मध्य प्रदेश मंत्रिमंडल ने वर्ष 2025 में कृषि सहायता और किसानों के कल्याण को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। राज्य सरकार ने कोदो और कुटकी जैसे मोटे अनाजों की खरीद प्रमुख उत्पादन जिलों में किसानों से सीधे करने का निर्णय लिया है। इस कदम का उद्देश्य मोटे अनाज की खेती को प्रोत्साहन देना और किसानों को बेहतर आय सुनिश्चित करना है। इसके साथ ही, सोयाबीन किसानों और एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम) विकास के लिए भी योजनाओं को मंजूरी दी गई है। सरकार ने पेंशनभोगियों के महंगाई राहत भत्ते में वृद्धि की है और युवाओं के लिए कोचिंग योजनाओं का विस्तार किया है। ये सभी पहल ग्रामीण विकास और आर्थिक सहयोग की व्यापक दृष्टि को दर्शाती हैं।
मोटा अनाज (मिलेट) खरीद पहल
पहली बार, मध्य प्रदेश सरकार कोदो और कुटकी की खरीद किसानों से करेगी। इसके तहत जबलपुर, कटनी, मंडला सहित प्रमुख उत्पादन जिलों को लक्षित किया गया है। इस खरीद की जिम्मेदारी श्री अन्न कंसोर्टियम ऑफ फार्मर-प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड को सौंपी गई है। खरीफ 2025 सीजन के लिए लक्ष्य 30,000 मीट्रिक टन रखा गया है। कुटकी की खरीद ₹3,500 प्रति क्विंटल और कोदो की ₹2,500 प्रति क्विंटल की दर से की जाएगी। इस योजना के तहत कंसोर्टियम को राज्य के मूल्य स्थिरीकरण कोष से ₹80 करोड़ का ब्याज-मुक्त ऋण प्रदान किया जाएगा। साथ ही, किसानों को प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) के माध्यम से ₹1,000 प्रति क्विंटल का प्रोत्साहन भी दिया जाएगा। इस योजना का उद्देश्य मोटे अनाजों के दामों को स्थिर करना और किसानों की आय बढ़ाना है।
सोयाबीन के लिए भावांतर भुगतान योजना
मंत्रिमंडल ने सोयाबीन किसानों के लिए भावांतर योजना को मंजूरी दी है। अधिसूचित मंडियों में सोयाबीन की बिक्री 24 अक्टूबर 2025 से 15 जनवरी 2026 तक होगी। मॉडल मूल्य 14 दिनों के औसत मंडी मूल्यों के आधार पर तय किया जाएगा। किसानों को ₹5,238 प्रति क्विंटल के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) और बाजार मूल्य के बीच का अंतर सीधे बैंक खाते में दिया जाएगा। यह योजना किसानों को मूल्य में उतार-चढ़ाव से सुरक्षा प्रदान करती है और न्यूनतम आय सुनिश्चित करती है।
एमएसएमई विकास के लिए RAMP कार्यक्रम
मध्य प्रदेश ने रेज़िंग एंड एक्सीलरेटिंग एमएसएमई परफॉर्मेंस (RAMP) कार्यक्रम लागू करने की सहमति दी है। इस परियोजना का कुल बजट ₹105.36 करोड़ है, जिसमें राज्य सरकार का 30% अर्थात ₹31.60 करोड़ का योगदान होगा। यह कार्यक्रम सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय द्वारा शुरू किया गया है, जिसका उद्देश्य एमएसएमई को क्षमता निर्माण और तकनीकी उन्नयन के माध्यम से मजबूत बनाना है। इस कार्यक्रम से राज्य में रोजगार और औद्योगिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।
पेंशनभोगियों के महंगाई राहत भत्ते में वृद्धि
मंत्रिमंडल ने राज्य सरकार के पेंशनभोगियों के लिए महंगाई राहत (डीआर) में वृद्धि को मंजूरी दी है। सातवें वेतन आयोग के तहत डीआर 53% से बढ़ाकर 55% किया गया है, जबकि छठे वेतन आयोग के तहत यह 246% से बढ़ाकर 252% किया गया है। यह वृद्धि 1 सितंबर 2025 से प्रभावी होगी और भुगतान अक्टूबर 2025 से किया जाएगा। इस कदम से पेंशनभोगियों को महंगाई और बढ़ती जीवन-यापन लागत से राहत मिलेगी।
युवा कोचिंग योजना का विस्तार
सरदार पटेल कोचिंग एंड ट्रेनिंग स्कीम, 2021 का विस्तार किया गया है। इसके अंतर्गत पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक समुदायों के 5,000 युवाओं को निशुल्क परीक्षा पूर्व कोचिंग दी जाएगी। यह योजना वित्तीय वर्ष 2025-26 और 2026-27 में रोजगार से संबंधित प्रतियोगी परीक्षाओं को कवर करेगी। इस पहल का उद्देश्य वंचित वर्गों को गुणवत्तापूर्ण कोचिंग उपलब्ध कराना और उनके रोजगार अवसरों में सुधार करना है।

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