केंद्रीय कर्मचारियों के लिए एक अहम कदम उठाते हुए भारत सरकार ने नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) और यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) के तहत लाइफ साइकिल 75 (LC75) और बैलेंस्ड लाइफ साइकिल (BLC) निवेश विकल्पों को मंजूरी दे दी है।
यह फैसला सरकारी कर्मचारियों को निवेश के अधिक लचीले विकल्प प्रदान करेगा, जिससे अब उनका पेंशन निवेश ढांचा गैर-सरकारी सब्सक्राइबर्स के समान होगा।
इसका मतलब क्या है?
अब केंद्रीय सरकारी कर्मचारी अपने पेंशन निवेश के लिए कई विकल्पों में से चुनाव कर सकेंगे —
1. डिफॉल्ट ऑप्शन (Default Option): इसमें निवेश का पैटर्न PFRDA (Pension Fund Regulatory and Development Authority) द्वारा निर्धारित होता है।
2.स्कीम G: इसमें 100% निवेश सरकारी प्रतिभूतियों (Government Securities) में किया जाता है — यह कम जोखिम और निश्चित रिटर्न वाला विकल्प है।
3.LC-25: इसमें 25% तक इक्विटी निवेश की अनुमति होती है, जो उम्र 35 से 55 के बीच धीरे-धीरे घटता है।
4.LC-50: इसमें 50% तक इक्विटी निवेश की अनुमति है, जो उम्र बढ़ने के साथ धीरे-धीरे कम होता है।
5.BLC (Balanced Life Cycle): यह LC-50 का संशोधित रूप है, जिसमें इक्विटी घटने की प्रक्रिया 45 वर्ष की आयु से शुरू होती है, जिससे निवेशक अधिक समय तक इक्विटी में बने रह सकते हैं।
6. LC-75: यह नया और अधिक आक्रामक विकल्प है, जिसमें 75% तक इक्विटी निवेश की अनुमति है, जो 35 से 55 वर्ष की उम्र के बीच धीरे-धीरे कम होता है।
कर्मचारियों के लिए बढ़ी लचीलापन और विकल्प
- पहले केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के पास निवेश के सीमित रास्ते थे।
- अब LC75 और BLC के जुड़ने से वे अपने रिटायरमेंट कॉर्पस (retirement corpus) को अपनी जोखिम क्षमता (risk appetite) और निवेश समयावधि (investment horizon) के अनुसार बेहतर तरीके से प्रबंधित कर सकेंगे।
ग्लाइड-पाथ (Glide Path) मैकेनिज़्म क्या है?
- इन नए विकल्पों में ग्लाइड-पाथ मैकेनिज़्म अपनाया गया है, यानी निवेशक की उम्र बढ़ने के साथ-साथ इक्विटी का अनुपात धीरे-धीरे कम होता जाता है।
- उदाहरण के लिए, LC75 में शुरुआत में 75% तक इक्विटी रहती है, लेकिन सेवानिवृत्ति के करीब आते-आते यह घटती जाती है ताकि बाज़ार अस्थिरता से बचाव हो सके।
ऑटो-चॉइस विकल्पों का विस्तार
- इन विकल्पों के जुड़ने से “Auto Choice” पोर्टफोलियो का दायरा भी बढ़ गया है।
- Auto Choice का मतलब है — एक पूर्वनिर्धारित निवेश रणनीति, जो निवेशक की उम्र और जोखिम प्रोफाइल के अनुसार स्वचालित रूप से तय होती है। यह उन कर्मचारियों के लिए उपयोगी है जो खुद निवेश वितरण तय नहीं करना चाहते।
कर्मचारियों और पेंशन प्रणाली के लिए लाभ
कर्मचारियों के लिए फायदे:
- अब वे अपने रिटायरमेंट निवेश को अनुकूलित (customise) कर सकते हैं।
- करियर के शुरुआती वर्षों में अधिक इक्विटी निवेश (LC75) का लाभ उठा सकते हैं।
- BLC के जरिए लंबे समय तक इक्विटी में निवेश बनाए रख सकते हैं।
- अपनी आर्थिक लक्ष्यों और जोखिम क्षमता के अनुसार बेहतर रिटायरमेंट योजना बना सकते हैं।
सिस्टम के लिए लाभ:
- अधिक विकल्प देने से कर्मचारियों की भागीदारी और जागरूकता बढ़ेगी।
- निवेश रणनीतियाँ अब वास्तविक जोखिम प्रोफाइल से मेल खाएँगी।
- इससे दीर्घकालिक रिटायरमेंट रिटर्न में सुधार की संभावना बढ़ेगी।
मुख्य तथ्य एक नज़र में
| विषय | विवरण |
|---|---|
| घोषणा की तिथि | अक्टूबर 2025 |
| प्रमुख बदलाव | केंद्रीय कर्मचारियों के लिए LC75 और BLC विकल्प जोड़े गए |
| LC75 | 75% तक इक्विटी निवेश; 35 से 55 वर्ष के बीच इक्विटी का अनुपात धीरे-धीरे घटता है |
| BLC | LC-50 जैसा लेकिन इक्विटी घटने की शुरुआत 45 वर्ष से होती है |
| अन्य विकल्प | Default, Scheme G (100% सरकारी प्रतिभूतियाँ), LC-25, LC-50 |
| उद्देश्य | कर्मचारियों को जोखिम प्रोफाइल और रिटायरमेंट लक्ष्यों के अनुसार अधिक विकल्प देना |

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