अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (AIIA), नई दिल्ली में नेतृत्व का नया अध्याय शुरू हुआ है, जब प्रोफेसर प्रदीप कुमार प्रजापति ने 13 सितम्बर 2025 को निदेशक का कार्यभार औपचारिक रूप से संभाला। उनकी नियुक्ति ऐसे समय पर हुई है जब भारत सरकार आयुष मिशन के अंतर्गत पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों को मज़बूत बनाने पर ध्यान केंद्रित कर रही है और विशेषकर आयुर्वेद को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने का प्रयास कर रही है। शिक्षण, शोध और प्रशासन में दशकों के अनुभव के साथ प्रो. प्रजापति से उम्मीद की जा रही है कि वे AIIA को विकास और अंतरराष्ट्रीय सहयोग के नए दौर में लेकर जाएंगे। उनका नेतृत्व साक्ष्य-आधारित (Evidence-based) आयुर्वेद को मुख्यधारा स्वास्थ्य प्रणाली में एकीकृत करने के राष्ट्रीय लक्ष्य से मेल खाता है।
शैक्षणिक एवं शोध पृष्ठभूमि
- प्रो. प्रजापति ने कई प्रतिष्ठित आयुर्वेदिक संस्थानों में कार्य किया है।
- निदेशक नियुक्ति से पूर्व वे डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन राजस्थान आयुर्वेद विश्वविद्यालय, जोधपुर के कुलपति रहे।
- उन्होंने लंबे समय तक गुजरात आयुर्वेद विश्वविद्यालय, जामनगर में शोध और शैक्षणिक विकास में योगदान दिया।
- उन्होंने अपना करियर राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान (NIA), जयपुर में सहायक प्रोफेसर के रूप में शुरू किया, जहां उन्होंने शिक्षण और नैदानिक अनुसंधान में विशेषज्ञता हासिल की।
- उनकी शैक्षणिक उपलब्धियों में BAMS (गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय), तथा MD और PhD (काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, BHU) शामिल हैं।
आयुर्वेद को वैश्विक स्तर पर ले जाने की दृष्टि
- कार्यभार संभालने के बाद अपने प्रथम संबोधन में उन्होंने इसे “गौरव और सम्मान का विषय” बताया।
- उन्होंने सरकार की उस दृष्टि पर बल दिया जिसमें आयुर्वेद को जन-जन तक पहुँचाना है।
- वे आश्वस्त हैं कि सभी विभागों के सहयोग से AIIA आने वाले वर्षों में वैश्विक पहचान हासिल कर सकेगा।
- कार्यभार संभालते ही उन्होंने AIIA संकाय के लिए आयोजित CME (निरंतर चिकित्सा शिक्षा) कार्यक्रम के समापन सत्र में भाग लिया और दीप प्रज्वलन किया।
- डीन प्रो. महेश व्यास ने कहा कि प्रो. प्रजापति का व्यापक अनुभव AIIA को “नई ऊँचाइयों” तक ले जाएगा।
महत्वपूर्ण तथ्य (परीक्षा हेतु)
- नाम: प्रो. प्रदीप कुमार प्रजापति
- पद: निदेशक, अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (AIIA), नई दिल्ली
- नियुक्ति तिथि: 13 सितम्बर 2025
- कार्यकाल: 5 वर्ष या सेवानिवृत्ति तक
- पूर्व पद: कुलपति, राजस्थान आयुर्वेद विश्वविद्यालय

Leave a Reply