MCQ नौकर Chapter 13 Hindi Class 6 Vasant हिंदी Advertisement MCQ’s For All Chapters – Hindi Class 6th 1. ‘नौकर’ पाठ के लेखक कौन हैं?महात्मा गांधी जी अनु बंद्योपाध्यायविष्णु प्रभाकरगुणाकर मुलेYour comments:Question 1 of 192. गांधी जी पैदल क्यों चलते थे?पैसा बचाने के लिएस्वस्थ रहने के लिएउनको डॉक्टर ने सलाह दी थीइनमें से कोई नहींYour comments:Question 2 of 193. साबरमती आश्रम किस राज्य में है?बिहारबंगालगुजरातओडिशाYour comments:Question 3 of 194. गांधी जी सवेरे की प्रार्थना के बाद कौन-सा कार्य करते थे?सब्जियों का लानासब्जियों का छीलनासब्जियाँ काटनासब्जियाँ पकानाYour comments:Question 4 of 195. गांधी जी के साथ दक्षिण अफ्रीका में कौन ठहरा था?रामकृष्ण गोखलेगोपाल कृष्ण गोखलेसरदार बल्लभ भाई पटेलनेताजी सुभाष चंद्र बोसYour comments:Question 5 of 196. आश्रम में गांधी कई ऐसे काम भी करते थे जिन्हें आमतौर पर नौकर-चाकर करते हैं। जिस ज़माने में वे बैरिस्टरी से हज़ारों रुपये कमाते थे, उस समय भी वे प्रतिदिन सुबह अपने हाथ से चक्की पर आटा पीसा करते थे। चक्की चलाने में कस्तूरबा और उनके लड़के भी हाथ बँटाते थे। इस प्रकार घर में रोटी बनाने के लिए महीन या मोटा आटा वे खुद पीस लेते थे। साबरमती आश्रम में भी गांधी ने पिसाई का काम जारी रखा। वह चक्की को ठीक करने में भी कभी-कभी घंटों मेहनत करते थे। इस गद्यांश में किस व्यवसाय का उल्लेख हुआ है?इंजीनियरिंग काडॉक्टरी काबैरिस्टरी काअन्यYour comments:Question 6 of 197. आश्रम में गांधी कई ऐसे काम भी करते थे जिन्हें आमतौर पर नौकर-चाकर करते हैं। जिस ज़माने में वे बैरिस्टरी से हज़ारों रुपये कमाते थे, उस समय भी वे प्रतिदिन सुबह अपने हाथ से चक्की पर आटा पीसा करते थे। चक्की चलाने में कस्तूरबा और उनके लड़के भी हाथ बँटाते थे। इस प्रकार घर में रोटी बनाने के लिए महीन या मोटा आटा वे खुद पीस लेते थे। साबरमती आश्रम में भी गांधी ने पिसाई का काम जारी रखा। वह चक्की को ठीक करने में भी कभी-कभी घंटों मेहनत करते थे। बैरिस्टर रहते हुए भी गांधी जी कौन-सा काम किया करते थे?आश्रम का कामसफ़ाई का कामबरतन धोने का कामआटा पीसने का कामYour comments:Question 7 of 198. आश्रम में गांधी कई ऐसे काम भी करते थे जिन्हें आमतौर पर नौकर-चाकर करते हैं। जिस ज़माने में वे बैरिस्टरी से हज़ारों रुपये कमाते थे, उस समय भी वे प्रतिदिन सुबह अपने हाथ से चक्की पर आटा पीसा करते थे। चक्की चलाने में कस्तूरबा और उनके लड़के भी हाथ बँटाते थे। इस प्रकार घर में रोटी बनाने के लिए महीन या मोटा आटा वे खुद पीस लेते थे। साबरमती आश्रम में भी गांधी ने पिसाई का काम जारी रखा। वह चक्की को ठीक करने में भी कभी-कभी घंटों मेहनत करते थे। चक्की चलाने में गांधी जी का हाथ कौन बँटाता था?कस्तूरबा गांधीलड़केदोनोंइनमें कोई नहींYour comments:Question 8 of 199. कुछ वर्षों तक गांधी ने आश्रम के भंडार का काम सँभालने में मदद दी। सवेरे की प्रार्थना के बाद वे रसोईघर में जाकर सब्जियाँ छीलते थे। रसोईघर या भंडारे में अगर वे कहीं गंदगी या मकड़ी का जाला देख पाते थे तो अपने साथियों को आड़े हाथों लेते। उन्हें सब्जी, फल और अनाज के पौष्टिक गुणों का ज्ञान था। एक बार एक आश्रमवासी ने बिना धोए आलू काट दिए। गांधी ने उसे समझाया कि आलू और नींबू को बिना धोए नहीं काटना चाहिए। गांधी जी रसोईघर में जाकर क्या करते थे?सब्ज़ियाँ बनाते थे।सब्जियाँ काटते थे।सब्जियाँ खाते थे।सब्जियाँ छीलते थे।Your comments:Question 9 of 1910. कुछ वर्षों तक गांधी ने आश्रम के भंडार का काम सँभालने में मदद दी। सवेरे की प्रार्थना के बाद वे रसोईघर में जाकर सब्जियाँ छीलते थे। रसोईघर या भंडारे में अगर वे कहीं गंदगी या मकड़ी का जाला देख पाते थे तो अपने साथियों को आड़े हाथों लेते। उन्हें सब्जी, फल और अनाज के पौष्टिक गुणों का ज्ञान था। एक बार एक आश्रमवासी ने बिना धोए आलू काट दिए। गांधी ने उसे समझाया कि आलू और नींबू को बिना धोए नहीं काटना चाहिए। गांधी जी अपने साथियों को किस बात पर आड़े हाथों लेते थे?गांधी जी का कहना न मानने परकाम न करने पररसोईघर की सफ़ाई न करने परदेर तक सोने परYour comments:Question 10 of 1911. गांधी जी को किसके पौष्टिक गुणों का ज्ञान था?फलों केसब्जियों केअनाजों केउपर्युक्त सभीYour comments:Question 11 of 1912. शरीर से जब तक बिलकुल लाचारी न हो तब तक गांधी को यह बात बिलकुल पसंद नहीं थी कि महात्मा या बूढ़े होने के कारण उनको अपने हिस्से का दैनिक शारीरिक श्रम न करना पड़े। उनमें हर प्रकार का काम करने की अद्भुत क्षमता और शक्ति थी। वह थकान का नाम भी नहीं जानते थे। दक्षिण अफ्रीका में बोअर-युद्ध के दौरान उन्होंने घायलों को स्ट्रेचर पर लादकर एक-एक दिन में पच्चीस-पच्चीस मील तक ढोया था। वह मीलों पैदल चल सकते थे। दक्षिण अफ्रीका में जब वे टॉलस्टॉय बाड़ी में रहते थे, तब पास के शहर में कोई काम होने पर दिन में अकसर बयालीस मील तक पैदल चलते थे। इसके लिए वे घर में बना कुछ नाश्ता साथ लेकर सुबह दो बजे ही निकल पढ़ते थे, शहर में खरीददारी करते और शाम होते-होते वापस फार्म पर लौट आते थे। उनके अन्य साथी भी उनके इस उदाहरण का खुशी-खुशी अनुकरण करते थे। गांधी जी कब अपने हिस्से का कार्य नहीं करते थे?जब उनसे कोई मिलने आता था। जब उनके पास नौकर होता था।जब वे शरीर से बिलकुल लाचार होते थे।जब उन्हें कोई मिलने आता था।Your comments:Question 12 of 1913. शरीर से जब तक बिलकुल लाचारी न हो तब तक गांधी को यह बात बिलकुल पसंद नहीं थी कि महात्मा या बूढ़े होने के कारण उनको अपने हिस्से का दैनिक शारीरिक श्रम न करना पड़े। उनमें हर प्रकार का काम करने की अद्भुत क्षमता और शक्ति थी। वह थकान का नाम भी नहीं जानते थे। दक्षिण अफ्रीका में बोअर-युद्ध के दौरान उन्होंने घायलों को स्ट्रेचर पर लादकर एक-एक दिन में पच्चीस-पच्चीस मील तक ढोया था। वह मीलों पैदल चल सकते थे। दक्षिण अफ्रीका में जब वे टॉलस्टॉय बाड़ी में रहते थे, तब पास के शहर में कोई काम होने पर दिन में अकसर बयालीस मील तक पैदल चलते थे। इसके लिए वे घर में बना कुछ नाश्ता साथ लेकर सुबह दो बजे ही निकल पढ़ते थे, शहर में खरीददारी करते और शाम होते-होते वापस फार्म पर लौट आते थे। उनके अन्य साथी भी उनके इस उदाहरण का खुशी-खुशी अनुकरण करते थे। बोअर-युद्ध के समय गांधी ने क्या किया?रोगियों को भोजन दियारसोई घर का काम संभालाअनाथों की देखभाल कीघायलों को स्ट्रेचर पर ढोयाYour comments:Question 13 of 1914. शरीर से जब तक बिलकुल लाचारी न हो तब तक गांधी को यह बात बिलकुल पसंद नहीं थी कि महात्मा या बूढ़े होने के कारण उनको अपने हिस्से का दैनिक शारीरिक श्रम न करना पड़े। उनमें हर प्रकार का काम करने की अद्भुत क्षमता और शक्ति थी। वह थकान का नाम भी नहीं जानते थे। दक्षिण अफ्रीका में बोअर-युद्ध के दौरान उन्होंने घायलों को स्ट्रेचर पर लादकर एक-एक दिन में पच्चीस-पच्चीस मील तक ढोया था। वह मीलों पैदल चल सकते थे। दक्षिण अफ्रीका में जब वे टॉलस्टॉय बाड़ी में रहते थे, तब पास के शहर में कोई काम होने पर दिन में अकसर बयालीस मील तक पैदल चलते थे। इसके लिए वे घर में बना कुछ नाश्ता साथ लेकर सुबह दो बजे ही निकल पढ़ते थे, शहर में खरीददारी करते और शाम होते-होते वापस फार्म पर लौट आते थे। उनके अन्य साथी भी उनके इस उदाहरण का खुशी-खुशी अनुकरण करते थे। गांधी जी कहाँ दिन में अकसर बयालीस मील चलते थे?टॉलस्टॉय बाड़ी में रहते हुएकेप टाउन में रहते हुएडरबन में रहते हुएलुसाका में रहते हुएYour comments:Question 14 of 1915. गांधी अपने से बड़ों का बड़ा आदर करते थे। दक्षिण अफ्रीका में गोखले गांधी के साथ ठहरे हुए थे। उस समय गांधी ने उनके दुपट्टे पर इस्त्री की। वह उनका बिस्तर ठीक करते थे, उनको भोजन परोसते थे और उसके पैर दबाने को भी तैयार रहते थे। गोखले बहुत मना करते थे, लेकिन गांधी नहीं मानते थे। महात्मा कहलाने से बहुत पहले एक बार दक्षिण अफ्रीका से भारत आने पर गांधी कांग्रेस के अधिवेशन में गए। वहाँ उन्होंने गंदे पाखाने साफ़ किए और बाद में उन्होंने एक बड़े कांग्रेसी नेता से पूछा, “मैं आपकी क्या सेवा कर सकता हूँ?” नेता ने कहा, “मेरे पास बहुत से पत्र इकट्ठे हो गए हैं जिनका जवाब देना है? मेरे पास कोई कारकुन नहीं है जिसे यह काम दूं।” गांधी जी दक्षिण अफ्रीका में किसके साथ ठहरे हुए थे?नेहरू जी के साथगोखले के साथबाल गंगाधर तिलक के साथविपिन चंद्र पाल के साथYour comments:Question 15 of 1916. गांधी अपने से बड़ों का बड़ा आदर करते थे। दक्षिण अफ्रीका में गोखले गांधी के साथ ठहरे हुए थे। उस समय गांधी ने उनके दुपट्टे पर इस्त्री की। वह उनका बिस्तर ठीक करते थे, उनको भोजन परोसते थे और उसके पैर दबाने को भी तैयार रहते थे। गोखले बहुत मना करते थे, लेकिन गांधी नहीं मानते थे। महात्मा कहलाने से बहुत पहले एक बार दक्षिण अफ्रीका से भारत आने पर गांधी कांग्रेस के अधिवेशन में गए। वहाँ उन्होंने गंदे पाखाने साफ़ किए और बाद में उन्होंने एक बड़े कांग्रेसी नेता से पूछा, “मैं आपकी क्या सेवा कर सकता हूँ?” नेता ने कहा, “मेरे पास बहुत से पत्र इकट्ठे हो गए हैं जिनका जवाब देना है? मेरे पास कोई कारकुन नहीं है जिसे यह काम दूं।” गांधी जी ने गोखले जी के लिए क्या-क्या किया?कपड़े इस्त्री कियाबिस्तर ठीक कियाभोजन परोस कर दियाउपर्युक्त सभीYour comments:Question 16 of 1917. जब कभी आश्रम में किसी सहायक को रखने की आवश्यकता होती थी, तब गांधी किसी हरिजन को रखने का आग्रह करते थे। उनका कहना था, “नौकरों को हमें वेतन भोगी मज़दूर नहीं, अपने भाई के समान मानना चाहिए। इसमें कुछ कठिनाई हो सकती है, कुछ चोरियाँ हो सकती हैं। फिर भी हमारी कोशिश सर्वथा निष्फल नहीं जाएगी।” गांधी जी किस बात का आग्रह करते थे?आपस में मिल-जुलकर रहने कीअंग्रेज़ों का मुकाबला डटकर करने कीस्वदेशी अपनाने कीआश्रम में नौकर हरिजन को रखने कीYour comments:Question 17 of 1918. जब कभी आश्रम में किसी सहायक को रखने की आवश्यकता होती थी, तब गांधी किसी हरिजन को रखने का आग्रह करते थे। उनका कहना था, “नौकरों को हमें वेतन भोगी मज़दूर नहीं, अपने भाई के समान मानना चाहिए। इसमें कुछ कठिनाई हो सकती है, कुछ चोरियाँ हो सकती हैं। फिर भी हमारी कोशिश सर्वथा निष्फल नहीं जाएगी।” गांधी जी हरिजन को रखने के पक्ष में क्यों थे?क्योंकि वे धन कमा सकेताकि उन्हें समाज में ऊँचा स्थान मिल जाएताकि समाज ऊँच-नीच वर्गों में न बँटेअपना प्रभुत्व कायम करने के लिएYour comments:Question 18 of 1919. जब कभी आश्रम में किसी सहायक को रखने की आवश्यकता होती थी, तब गांधी किसी हरिजन को रखने का आग्रह करते थे। उनका कहना था, “नौकरों को हमें वेतन भोगी मज़दूर नहीं, अपने भाई के समान मानना चाहिए। इसमें कुछ कठिनाई हो सकती है, कुछ चोरियाँ हो सकती हैं। फिर भी हमारी कोशिश सर्वथा निष्फल नहीं जाएगी।” गांधी जी के अनुसार हमारा नौकरों के साथ व्यवहार कैसा होना चाहिए?मैत्रीपूर्णभाई जैसामालिक नौकर की भाँतिउनसे संबंध नहीं रखना चाहिएYour comments:Question 19 of 19 Loading... 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