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MCQ नौकर Chapter 13 Hindi Class 6 Vasant हिंदी

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MCQ’s For All Chapters – Hindi Class 6th

1. ‘नौकर’ पाठ के लेखक कौन हैं?

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Question 1 of 19

2. गांधी जी पैदल क्यों चलते थे?

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Question 2 of 19

3. साबरमती आश्रम किस राज्य में है?

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Question 3 of 19

4. गांधी जी सवेरे की प्रार्थना के बाद कौन-सा कार्य करते थे?

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Question 4 of 19

5. गांधी जी के साथ दक्षिण अफ्रीका में कौन ठहरा था?

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Question 5 of 19

6. आश्रम में गांधी कई ऐसे काम भी करते थे जिन्हें आमतौर पर नौकर-चाकर करते हैं। जिस ज़माने में वे बैरिस्टरी से हज़ारों रुपये कमाते थे, उस समय भी वे प्रतिदिन सुबह अपने हाथ से चक्की पर आटा पीसा करते थे। चक्की चलाने में कस्तूरबा और उनके लड़के भी हाथ बँटाते थे। इस प्रकार घर में रोटी बनाने के लिए महीन या मोटा आटा वे खुद पीस लेते थे। साबरमती आश्रम में भी गांधी ने पिसाई का काम जारी रखा। वह चक्की को ठीक करने में भी कभी-कभी घंटों मेहनत करते थे। 

इस गद्यांश में किस व्यवसाय का उल्लेख हुआ है?

Your comments:

Question 6 of 19

7. आश्रम में गांधी कई ऐसे काम भी करते थे जिन्हें आमतौर पर नौकर-चाकर करते हैं। जिस ज़माने में वे बैरिस्टरी से हज़ारों रुपये कमाते थे, उस समय भी वे प्रतिदिन सुबह अपने हाथ से चक्की पर आटा पीसा करते थे। चक्की चलाने में कस्तूरबा और उनके लड़के भी हाथ बँटाते थे। इस प्रकार घर में रोटी बनाने के लिए महीन या मोटा आटा वे खुद पीस लेते थे। साबरमती आश्रम में भी गांधी ने पिसाई का काम जारी रखा। वह चक्की को ठीक करने में भी कभी-कभी घंटों मेहनत करते थे। 

बैरिस्टर रहते हुए भी गांधी जी कौन-सा काम किया करते थे?

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Question 7 of 19

8. आश्रम में गांधी कई ऐसे काम भी करते थे जिन्हें आमतौर पर नौकर-चाकर करते हैं। जिस ज़माने में वे बैरिस्टरी से हज़ारों रुपये कमाते थे, उस समय भी वे प्रतिदिन सुबह अपने हाथ से चक्की पर आटा पीसा करते थे। चक्की चलाने में कस्तूरबा और उनके लड़के भी हाथ बँटाते थे। इस प्रकार घर में रोटी बनाने के लिए महीन या मोटा आटा वे खुद पीस लेते थे। साबरमती आश्रम में भी गांधी ने पिसाई का काम जारी रखा। वह चक्की को ठीक करने में भी कभी-कभी घंटों मेहनत करते थे। 

चक्की चलाने में गांधी जी का हाथ कौन बँटाता था?

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Question 8 of 19

9. कुछ वर्षों तक गांधी ने आश्रम के भंडार का काम सँभालने में मदद दी। सवेरे की प्रार्थना के बाद वे रसोईघर में जाकर सब्जियाँ छीलते थे। रसोईघर या भंडारे में अगर वे कहीं गंदगी या मकड़ी का जाला देख पाते थे तो अपने साथियों को आड़े हाथों लेते। उन्हें सब्जी, फल और अनाज के पौष्टिक गुणों का ज्ञान था। एक बार एक आश्रमवासी ने बिना धोए आलू काट दिए। गांधी ने उसे समझाया कि आलू और नींबू को बिना धोए नहीं काटना चाहिए। 

गांधी जी रसोईघर में जाकर क्या करते थे?

Your comments:

Question 9 of 19

10. कुछ वर्षों तक गांधी ने आश्रम के भंडार का काम सँभालने में मदद दी। सवेरे की प्रार्थना के बाद वे रसोईघर में जाकर सब्जियाँ छीलते थे। रसोईघर या भंडारे में अगर वे कहीं गंदगी या मकड़ी का जाला देख पाते थे तो अपने साथियों को आड़े हाथों लेते। उन्हें सब्जी, फल और अनाज के पौष्टिक गुणों का ज्ञान था। एक बार एक आश्रमवासी ने बिना धोए आलू काट दिए। गांधी ने उसे समझाया कि आलू और नींबू को बिना धोए नहीं काटना चाहिए। 

गांधी जी अपने साथियों को किस बात पर आड़े हाथों लेते थे?

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Question 10 of 19

11. गांधी जी को किसके पौष्टिक गुणों का ज्ञान था?

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Question 11 of 19

12. शरीर से जब तक बिलकुल लाचारी न हो तब तक गांधी को यह बात बिलकुल पसंद नहीं थी कि महात्मा या बूढ़े होने के कारण उनको अपने हिस्से का दैनिक शारीरिक श्रम न करना पड़े। उनमें हर प्रकार का काम करने की अद्भुत क्षमता और शक्ति थी। वह थकान का नाम भी नहीं जानते थे। दक्षिण अफ्रीका में बोअर-युद्ध के दौरान उन्होंने घायलों को स्ट्रेचर पर लादकर एक-एक दिन में पच्चीस-पच्चीस मील तक ढोया था। वह मीलों पैदल चल सकते थे। दक्षिण अफ्रीका में जब वे टॉलस्टॉय बाड़ी में रहते थे, तब पास के शहर में कोई काम होने पर दिन में अकसर बयालीस मील तक पैदल चलते थे। इसके लिए वे घर में बना कुछ नाश्ता साथ लेकर सुबह दो बजे ही निकल पढ़ते थे, शहर में खरीददारी करते और शाम होते-होते वापस फार्म पर लौट आते थे। उनके अन्य साथी भी उनके इस उदाहरण का खुशी-खुशी अनुकरण करते थे। 

गांधी जी कब अपने हिस्से का कार्य नहीं करते थे?

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Question 12 of 19

13. शरीर से जब तक बिलकुल लाचारी न हो तब तक गांधी को यह बात बिलकुल पसंद नहीं थी कि महात्मा या बूढ़े होने के कारण उनको अपने हिस्से का दैनिक शारीरिक श्रम न करना पड़े। उनमें हर प्रकार का काम करने की अद्भुत क्षमता और शक्ति थी। वह थकान का नाम भी नहीं जानते थे। दक्षिण अफ्रीका में बोअर-युद्ध के दौरान उन्होंने घायलों को स्ट्रेचर पर लादकर एक-एक दिन में पच्चीस-पच्चीस मील तक ढोया था। वह मीलों पैदल चल सकते थे। दक्षिण अफ्रीका में जब वे टॉलस्टॉय बाड़ी में रहते थे, तब पास के शहर में कोई काम होने पर दिन में अकसर बयालीस मील तक पैदल चलते थे। इसके लिए वे घर में बना कुछ नाश्ता साथ लेकर सुबह दो बजे ही निकल पढ़ते थे, शहर में खरीददारी करते और शाम होते-होते वापस फार्म पर लौट आते थे। उनके अन्य साथी भी उनके इस उदाहरण का खुशी-खुशी अनुकरण करते थे। 

बोअर-युद्ध के समय गांधी ने क्या किया?

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Question 13 of 19

14. शरीर से जब तक बिलकुल लाचारी न हो तब तक गांधी को यह बात बिलकुल पसंद नहीं थी कि महात्मा या बूढ़े होने के कारण उनको अपने हिस्से का दैनिक शारीरिक श्रम न करना पड़े। उनमें हर प्रकार का काम करने की अद्भुत क्षमता और शक्ति थी। वह थकान का नाम भी नहीं जानते थे। दक्षिण अफ्रीका में बोअर-युद्ध के दौरान उन्होंने घायलों को स्ट्रेचर पर लादकर एक-एक दिन में पच्चीस-पच्चीस मील तक ढोया था। वह मीलों पैदल चल सकते थे। दक्षिण अफ्रीका में जब वे टॉलस्टॉय बाड़ी में रहते थे, तब पास के शहर में कोई काम होने पर दिन में अकसर बयालीस मील तक पैदल चलते थे। इसके लिए वे घर में बना कुछ नाश्ता साथ लेकर सुबह दो बजे ही निकल पढ़ते थे, शहर में खरीददारी करते और शाम होते-होते वापस फार्म पर लौट आते थे। उनके अन्य साथी भी उनके इस उदाहरण का खुशी-खुशी अनुकरण करते थे। 

गांधी जी कहाँ दिन में अकसर बयालीस मील चलते थे?

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Question 14 of 19

15. गांधी अपने से बड़ों का बड़ा आदर करते थे। दक्षिण अफ्रीका में गोखले गांधी के साथ ठहरे हुए थे। उस समय गांधी ने उनके दुपट्टे पर इस्त्री की। वह उनका बिस्तर ठीक करते थे, उनको भोजन परोसते थे और उसके पैर दबाने को भी तैयार रहते थे। गोखले बहुत मना करते थे, लेकिन गांधी नहीं मानते थे। महात्मा कहलाने से बहुत पहले एक बार दक्षिण अफ्रीका से भारत आने पर गांधी कांग्रेस के अधिवेशन में गए। वहाँ उन्होंने गंदे पाखाने साफ़ किए और बाद में उन्होंने एक बड़े कांग्रेसी नेता से पूछा, “मैं आपकी क्या सेवा कर सकता हूँ?” नेता ने कहा, “मेरे पास बहुत से पत्र इकट्ठे हो गए हैं जिनका जवाब देना है? मेरे पास कोई कारकुन नहीं है जिसे यह काम दूं।” 

गांधी जी दक्षिण अफ्रीका में किसके साथ ठहरे हुए थे?

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Question 15 of 19

16. गांधी अपने से बड़ों का बड़ा आदर करते थे। दक्षिण अफ्रीका में गोखले गांधी के साथ ठहरे हुए थे। उस समय गांधी ने उनके दुपट्टे पर इस्त्री की। वह उनका बिस्तर ठीक करते थे, उनको भोजन परोसते थे और उसके पैर दबाने को भी तैयार रहते थे। गोखले बहुत मना करते थे, लेकिन गांधी नहीं मानते थे। महात्मा कहलाने से बहुत पहले एक बार दक्षिण अफ्रीका से भारत आने पर गांधी कांग्रेस के अधिवेशन में गए। वहाँ उन्होंने गंदे पाखाने साफ़ किए और बाद में उन्होंने एक बड़े कांग्रेसी नेता से पूछा, “मैं आपकी क्या सेवा कर सकता हूँ?” नेता ने कहा, “मेरे पास बहुत से पत्र इकट्ठे हो गए हैं जिनका जवाब देना है? मेरे पास कोई कारकुन नहीं है जिसे यह काम दूं।” 

गांधी जी ने गोखले जी के लिए क्या-क्या किया?

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Question 16 of 19

17. जब कभी आश्रम में किसी सहायक को रखने की आवश्यकता होती थी, तब गांधी किसी हरिजन को रखने का आग्रह करते थे। उनका कहना था, “नौकरों को हमें वेतन भोगी मज़दूर नहीं, अपने भाई के समान मानना चाहिए। इसमें कुछ कठिनाई हो सकती है, कुछ चोरियाँ हो सकती हैं। फिर भी हमारी कोशिश सर्वथा निष्फल नहीं जाएगी।” 

गांधी जी किस बात का आग्रह करते थे?

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Question 17 of 19

18. जब कभी आश्रम में किसी सहायक को रखने की आवश्यकता होती थी, तब गांधी किसी हरिजन को रखने का आग्रह करते थे। उनका कहना था, “नौकरों को हमें वेतन भोगी मज़दूर नहीं, अपने भाई के समान मानना चाहिए। इसमें कुछ कठिनाई हो सकती है, कुछ चोरियाँ हो सकती हैं। फिर भी हमारी कोशिश सर्वथा निष्फल नहीं जाएगी।” 

गांधी जी हरिजन को रखने के पक्ष में क्यों थे?

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Question 18 of 19

19. जब कभी आश्रम में किसी सहायक को रखने की आवश्यकता होती थी, तब गांधी किसी हरिजन को रखने का आग्रह करते थे। उनका कहना था, “नौकरों को हमें वेतन भोगी मज़दूर नहीं, अपने भाई के समान मानना चाहिए। इसमें कुछ कठिनाई हो सकती है, कुछ चोरियाँ हो सकती हैं। फिर भी हमारी कोशिश सर्वथा निष्फल नहीं जाएगी।” 

गांधी जी के अनुसार हमारा नौकरों के साथ व्यवहार कैसा होना चाहिए?

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Question 19 of 19

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MCQ Naukar SET 2 Class 6 Hindi Chapter 13 नौकर

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Comments

  1. Anugya says:
    February 11, 2025 at 1:44 pm

    Thanks for you for completing my all need l love 😘 your PDFs

    Reply
  2. Variam says:
    January 24, 2025 at 1:34 am

    great👍👏👏

    Reply
  3. Amishi says:
    February 22, 2024 at 1:22 pm

    Nice very good👍🤛🤜

    Reply
  4. Rana says:
    December 16, 2023 at 10:45 am

    Great 👍

    Reply

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