प्रश्न 1 : “जलाते चलो” कविता के लेखक कौन हैं?
उत्तर: इस कविता के लेखक द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी हैं।
प्रश्न 2 : इस कविता में “दीये” का क्या मतलब है?
उत्तर: दीये का मतलब है आशा और उम्मीद की रोशनी।
प्रश्न 3 : कविता में “अंधकार” का क्या अर्थ है?
उत्तर: अंधकार का अर्थ है जीवन की कठिनाइयाँ और निराशा।
प्रश्न 4 : कविता में हमें क्या करने के लिए कहा गया है?
उत्तर: हमें दीये जलाते रहने के लिए कहा गया है, यानी हमें हमेशा आशावान और सकारात्मक रहना चाहिए।
प्रश्न 5 : “तूफ़ान” का कविता में क्या मतलब है?
उत्तर: तूफ़ान का मतलब है जीवन में आने वाली बड़ी-बड़ी मुश्किलें।
प्रश्न 6 : “कभी तो धरा का अंधेरा मिटेगा” इस पंक्ति का क्या अर्थ है?
उत्तर: इसका मतलब है कि एक दिन हमारी मेहनत से सभी कठिनाइयाँ दूर हो जाएँगी।
प्रश्न 7 : कविता में दिए जलाने का उद्देश्य क्या है?
उत्तर: अंधकार को मिटाना और रोशनी फैलाना, यानी कठिनाइयों को दूर करना और उम्मीद बनाए रखना।
प्रश्न 8 : “जली जो प्रथम बार लौ दीप की” इस पंक्ति में ‘लौ’ का क्या मतलब है?
उत्तर: लौ का मतलब है दीये की रोशनी, जो आशा की पहली किरण है।
प्रश्न 9 : “धरती पर दिया एक भी यदि” इस पंक्ति का क्या संदेश है?
उत्तर: इसका मतलब है कि एक छोटा सा दीया भी बड़ी उम्मीद जगा सकता है।
प्रश्न 10 : कविता का मुख्य संदेश क्या है?
उत्तर: हमें जीवन में आने वाली मुश्किलों का सामना करते हुए हमेशा उम्मीद बनाए रखनी चाहिए।
प्रश्न 11 : कविता में दीये जलाने की बात किसलिए की गई है?
उत्तर: ताकि हम जीवन की मुश्किलों और निराशाओं को दूर कर सकें।
प्रश्न 12 : “तूफ़ान” और “दीये” का क्या संबंध है?
उत्तर: तूफ़ान मुश्किलें हैं और दीये उन मुश्किलों से लड़ने की हमारी हिम्मत और उम्मीद हैं।
प्रश्न 13 : “जलाते चलो ये दिये” पंक्ति का क्या अर्थ है?
उत्तर: इसका मतलब है कि हमें निरंतर उम्मीद और साहस बनाए रखना चाहिए।
प्रश्न 14 : “दिये और तूफ़ान की यह कहानी” किस संघर्ष को दर्शाती है?
उत्तर: यह संघर्ष सकारात्मकता (दीया) और कठिनाइयों (तूफ़ान) के बीच का है।
प्रश्न 15 : “स्वर्ण-सी जल रही और जलती रहेगी” इस पंक्ति का क्या मतलब है?
उत्तर: इसका मतलब है कि दीये की रोशनी अमूल्य है और हमेशा जलती रहेगी, जैसे हमारी उम्मीदें हमेशा जीवित रहनी चाहिए।
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