भारत की विद्युत और पावर उपकरण उद्योग के लिए एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में, केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने 10 सितंबर 2025 को नासिक में सेंट्रल पावर रिसर्च इंस्टिट्यूट (CPRI) की रीजनल टेस्टिंग लेबोरेटरी (RTL) का उद्घाटन किया। यह नई सुविधा पावर मंत्रालय के तहत विकसित की गई है और विशेष रूप से पश्चिमी भारत के उद्योगों के लिए राष्ट्रीय परीक्षण अवसंरचना को विस्तारित करने में एक बड़ा कदम है।
यह प्रयोगशाला आधुनिक विद्युत ग्रिड में उपयोग होने वाले उपकरणों जैसे ट्रांसफॉर्मर, ऊर्जा मीटर, स्मार्ट मीटर और ट्रांसफॉर्मर ऑयल के परीक्षण के लिए अत्याधुनिक सेवाएँ प्रदान करेगी।
RTL नासिक का रणनीतिक महत्व
नासिक प्रयोगशाला CPRI के देशव्यापी प्रमुख परीक्षण नेटवर्क में नवीनतम जोड़ है। इसकी भौगोलिक स्थिति इस प्रकार चुनी गई है कि यह—
- पश्चिमी राज्यों जैसे महाराष्ट्र, गुजरात और मध्य प्रदेश को सेवा प्रदान करे।
- परीक्षण और प्रमाणन प्रक्रियाओं का टर्नअराउंड समय कम करे।
- गुणवत्ता नियंत्रण को बढ़ाए और यूटिलिटी के लिए तेज़ प्रोक्योरमेंट सुनिश्चित करे।
- इलेक्ट्रिकल मैन्युफैक्चरिंग MSMEs सहित क्षेत्रीय उद्योगों का समर्थन करे।
इससे आपूर्ति श्रृंखलाएँ सुचारू होंगी, उत्पाद गुणवत्ता सुनिश्चित होगी और आत्मनिर्भर भारत मिशन को बढ़ावा मिलेगा।
CPRI की भूमिका और व्यापक प्रभाव
CPRI, पावर मंत्रालय के तहत एक स्वायत्त संस्था, विद्युत उपकरणों के परीक्षण, प्रमाणन और अनुसंधान में भारत का प्रमुख संगठन है। नासिक प्रयोगशाला का जोड़ा जाना सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है—
- क्षेत्रीय परीक्षण क्षमताओं का विस्तार।
- साफ़ और विश्वसनीय पावर इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा।
- औद्योगिक मानकों के अनुपालन को तेज़ करना।
यह पहल स्मार्ट ग्रिड तकनीक, ऊर्जा-कुशल समाधान और अंतरराष्ट्रीय मानक प्रमाणन के विकास में भी मदद करेगी, जिससे भारतीय निर्माता वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा कर सकेंगे।
स्थिर तथ्य और मुख्य बिंदु
- उद्घाटनकर्ता: श्री मनोहर लाल खट्टर, केंद्रीय मंत्री, पावर और हाउसिंग
- सुविधा का नाम: रीजनल टेस्टिंग लेबोरेटरी (RTL), नासिक
- प्रशासित द्वारा: सेंट्रल पावर रिसर्च इंस्टिट्यूट (CPRI), पावर मंत्रालय के तहत
- स्थान: नासिक, महाराष्ट्र
- उद्देश्य: ट्रांसफॉर्मर, स्मार्ट मीटर, ऊर्जा मीटर और ट्रांसफॉर्मर ऑयल का परीक्षण
यह प्रयोगशाला पश्चिमी भारत के विद्युत उद्योग में गुणवत्ता, विश्वसनीयता और आत्मनिर्भरता को मजबूत करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
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