सिकतासेतुः (बालू का पुल)
1. एकपदेन उत्तरं लिखत-
(एक शब्द में उत्तर लिखें)
(क) कः बाल्ये विद्यां न अधीतवान्? (कौन बाल्य में विद्या नहीं पढ़ा?)
उत्तर: तपोदत्तः (तपोदत्त)
(ख) तपोदत्तः कया विद्याम् अवाप्तुं प्रवृत्तः अस्ति ? (तपोदत्त किससे विद्या प्राप्त करने में प्रवृत्त है?)
उत्तर: तपश्चर्यया (तपस्या से)
(ग) मकरालये कः शिलाभिः सेतुं बबन्ध ? (समुद्र में किसने पत्थरों से सेतु बनाया?)
उत्तर: रामः (राम)
(घ) मार्गभ्रान्तः सन्ध्यां कुत्र उपैति ? (मार्गभ्रान्त व्यक्ति सन्ध्या तक कहाँ पहुँचता है?)
उत्तर: गृहम् (घर)
(ङ) पुरुषः सिकताभिः किं करोति ? (पुरुष बालू से क्या करता है?)
उत्तर: सेतुम् (सेतु)
2. अधोलिखितानां प्रश्नानाम् उत्तराणि संस्कृतभाषया लिखत-
(निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर संस्कृत भाषा में लिखें)
(क) अनधीतः तपोदत्तः कैः गर्हितोऽभवत्? (अनधीत तपोदत्त को किसने निंदा किया?)
उत्तरम् – अनधीतः तपोदत्तः सर्वैः कुटुम्बिभिः, मित्रैः, ज्ञातिजनैश्च गर्हितः अभवत्। (अनधीत तपोदत्त की निंदा उसके सारे परिवार, मित्र और परिचितों ने की।)
(ख) तपोदत्तः केन प्रकारेण विद्यामवाप्तुं प्रवृत्तोऽभवत्? (तपोदत्त ने किस प्रकार से विद्या प्राप्त करने का प्रयास किया?)
उत्तरम् – तपोदत्तः तपश्चर्यया विद्यां प्राप्तुं प्रवृत्तोऽभवत्। (तपोदत्त ने तपस्या करके विद्या प्राप्त करने का प्रयास किया।)
(ग) तपोदत्तः पुरुषस्य कां चेष्टां दृष्ट्वा अहसत्? (तपोदत्त ने पुरुष की कौन सी क्रिया देखकर हँसा?)
उत्तरम् – पुरुषमेकं सिकताभि सेतुनिर्माणप्रयासं कुर्वाणं दृष्ट्वा अहसत्। (उसने उस पुरुष को रेत के बूँदों से पुल बनाने का प्रयास करते देखकर हँसा।)
(घ) तपोमात्रेण विद्यां प्राप्तुं तस्य प्रयासः कीदृशः कथितः? (तपोमात्रा से विद्या प्राप्त करने के उसके प्रयास को किस प्रकार बताया गया? )
उत्तरम् – तपोमात्रेण विद्यां प्राप्तुं तस्य प्रयासः सिकताभिरेव सेतुनिर्माणप्रयास मिव कथितः। (तपोमात्रा से विद्या प्राप्त करने के उसके प्रयास को रेत से पुल बनाने के प्रयास जैसा बताया गया।)
(ङ) अन्ते तपोदत्तः विद्याग्रहणाय कुत्र गतः? (अंत में तपोदत्त विद्या प्राप्त करने के लिए कहाँ गया?)
उत्तरम् – अन्ते तपोदत्तः विद्याग्रहणाय गुरुकुलं गतः। (अंत में तपोदत्त विद्या ग्रहण करने के लिए गुरुकुल गया।)
3. भिन्नवर्गीयं पदं चिनुत-
(भिन्न वर्ग का पद चुनें)
यथा: अधिरोढुम्, गन्तुम्, सेतुम्, निर्मातुम्
उत्तर: सेतुम्
शब्दः | अर्थः | वर्गः (वर्गीकरणम्) |
|---|---|---|
अधिरोढुम् | चढ़ने के लिए | तुमुन् प्रत्यय (इच्छार्थक संज्ञा) |
गन्तुम् | जाने के लिए | तुमुन् प्रत्यय |
सेतुम् | सेतु को | द्वितीया विभक्ति, संज्ञा (कर्म) |
निर्मातुम् | बनाने के लिए | तुमुन् प्रत्यय |
(क) निःश्वस्य, चिन्तय, विमृश्य, उपेत्य
उत्तर: चिन्तय
शब्दः | अर्थः | वर्गः |
|---|---|---|
निःश्वस्य | गहरी साँस लेकर | ल्यप् प्रत्यय (कृदन्त, क्रिया-विशेषण) |
चिन्तय | सोच | लोट् लकार, मध्यमपुरुष, एकवचन (आज्ञार्थक क्रिया) |
विमृश्य | विचार करके | ल्यप् प्रत्यय |
उपेत्य | पास आकर | ल्यप् प्रत्यय |
(ख) विश्वसिमि, पश्यामि, करिष्यामि, अभिलषामि
उत्तर: करिष्यामि
शब्दः | अर्थः | वर्गः |
|---|---|---|
विश्वसिमि | मैं विश्वास करता हूँ | लट् लकार, उत्तमपुरुष, एकवचन |
पश्यामि | मैं देखता हूँ | लट् लकार, उत्तमपुरुष, एकवचन |
करिष्यामि | मैं करूँगा | लृट् लकार (भविष्यत्), उत्तमपुरुष, एकवचन |
अभिलषामि | मैं इच्छा करता हूँ | लट् लकार, उत्तमपुरुष, एकवचन |
(ग) तपोभिः, दुर्बुद्धिः, सिकताभिः, कुटुम्बिभिः
उत्तर: दुर्बुद्धिः
शब्दः | अर्थः | वर्गः |
|---|---|---|
तपोभिः | तपों से | तृतीया विभक्ति, बहुवचन |
दुर्बुद्धिः | मन्दबुद्धि | प्रथमा विभक्ति, एकवचन (संज्ञा) |
सिकताभिः | बालूओं से | तृतीया विभक्ति, बहुवचन |
कुटुम्बिभिः | परिवारजनों से | तृतीया विभक्ति, बहुवचन |
प्रश्न 4. (क) रेखाङ्कितानि सर्वनामपदानि कस्मै प्रयुक्तानि?-
(रेखांकित सर्वनाम किनके लिए प्रयुक्त हैं?)
(i) अलमलं तव श्रमेण। (आपका श्रम व्यर्थ नहीं गया।)
उत्तरः – पुरुषाय।
हिन्दी: यह “तव” सर्वनाम किसके लिए प्रयुक्त है? – पुरुष (आपके लिए)।
(ii) न अहं सोपानमागैरट्टमधिरोढुं विश्वसिमि। (मैं विश्वास नहीं करता कि मैं सीढ़ियों से ऊपर चढ़ पाऊँगा।)
उत्तरः – पुरुषाय।
हिन्दी: यह “अहं” सर्वनाम किसके लिए प्रयुक्त है? – पुरुष (मैं)।
(iii) चिन्तितं भवता न वा। (क्या यह आपके द्वारा चिन्तित नहीं किया गया?)
उत्तरः – पुरुषाय।
हिन्दी: यह “भवता” सर्वनाम किसके लिए प्रयुक्त है? – पुरुष (आप द्वारा)।
(iv) गुरुगृहं गत्वैव विद्याभ्यासो मया करणीयः? (क्या मुझे गुरुकुल जाकर अध्ययन करना चाहिए?)
उत्तरः – तपोदत्ताय।
हिन्दी: यह “मया” सर्वनाम किसके लिए प्रयुक्त है? – तपोदत्त (मेरे द्वारा)।
(v) भवद्भिः उन्मीलितं मे नयनयुगलम्। (आपके द्वारा मेरी आँखें खोल दी गईं।)
उत्तरः – तपोदत्ताय।
हिन्दी: यह “भवद्भिः” सर्वनाम किसके लिए प्रयुक्त है? – तपोदत्त (आपके द्वारा)।
4. (ख) अधोलिखितानि कथनानि कः कं प्रति कथयति?-
नीचे दिए गए कथन किसी व्यक्ति ने किसके प्रति कहे हैं?
कथनानि | कः (किसने) | कम् (किससे) |
|---|---|---|
(i) हा विधे! किमिदं मया कृतम्? (“हे भगवान! यह मैंने क्या किया?”) | तपोदत्तः | स्वयम् (आत्मगतम्) |
(ii) भो महाशय! किमिदं विधीयते। (“हे महाशय! यह क्या किया जा रहा है?”) | तपोदत्तः | पुरुषम् |
(iii) भोस्तपस्विन्! कथं माम् उपरुणत्सि। (“हे तपस्वी! तुम मुझे कैसे हरा देते हो?”) | पुरुषः | तपोदत्तम् |
(iv) सिकताः जलप्रवाहे स्थास्यन्ति किम्? (“क्या बालू जलप्रवाह में स्थिर रहेगा?”) | तपोदत्तः | पुरुषम् |
(v) नाहं जाने कोऽस्ति भवान्? (“मैं नहीं जानता कि आप कौन हैं?”) | तपोदत्तः | पुरुषम् |
प्रश्न 5: स्थूलपदान्यधिकृत्य प्रश्ननिर्माणं कुरुत –
मुख्य शब्दों (स्थूलपदों) के आधार पर प्रश्न बनाइए।
(क) तपोदत्तः तपश्चर्यया विद्यामवाप्तुं प्रवृत्तोऽस्ति।
(तपोदत्त ने कठिन अभ्यास द्वारा ज्ञान प्राप्त करने का प्रयास किया।)
उत्तरः तपोदत्तः केन प्रकारेण विद्याभवाप्तं प्रवृत्तोऽस्ति?
(तपोदत्त ने किस प्रकार से ज्ञान प्राप्त करने का प्रयास किया?)
(ख) तपोदत्तः कुटुम्बिभिः स्त्रैः गर्हितः अभवत्।
(तपोदत्त अपने परिवार वालों द्वारा निंदा किया गया।)
उत्तरः कः कुटुम्बिभिः स्त्रैः गर्हितः अभवत्?
(कौन परिवार वालों द्वारा निंदा किया गया?)
(ग) पुरुषः नद्यां सिकताभिः सेतुं निर्मातुं प्रयतते।
(पुरुष नदी में रेत से पुल बनाने का प्रयास कर रहा है।)
उत्तरः पुरुषः कुत्र सिकताभिः सेतुं निर्मातुं प्रयतते?
(पुरुष कहाँ रेत से पुल बनाने का प्रयास कर रहा है?)
(घ) तपोदत्तः अक्षरज्ञानं विनैव वैदुष्यमवाप्तुम् अभिलषति।
(तपोदत्त अक्षरों का ज्ञान पाए बिना विद्वत्ता प्राप्त करना चाहता है।।)
उत्तरः तपोदत्तः कम् विनैव वैदुष्यमवाप्तुम् अभिलषति?
(तपोदत्त किस चीज़ के बिना विद्वत्ता प्राप्त करना चाहता है?)
(ङ) तपोदत्तः विद्याध्ययनाय गुरुकुलम् अगच्छत्।
(तपोदत्त शिक्षा प्राप्त करने के लिए गुरुकुल गया।)
उत्तरः तपोदत्तः किमर्थं गुरुकुलम् अगच्छत्?
(तपोदत्त गुरुकुल क्यों गया?)
(च) गुरुगृहं गत्वैव विद्याभ्यासः करणीयः।
(गुरु के घर जाकर ही पढ़ाई करनी चाहिए।)
उत्तरः कुत्र गत्वैव विद्याभ्यासः करणीयः?
(पढ़ाई कहाँ जाकर करनी चाहिए?)
प्रश्न 6. उदाहरणमनुसृत्य अधोलिखितविग्रहपदानां समस्तपदानि लिखत –
(उदाहरण के अनुसार नीचे दिए गए शब्दों को जोड़कर एक शब्द बनाइए।)
| विग्रहपदानि (अलग शब्द) | समस्तपदानि (जोड़कर शब्द) | हिन्दी अर्थ |
|---|---|---|
| संकल्पस्य सातत्येन | संकल्पसातत्येन | संकल्प की निरंतरता |
| अक्षराणां ज्ञानम् | अक्षरज्ञानम् | अक्षरों का ज्ञान |
| सिकतायाः सेतुः | सिकतासेतुः | रेतीले स्थान का पुल |
| पितुः चरणैः | पितृचरणैः | पिता के चरणों से |
| गुरोः गृहम् | गुरुगृहम् | गुरु का घर |
| विद्यायाः अभ्यासः | विद्याभ्यासः | विद्या का अभ्यास |
(अ) उदाहरणमनुसृत्य अधोलिखितानां समस्तपदानां विग्रहं कुरुत-
(“उदाहरण के अनुसार नीचे लिखे हुए जोड़कर बने शब्दों को उनके भागों में बाँटो।”)
यथा- नयनयुगलम् नयनयोः युगलम्
| क्रम | समस्तपद (संस्कृत) | विग्रह (संस्कृत) | हिन्दी अर्थ |
|---|---|---|---|
| (क) | जलप्रवाहे | जलस्य प्रवाहे | जल का प्रवाह |
| (ख) | तपश्चर्यया | तपसः चर्यया | तप का पालन / तपस्या का अभ्यास |
| (ग) | जलोच्छलनध्वनिः | जलस्य उच्छलनस्य ध्वनिः | जल के उछलने की आवाज़ |
| (घ) | सेतुनिर्माणप्रयासः | सेतोः निर्माणस्य प्रयासः | पुल बनाने का प्रयास |
7. उदाहरणमनुसृत्य नूतनं वाक्यद्वयं रचयत –
(उदाहरण के अनुसार नए वाक्य बनाएँ।)
(क) यथा – अलं चिन्तया। (‘अलम्’ योगे तृतीया)
हिन्दी: जैसा – ‘अलम्’ के साथ – चिन्ता द्वारा (तृतीया कारक में)
(i) अलं – भयेन – (भय)
हिन्दी: अलम् (सब कुछ) – भय से।
उदाहरण अर्थ: सब कुछ भय के कारण।
(ii) अलं – कोलाहलेन – (कोलाहल)
हिन्दी: अलम् (सब कुछ) – कोलाहल के कारण।
उदाहरण अर्थ: सब कुछ कोलाहल के कारण।
(ख) यथा – माम् अनु स गच्छति। – (‘अनु’ योगे द्वितीया)
हिन्दी: जैसा – ‘अनु’ के साथ – द्वितीया कारक में
(i) गृहम् अनु मम विद्यालय अस्ति। – (गृह)
हिन्दी: घर के पास मेरा विद्यालय है।
(ii) पर्वतम् अनु नदी वहति। – (पर्वत)
हिन्दी: पर्वत के पास नदी बहती है।
(ग) यथा – अक्षरज्ञानं विनैव वैदुष्यं प्राप्तुमभिलषसि। – (‘विनैव’ योगे द्वितीया)
हिन्दी: जैसा – अक्षरज्ञान के बिना विदुषिता (ज्ञान) प्राप्त करना चाहो।
(i) परिश्रमं विनैव त्वं प्रथमस्थानं प्राप्तुमभिलषसि। – (परिश्रम)
हिन्दी: परिश्रम के बिना तुम प्रथम स्थान प्राप्त करना चाहते हो।
(ii) अभ्यासं विनैव त्वं विद्यां प्राप्तुमभिलषसि। – (अभ्यास)
हिन्दी: अभ्यास के बिना तुम विद्या प्राप्त करना चाहते हो।


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