ङ) सुमनः – सुमनः वसन्ते संनादति।
उत्तर: फूल – फूल वसंत में खिलता है।
5. प्रथमश्लोकस्य आशयं हिन्दीभाषया लिखत –
(प्रथम श्लोक का आशय हिन्दी में लिखें)
निनादय नवीनामये वाणि! वीणाम्
मृदु गाय गीतिं ललित-नीति-लीनाम् ।
मधुर-मञ्जरी-पिञ्जरी-भूत-माला:
वसन्ते लसन्तीह सरसा रसाला:
कलापाः ललित-कोकिला-काकलीनाम् ।।१।।
निनादय…।।
उत्तर:
प्रथम श्लोक में कवि सरस्वती से नई वीणा बजाने और कोमल गीत गाने की प्रार्थना करता है। वह वसंत के सौंदर्य का वर्णन करता है, जहाँ मधुर फूलों की मालाएँ और रसीले आम चमकते हैं, तथा कोयल की मधुर ध्वनि प्रकृति को और सुंदर बनाती है।
6. अधोलिखितपदानां विलोमपदानि लिखत –
(निम्नलिखित शब्दों के विलोम शब्द लिखें)
(क) कठोरम् (सख्त) – मृदुम् (नरम)
(ख) कटु (कड़वा) – मधुर (मीठा)
(ग) शीघ्रम् (तेज़) – मन्दमन्दम् (धीरे-धीरे)
(घ) प्राचीनम् (पुराना) – नवीनम् (नया)
(ङ) नीरसः (बेस्वाद / बोरिंग) – सरसः (रसयुक्त / रोचक)


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