हिंदी दिवस 2025 के अवसर पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुजरात के गांधीनगर स्थित महात्मा मंदिर में पांचवें अखिल भारतीय राजभाषा सम्मेलन का उद्घाटन किया। इस अवसर पर विभिन्न केंद्रीय सरकारी विभागों के 7,000 से अधिक अधिकारियों को संबोधित करते हुए उन्होंने मातृभाषाओं के प्रति सम्मान और हिंदी को एक लचीली व विकसित होती राष्ट्रीय भाषा के रूप में बढ़ावा देने की आवश्यकता पर जोर दिया। कार्यक्रम में भाषायी सहअस्तित्व और भाषा नीति में नवाचार की दिशा में नई पहलें सामने आईं।
हिंदी और क्षेत्रीय भाषाओं के बीच सामंजस्य
गृह मंत्री ने कहा कि हिंदी को समय के साथ बदलना होगा और इसका दायरा बातचीत तक सीमित न रहकर विज्ञान, प्रौद्योगिकी, पुलिसिंग और न्यायपालिका तक विस्तृत होना चाहिए। उन्होंने संतुलित दृष्टिकोण अपनाने का आह्वान किया जिसमें क्षेत्रीय भाषाओं का सम्मान हो और साथ ही हिंदी की संस्थागत भूमिका भी सुदृढ़ हो।
“हिंदी का अन्य भाषाओं से प्रतिस्पर्धा का संबंध नहीं है, बल्कि सह-अस्तित्व और विकास का है। हमें अपनी मातृभाषाओं का सम्मान करना चाहिए और घर में उन्हें बढ़ावा देना चाहिए।”
सरकार की प्रमुख पहलें
गृह मंत्री ने दो प्रमुख सरकारी पहलें शुरू करने की घोषणा की:
1. सारथी प्लेटफ़ॉर्म
- एक डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म, जिसका उद्देश्य सरकारी सेवाओं और प्रशिक्षण में हिंदी के प्रयोग को बढ़ावा देना है।
2.हिंदी शब्द सिंधु कोश
- एक महत्वाकांक्षी परियोजना जिसके अंतर्गत डिजिटल हिंदी विश्वकोश तैयार किया जाएगा।
- लक्ष्य: 2029 तक इसे विश्व का सबसे बड़ा भाषाई ज्ञानकोश बनाना।
- उद्देश्य: तकनीकी और वैज्ञानिक क्षेत्रों में मानकीकृत हिंदी पारिभाषिक शब्दावली उपलब्ध कराना।
सांस्कृतिक और शैक्षिक पहलू
- मातृभाषा को घर पर अपनाने की अपील की, क्योंकि भाषा पहचान और संस्कृति से गहराई से जुड़ी है।
- गुजरात के स्थानीय भाषाओं को बढ़ावा देने के उदाहरण की सराहना की।
- भाषाई विविधता को मजबूत और एकीकृत भारत की नींव बताया।
राष्ट्रीय सहभागिता और उद्देश्य
इस सम्मेलन में विभिन्न मंत्रालयों और विभागों के 7,000 से अधिक अधिकारियों ने भाग लिया। सम्मेलन का लक्ष्य है:
- हिंदी और क्षेत्रीय भाषाओं के बीच समन्वय को बढ़ावा देना।
- बहुभाषी प्रशासनिक व्यवस्था को प्रोत्साहित करना।
- हिंदी की तकनीकी शब्दावली का विस्तार करना।
- राजभाषा नीति के क्रियान्वयन की समीक्षा करना।
सम्मेलन का महत्व
- राष्ट्रीय एकीकरण: यह सम्मेलन भारत की बहुभाषिक पहचान का सम्मान करते हुए समावेशी भाषा नीति के माध्यम से एकता को बढ़ावा देता है।
- भविष्य की तैयारी: सारथी और शब्द सिंधु कोश जैसी डिजिटल पहलें हिंदी और अन्य भारतीय भाषाओं को डिजिटल व वैज्ञानिक युग के लिए तैयार करेंगी।
मुख्य बिंदु
- स्थान: महात्मा मंदिर, गांधीनगर
- तिथि: 14 सितंबर 2025 (हिंदी दिवस)
- उद्घाटनकर्ता: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह
- प्रमुख पहलें: सारथी प्लेटफ़ॉर्म, हिंदी शब्द सिंधु कोश

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