उत्तराखंड में लागू होगा ग्रीन टैक्स: पर्यावरण संरक्षण की दिशा में बड़ा कदम
उत्तराखंड दिसंबर 2025 से राज्य में प्रवेश करने वाले सभी वाहनों पर ग्रीन टैक्स लगाने जा रहा है। यह कदम राज्य सरकार के व्यापक पर्यावरण संरक्षण और प्रदूषण नियंत्रण अभियान का हिस्सा है। परिवहन विभाग द्वारा संचालित यह पहल हिमालयी पारिस्थितिकी तंत्र की रक्षा करने और प्रमुख पर्यटन स्थलों की स्वच्छता बनाए रखने के उद्देश्य से की जा रही है।
उत्तराखंड में नया ग्रीन टैक्स तंत्र
राज्य अधिकारियों के अनुसार, विभिन्न श्रेणियों के वाहनों के लिए अलग-अलग दरें तय की गई हैं:
छोटे वाहनों के लिए ₹80
छोटे मालवाहक वाहनों के लिए ₹250
बसों के लिए ₹140
ट्रकों के लिए उनके वजन के अनुसार ₹120 से ₹700 तक
यह पूरी प्रक्रिया स्वचालित (ऑटोमेटेड) होगी। राज्य की सीमाओं पर बने 37 प्रवेश द्वारों पर ANPR (ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन) कैमरे लगाए जाएंगे। ये कैमरे वाहनों की नंबर प्लेट को स्कैन करेंगे और डेटा परिवहन विभाग द्वारा नियुक्त वेंडर के सिस्टम को भेजेंगे।
वेंडर का सिस्टम NPCI (नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया) के डेटाबेस से वाहन मालिक की जानकारी मिलाकर, उनके डिजिटल वॉलेट से टैक्स राशि स्वचालित रूप से काट लेगा, जिसे सीधे राज्य परिवहन विभाग के खाते में जमा किया जाएगा।
उद्देश्य और पर्यावरणीय लक्ष्य
ग्रीन टैक्स का मुख्य उद्देश्य पर्यावरणीय रूप से संवेदनशील क्षेत्रों में अनावश्यक वाहन आवागमन को रोकना, प्रदूषण कम करना, और पर्यावरण संरक्षण के लिए धन एकत्र करना है। यह पहल क्लीन उत्तराखंड मिशन का हिस्सा है, जिसके तहत देहरादून, मसूरी, नैनीताल और ऋषिकेश जैसे नाजुक पर्वतीय पारिस्थितिकी क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता बनाए रखने पर जोर दिया जा रहा है।
भारत के अन्य राज्यों में ग्रीन टैक्स नीतियाँ
भारत के कई राज्यों में पहले से ही ग्रीन टैक्स लागू है।
हिमाचल प्रदेश में अन्य राज्यों के वाहनों पर टैक्स लगाया जाता है, जबकि स्थानीय वाहनों को छूट दी गई है।
महाराष्ट्र, कर्नाटक, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान और झारखंड जैसे राज्यों में मुख्य रूप से पुराने वाहनों पर यह टैक्स लगाया जाता है —
वाणिज्यिक वाहनों पर 8 वर्ष से अधिक पुराने होने पर
निजी वाहनों पर 15 वर्ष से अधिक पुराने होने पर
इनसे प्राप्त राशि को प्रदूषण नियंत्रण और शहरी वायु गुणवत्ता सुधार कार्यक्रमों में उपयोग किया जाता है।
परीक्षा हेतु महत्वपूर्ण तथ्य
उत्तराखंड में ग्रीन टैक्स दिसंबर 2025 से लागू होगा।
टैक्स दरें ₹80 से ₹700 तक होंगी।
टैक्स वसूली ANPR कैमरों और NPCI सिस्टम के माध्यम से स्वतः होगी।
ऐसे टैक्स हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र और कर्नाटक जैसे राज्यों में भी लागू हैं।
एकत्रित धनराशि का उपयोग प्रदूषण नियंत्रण और पर्यावरण संरक्षण के लिए किया जाएगा।
पर्यावरण-अनुकूल परिवहन नीतियों की राष्ट्रीय दिशा
भारत में ग्रीन टैक्स व्यवस्था अपनाने से यह स्पष्ट होता है कि देश अब सतत (सस्टेनेबल) परिवहन प्रबंधन की ओर बढ़ रहा है। चूंकि वाहनों से निकलने वाला धुआं शहरी वायु प्रदूषण का प्रमुख कारण है, इसलिए राज्य अब स्वचालित निगरानी, डिजिटल भुगतान प्रणाली, और कड़े पर्यावरणीय नियमों पर निर्भर हो रहे हैं।
उत्तराखंड का यह मॉडल — जिसमें रियल-टाइम निगरानी और ऑटोमैटिक पेमेंट सिस्टम को जोड़ा गया है — आने वाले समय में अन्य पर्यावरण-संवेदनशील राज्यों के लिए एक आदर्श उदाहरण (मॉडल) बन सकता है।

Leave a Reply