प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 सितंबर 2025 को PRAGATI की 49वीं बैठक की अध्यक्षता की। PRAGATI (Pro-Active Governance And Timely Implementation) एक आईसीटी-सक्षम बहु-आयामी प्लेटफॉर्म है, जिसे सक्रिय शासन और समय पर कार्यान्वयन के लिए विकसित किया गया है। यह पहल केंद्र और राज्यों को जोड़ती है, ताकि प्रमुख विकास परियोजनाओं को तेज़ी से पूरा किया जा सके, अड़चनों का प्रभावी समाधान किया जा सके और सार्वजनिक संपत्तियों का समय पर वितरण सुनिश्चित किया जा सके। इस सत्र में, प्रधानमंत्री ने आठ बड़े बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की समीक्षा की, जिनमें खनन, रेलवे, जल संसाधन, औद्योगिक गलियारों और ऊर्जा क्षेत्रों के प्रोजेक्ट शामिल थे।
PRAGATI के बारे में
- PRAGATI प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) द्वारा विकसित डिजिटल प्लेटफॉर्म है।
- यह केंद्रीय सरकार और राज्य प्रशासन के बीच वास्तविक समय निगरानी और समन्वय को सक्षम बनाता है।
- प्लेटफॉर्म पीएम और राज्य अधिकारियों के बीच सीधे संवाद की सुविधा देता है, जिससे नौकरशाही देरी और विभागीय झगड़ों को पार किया जा सके।
- यह सुनिश्चित करता है कि महत्वपूर्ण राष्ट्रीय परियोजनाएं रुकी न रहें और नागरिकों को उनके लाभ समय पर मिलें।
49वीं बैठक की मुख्य विशेषताएँ
परियोजना अवलोकन:
- प्रधानमंत्री ने आठ बड़े बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की समीक्षा की, जिनमें कुल ₹65,000 करोड़ का निवेश है।
- ये परियोजनाएँ 15 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में फैली हैं।
- क्षेत्र:
- खनन परियोजनाएँ (संसाधन दक्षता बढ़ाने के लिए)
- रेलवे अवसंरचना (संवहन और लॉजिस्टिक्स सुधारने के लिए)
- जल संसाधन परियोजनाएँ (सिंचाई और शहरी जल आपूर्ति बढ़ाने के लिए)
- औद्योगिक गलियारे (निर्माण और निर्यात को बढ़ावा देने के लिए)
- ऊर्जा क्षेत्र की परियोजनाएँ (ऊर्जा मांग को पूरा करने के लिए)
समीक्षा के मुख्य विषय:
- समय पर क्रियान्वयन: सभी परियोजनाओं के लिए स्पष्ट मील के पत्थर निर्धारित करना और उनका पालन करना।
- समन्वित दृष्टिकोण: केंद्रीय और राज्य अधिकारियों के बीच सहयोग को मजबूत करना।
- अड़चनों का समाधान: भूमि अधिग्रहण, पर्यावरण स्वीकृति या नियामक बाधाओं जैसे मुद्दों का त्वरित समाधान।
- परिणाम-केंद्रित शासन: प्रक्रिया आधारित नौकरशाही से परिणाम आधारित परियोजना कार्यान्वयन की ओर बदलाव।
शासन, विकास और नागरिक प्रभाव
- अवसंरचना – विकास चालक: रेलवे, ऊर्जा, खनन और औद्योगिक गलियारों में परियोजनाएँ रोजगार उत्पन्न करती हैं, लॉजिस्टिक्स को सुगम बनाती हैं, विदेशी निवेश आकर्षित करती हैं और जीवन स्तर बढ़ाती हैं।
- केंद्र-राज्य सहयोग मजबूत: PRAGATI मॉडल भारत के सहयोगात्मक संघवाद (Collaborative Federalism) को दर्शाता है और निर्णय निर्माताओं के बीच त्वरित संवाद सुनिश्चित करता है।
- नागरिक-केंद्रित शासन: तेज़ परियोजना समापन सुनिश्चित करता है कि नागरिक बेहतर परिवहन, विश्वसनीय बिजली, और बेहतर जल आपूर्ति जैसी सेवाओं तक समय पर पहुँच सकें।
स्थैतिक तथ्य
- PRAGATI लॉन्च: 25 मार्च 2015
- प्लेटफॉर्म प्रकार: ICT-आधारित बहु-आयामी प्लेटफॉर्म
- शुरुआतकर्ता: प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO)
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