ओडिशा की उभरती हुई वेटलिफ्टिंग स्टार प्रीतिस्मिता भोई ने बहरीन में आयोजित तीसरे एशियाई यूथ गेम्स में 44 किलोग्राम वर्ग में स्वर्ण पदक जीतकर भारत का नाम रोशन किया है। धेंकानाल की 16 वर्षीय इस खिलाड़ी ने न केवल स्वर्ण पदक जीता बल्कि क्लीन एंड जर्क स्पर्धा में एशियाई और विश्व रिकॉर्ड भी बनाया।
बहरीन में ऐतिहासिक प्रदर्शन
प्रीतिस्मिता ने शानदार प्रदर्शन करते हुए कुल 158 किलोग्राम वजन उठाया, जिसमें से 92 किलोग्राम क्लीन एंड जर्क में था – जो एशियाई और विश्व युवा रिकॉर्ड है। उनकी यह असाधारण उपलब्धि उन्हें इतिहास की सबसे कम उम्र की रिकॉर्डधारी वेटलिफ्टरों में से एक बनाती है। इस जीत ने भारत की अंतरराष्ट्रीय वेटलिफ्टिंग उपलब्धियों में एक और स्वर्णिम अध्याय जोड़ दिया है।
प्रशिक्षण और प्रारंभिक उपलब्धियाँ
प्रीतिस्मिता वर्तमान में भुवनेश्वर के कलिंगा स्टेडियम स्थित “वेटलिफ्टिंग हाई परफॉर्मेंस सेंटर” में प्रशिक्षण ले रही हैं। वह लगातार अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अपनी पहचान बना रही हैं। पिछले वर्ष उन्होंने पेरू में आयोजित विश्व युवा चैंपियनशिप 2024 में 40 किलोग्राम वर्ग में स्वर्ण पदक जीता था और क्लीन एंड जर्क में विश्व रिकॉर्ड भी बनाया था। उनका निरंतर उत्कृष्ट प्रदर्शन दर्शाता है कि वे भारत की सबसे सफल वेटलिफ्टरों में से एक बनने की क्षमता रखती हैं।
राष्ट्रीय स्तर पर सराहना
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने प्रीतिस्मिता को उनकी इस असाधारण उपलब्धि के लिए बधाई दी। उन्होंने एक्स (X) पर लिखा -“धेंकानाल, ओडिशा की प्रीतिस्मिता भोई ने बहरीन में आयोजित तीसरे एशियाई यूथ गेम्स 2025 में भारत का गौरव बढ़ाया है। उन्होंने 44 किलोग्राम वर्ग में स्वर्ण पदक जीता और 92 किलोग्राम वजन उठाकर एशियाई व विश्व रिकॉर्ड बनाया। उनके उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएँ।”
परीक्षा के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण तथ्य
- प्रीतिस्मिता भोई ने 44 किलोग्राम वर्ग में स्वर्ण पदक जीता।
- उन्होंने क्लीन एंड जर्क में 92 किलोग्राम उठाकर नया एशियाई और विश्व रिकॉर्ड बनाया।
- वे कलिंगा स्टेडियम, भुवनेश्वर के हाई परफॉर्मेंस सेंटर में प्रशिक्षण लेती हैं।
- उन्होंने 2024 में पेरू में आयोजित विश्व युवा चैंपियनशिप में 40 किलोग्राम वर्ग में स्वर्ण पदक जीता था।
ओडिशा की खेल प्रतिभा का प्रतीक
प्रीतिस्मिता की यह उपलब्धि दर्शाती है कि ओडिशा अब खेल उत्कृष्टता का केंद्र बनता जा रहा है। राज्य की मजबूत खेल संरचना और प्रतिभा विकास कार्यक्रमों ने युवा खिलाड़ियों को नई ऊँचाइयाँ छूने का अवसर दिया है। जैसे-जैसे प्रीतिस्मिता अगले महीने 17 वर्ष की होंगी, वे भारत के लिए गौरव लाने को तैयार नई पीढ़ी की प्रेरणा बन चुकी हैं।

Leave a Reply