भारत वर्ष 2027 में चेन्नई में 5वें कोस्ट गार्ड ग्लोबल समिट (CGGS) की मेज़बानी करेगा, जिससे अंतरराष्ट्रीय समुद्री सहयोग में उसका नेतृत्व और सशक्त होगा। इस संबंध में घोषणा 11–12 सितम्बर 2025 को इटली की राजधानी रोम में आयोजित 4वें CGGS के दौरान हुई, जहाँ 115 देशों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधियों ने भारत के प्रस्ताव का सर्वसम्मति से समर्थन किया। वर्ष 2027 का यह शिखर सम्मेलन भारतीय तटरक्षक बल (ICG) की स्वर्ण जयंती समारोह के साथ आयोजित होगा, जिससे यह आयोजन राष्ट्रीय महत्व के साथ-साथ वैश्विक दृष्टि से भी अत्यंत प्रासंगिक बन जाएगा।
कोस्ट गार्ड ग्लोबल समिट (CGGS) क्या है?
CGGS एक अंतरराष्ट्रीय मंच है, जो दुनिया भर के तटरक्षक बलों, समुद्री सुरक्षा एजेंसियों और संबंधित संस्थाओं को एक साथ लाता है। इसका उद्देश्य है:
- उभरती समुद्री सुरक्षा चुनौतियों पर चर्चा करना
- अंतरराष्ट्रीय सहयोग बढ़ाना
- परस्पर कार्यसक्षमता (interoperability) और सूचना आदान-प्रदान को प्रोत्साहन देना
- खोज एवं बचाव (SAR), समुद्री पर्यावरण संरक्षण और समुद्र में कानून प्रवर्तन को मजबूत करना
आज के समय में जब समुद्री अपराध, समुद्री डकैती और जलवायु संबंधी खतरे बढ़ रहे हैं, CGGS वैश्विक रणनीतियाँ बनाने का महत्वपूर्ण मंच है।
CGGS 2027 की मुख्य झलकियाँ
1. मेज़बान शहर – चेन्नई
भारत 2027 में 5वाँ CGGS तीन दिनों तक चेन्नई में आयोजित करेगा। यह शहर भारतीय तटरक्षक बल के पूर्वी क्षेत्रीय मुख्यालय और कई नौसैनिक ठिकानों का केंद्र है।
2. भारतीय तटरक्षक बल की स्वर्ण जयंती
1977 में स्थापित भारतीय तटरक्षक बल 2027 में 50 वर्ष पूरे करेगा। इस अवसर पर आयोजित CGGS भारत की यात्रा को प्रदर्शित करेगा, जिसमें यह एक छोटे तटीय बल से दुनिया की अग्रणी समुद्री एजेंसियों में से एक बना।
3. विशेष कार्यक्रम
- अंतरराष्ट्रीय कोस्ट गार्ड फ्लीट रिव्यू – विभिन्न देशों के तटरक्षक जहाज़ों की समुद्र पर परेड, जो समुद्री एकता का प्रतीक होगी।
- विश्व कोस्ट गार्ड संगोष्ठी – उच्चस्तरीय सम्मेलन, जिसमें समुद्री मुद्दों, नवाचार और सहयोग पर चर्चा होगी।
4वें CGGS (रोम 2025) में भारत की भूमिका
रोम सम्मेलन में भारतीय तटरक्षक बल के महानिदेशक (DG) परमेेश शिवमणि ने कहा कि कोई भी देश अकेले सभी समुद्री चुनौतियों का सामना नहीं कर सकता। उन्होंने जोर दिया:
- वैश्विक तटरक्षक बलों के बीच विश्वास और परस्पर कार्यसक्षमता की आवश्यकता है।
- संवाद और सहयोग के लिए समावेशी मंच चाहिए।
- सामूहिक समुद्री क्षेत्र जागरूकता (Maritime Domain Awareness) ज़रूरी है।
भारत ने इस सम्मेलन में इटली से CGGS अध्यक्षता भी ग्रहण की और जापान को CGGS सचिवालय की भूमिका निभाने के लिए सराहा।
भारत–इटली द्विपक्षीय सहयोग
सम्मेलन के दौरान DG ICG ने इटली के तटरक्षक बल प्रमुख से मुलाकात की। चर्चा भारत–इटली संयुक्त रणनीतिक कार्य योजना 2025–2029 के रक्षा सहयोग प्रावधानों के अंतर्गत हुई। मुख्य बिंदु थे:
- समुद्री खोज एवं बचाव (M-SAR)
- समुद्री प्रदूषण नियंत्रण और पर्यावरण संरक्षण
- अंतरराष्ट्रीय समुद्री अपराधों से निपटना
- प्रशिक्षण और तकनीकी सहयोग
- समुद्री सूचना और श्रेष्ठ अभ्यासों का आदान-प्रदान
रणनीतिक महत्व
समुद्री सुरक्षा में नेतृत्व
CGGS 2027 की मेज़बानी भारत की वैश्विक समुद्री सुरक्षा और सुरक्षित समुद्री व्यवस्था के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
क्षेत्रीय सहयोग
भारत पहले से ही IORA, QUAD और IONS जैसी पहल में सक्रिय भूमिका निभाता है। CGGS इन प्रयासों को पूरक बनाता है।
रक्षा कूटनीति को बढ़ावा
यह आयोजन भारत की समुद्री कूटनीति और सॉफ्ट पावर को मज़बूती देगा और वैश्विक मानक तय करने का अवसर प्रदान करेगा।
मुख्य तथ्य संक्षेप में
- भारत 2027 में चेन्नई में 5वाँ CGGS आयोजित करेगा।
- यह घोषणा 11–12 सितम्बर 2025 को रोम (इटली) में हुई।
- इसमें 115 देशों के प्रतिनिधि शामिल हुए।
- आयोजन भारतीय तटरक्षक बल की 50वीं वर्षगांठ के साथ होगा।
- इसमें अंतरराष्ट्रीय फ्लीट रिव्यू और विश्व संगोष्ठी का आयोजन होगा।
- भारत ने CGGS की अध्यक्षता इटली से संभाली।

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