MCQ झाँसी की रानी Chapter 8 Hindi Class 6 Vasant हिंदी Advertisement MCQ’s For All Chapters – Hindi Class 6th 1. ‘झाँसी की रानी’ कविता किसने लिखी है?लक्ष्मीबाईसुभद्रा कुमारी चौहानसुमित्रानंदन पंतकेदारनाथ अग्रवालQuestion 1 of 202. रानी लक्ष्मीबाई किसकी मुँहबोली बहन थी?अजीमुल्ला खाँअहमदशाहकुंवर सिंहनाना धुंधूपंत पेशवाQuestion 2 of 203. कवयित्री ने झाँसी की रानी की कथा किसके मुँह से सुनी थी?मराठों केबुंदेलों केअपने अध्यापक केकवियों केQuestion 3 of 204. नाना साहब कहाँ के रहने वाले थे?इलाहाबाद झाँसीकानपुरग्वालियरQuestion 4 of 205. लक्ष्मीबाई का प्रिय खेल था?नकली युद्ध करनाव्यूह की रचना करना, शिकार करनासैन्य घेरना, दुर्ग तोड़नाउपर्युक्त सभीQuestion 5 of 206. सिंहासन हिल उठे, राजवंशों ने भृकुटी तानी थी,बूढ़े भारत में भी आई फिर से नयी जवानी थी,गुमी हुई आज़ादी की कीमत सबने पहचानी थी,दूर फ़िरंगी को करने की सबसे मन में ठानी थी,चमक उठी सन् सत्तावन मेंवह तलवार पुरानी थी।बुंदेले हरबोलों के मुँहहमने सुनी कहानी थी।खूब लड़ी मर्दानी वह तोझाँसीवाली रानी थी॥ इस काव्यांश में किस समय की दशा का वर्णन है?भारत की परतंत्रता कीभारत की स्वतंत्रता की।भारत में अंग्रेज़ी शासन कीभारत में मुगल शासन कीQuestion 6 of 207. सिंहासन हिल उठे, राजवंशों ने भृकुटी तानी थी,बूढ़े भारत में भी आई फिर से नयी जवानी थी,गुमी हुई आज़ादी की कीमत सबने पहचानी थी,दूर फ़िरंगी को करने की सबसे मन में ठानी थी,चमक उठी सन् सत्तावन मेंवह तलवार पुरानी थी।बुंदेले हरबोलों के मुँहहमने सुनी कहानी थी।खूब लड़ी मर्दानी वह तोझाँसीवाली रानी थी॥ राजवंशों की भृकुटी तानने से कवयित्री का तात्पर्य क्या है?तिरछी नज़रों से देखनाक्रोध भरी नज़रों से देखनाएक आँख से देखनायुद्ध के लिए तैयार होनाQuestion 7 of 208. सिंहासन हिल उठे, राजवंशों ने भृकुटी तानी थी,बूढ़े भारत में भी आई फिर से नयी जवानी थी,गुमी हुई आज़ादी की कीमत सबने पहचानी थी,दूर फ़िरंगी को करने की सबसे मन में ठानी थी,चमक उठी सन् सत्तावन मेंवह तलवार पुरानी थी।बुंदेले हरबोलों के मुँहहमने सुनी कहानी थी।खूब लड़ी मर्दानी वह तोझाँसीवाली रानी थी॥ भारत को बूढ़ा क्यों कहा गया है?भारत शक्तिहीन हो चुका था।भारत पुराना देश है।भारत के लोग बूढ़े हो गए थे।युद्ध के लिए तैयार होना।Question 8 of 209. कानपुर के नाना की मुँहबोली बहन ‘छबीली’ थी,लक्ष्मीबाई नाम, पिता की वह संतान अकेली थी,नाना के संग पढ़ती थी वह, नाना के संग खेली थी,बरछी, ढाल, कृपाण, कटारी उसकी यही सहेली थी,वीर शिवाजी की गाथाएँउसको याद ज़बानी थीं।बुंदेले हरबोलों के मुँहहमने सुनी कहानी थी।खूब लड़ी मर्दानी वह तोझाँसीवाली रानी थी॥ इस काव्यांश में लक्ष्मीबाई के जीवन के किस काल का चित्रण मिलता है?बाल्यकाल कायुवाकाल काप्रौढ़ अवस्था काइनमें से कोई नहींQuestion 9 of 2010. कानपुर के नाना की मुँहबोली बहन ‘छबीली’ थी,लक्ष्मीबाई नाम, पिता की वह संतान अकेली थी,नाना के संग पढ़ती थी वह, नाना के संग खेली थी,बरछी, ढाल, कृपाण, कटारी उसकी यही सहेली थी,वीर शिवाजी की गाथाएँउसको याद ज़बानी थीं।बुंदेले हरबोलों के मुँहहमने सुनी कहानी थी।खूब लड़ी मर्दानी वह तोझाँसीवाली रानी थी॥ यह कविता किस काल के बारे में है?वर्ष 1885वर्ष 1885वर्ष 1857वर्ष 1947Question 10 of 2011. कानपुर के नाना की मुँहबोली बहन ‘छबीली’ थी,लक्ष्मीबाई नाम, पिता की वह संतान अकेली थी,नाना के संग पढ़ती थी वह, नाना के संग खेली थी,बरछी, ढाल, कृपाण, कटारी उसकी यही सहेली थी,वीर शिवाजी की गाथाएँउसको याद ज़बानी थीं।बुंदेले हरबोलों के मुँहहमने सुनी कहानी थी।खूब लड़ी मर्दानी वह तोझाँसीवाली रानी थी॥ नाना कहाँ के थे?झाँसी केआगरा केकानपुर केग्वालियर केQuestion 11 of 2012. लक्ष्मी थी या दुर्गा थी वह स्वयं वीरता की अवतार,देख मराठे पुलकित होते उसकी तलवारों के वार,नकली युद्ध, व्यूह की रचना और खेलना खूब शिकार,सैन्य घेरना, दुर्ग तोड़ना, ये थे उसके प्रिय खिलवार,महाराष्ट्र-कुल-देवी उसकीभी आराध्य भवानी थी।बुंदेले हरबोलों के मुँहहमने सुनी कहानी थी।खूब लड़ी मर्दानी वह तोझाँसीवाली रानी थी। वीरता की अवतार किसे कहा गया है?दुर्गा कोभवानी कोलक्ष्मी कोलक्ष्मीबाई कोQuestion 12 of 2013. लक्ष्मी थी या दुर्गा थी वह स्वयं वीरता की अवतार,देख मराठे पुलकित होते उसकी तलवारों के वार,नकली युद्ध, व्यूह की रचना और खेलना खूब शिकार,सैन्य घेरना, दुर्ग तोड़ना, ये थे उसके प्रिय खिलवार,महाराष्ट्र-कुल-देवी उसकीभी आराध्य भवानी थी।बुंदेले हरबोलों के मुँहहमने सुनी कहानी थी।खूब लड़ी मर्दानी वह तोझाँसीवाली रानी थी। लक्ष्मीबाई को तलवार चलाते देख कौन प्रसन्न होते थे?बुंदेलेमराठेगुजरातीपंजाबीQuestion 13 of 2014. लक्ष्मी थी या दुर्गा थी वह स्वयं वीरता की अवतार,देख मराठे पुलकित होते उसकी तलवारों के वार,नकली युद्ध, व्यूह की रचना और खेलना खूब शिकार,सैन्य घेरना, दुर्ग तोड़ना, ये थे उसके प्रिय खिलवार,महाराष्ट्र-कुल-देवी उसकीभी आराध्य भवानी थी।बुंदेले हरबोलों के मुँहहमने सुनी कहानी थी।खूब लड़ी मर्दानी वह तोझाँसीवाली रानी थी। लक्ष्मीबाई की आराध्य कौन थी?लक्ष्मीभवानीकालीदुर्गाQuestion 14 of 2015. हुई वीरता की वैभव के साथ सगाई झाँसी में,ब्याह हुआ रानी बन आई लक्ष्मीबाई झाँसी में,राजमहल में बजी बधाई खुशियाँ छाईं झाँसी में,सुभट बुंदेलों की विरुदावलि-सी वह आई झाँसी में,चित्रा ने अर्जुन को पाया,शिव से मिली भवानी थी।बुंदेले हरबोलों के मुँहहमने सुनी कहानी थी।खूब लड़ी मर्दानी वह तोझाँसीवाली रानी थी॥ लक्ष्मीबाई की सगाई किस राजा से हुई?दिल्ली के शासक गंगाधर राव सेझाँसी के शासक गंगाधर राव सेलखनऊ के शासक गंगाधर राव सेकश्मीर के शासक गंगाधर राव सेQuestion 15 of 2016. हुई वीरता की वैभव के साथ सगाई झाँसी में,ब्याह हुआ रानी बन आई लक्ष्मीबाई झाँसी में,राजमहल में बजी बधाई खुशियाँ छाईं झाँसी में,सुभट बुंदेलों की विरुदावलि-सी वह आई झाँसी में,चित्रा ने अर्जुन को पाया,शिव से मिली भवानी थी।बुंदेले हरबोलों के मुँहहमने सुनी कहानी थी।खूब लड़ी मर्दानी वह तोझाँसीवाली रानी थी॥ झाँसी में खुशियाँ क्यों छा गईं ?झाँसी के राजा की लक्ष्मीबाई से शादी होने परझाँसी के राजा की लक्ष्मीबाई से सगाई होने परझाँसी के राजा द्वारा धन संपत्ति बाँटने पर।झाँसी के राजा द्वारा एक के बाद एक प्रांत विजय करने परQuestion 16 of 2017. हुई वीरता की वैभव के साथ सगाई झाँसी में,ब्याह हुआ रानी बन आई लक्ष्मीबाई झाँसी में,राजमहल में बजी बधाई खुशियाँ छाईं झाँसी में,सुभट बुंदेलों की विरुदावलि-सी वह आई झाँसी में,चित्रा ने अर्जुन को पाया,शिव से मिली भवानी थी।बुंदेले हरबोलों के मुँहहमने सुनी कहानी थी।खूब लड़ी मर्दानी वह तोझाँसीवाली रानी थी॥ चित्रा और भवानी कौन थी?रानियाँनर्तकियाँवीरांगनाएँमंत्राणियाँQuestion 17 of 2018. उदित हुआ सौभाग्य, मुदित महलों में उजयाली छाई,किंतु कालगति चुपके-चुपके काली घटा घेर लाई,तीर चलाने वाले कर में उसे चूड़ियाँ कब भाई,रानी विधवा हुई हाय! विधि को भी नहीं दया आई,नि:संतान मरे राजा जी,रानी शोक-समानी थी,बुंदेले हर बोलों के मुँह।हमने सुनी कहानी थी।खूब लड़ी मर्दानी वह तो।झाँसीवाली रानी थी॥ झाँसी के राजमहलों में प्रसन्नता और उजयाली छा गईलक्ष्मीबाई का युद्ध कौशल देखकररानी की वीरता की अंग्रेजों द्वारा प्रसंशा सुनकरजब लक्ष्मीबाई रानी बनकर आई।लक्ष्मीबाई और गंगाधर राव के विवाह की सूचना पाकरQuestion 18 of 2019. उदित हुआ सौभाग्य, मुदित महलों में उजयाली छाई,किंतु कालगति चुपके-चुपके काली घटा घेर लाई,तीर चलाने वाले कर में उसे चूड़ियाँ कब भाई,रानी विधवा हुई हाय! विधि को भी नहीं दया आई,नि:संतान मरे राजा जी,रानी शोक-समानी थी,बुंदेले हर बोलों के मुँह।हमने सुनी कहानी थी।खूब लड़ी मर्दानी वह तो।झाँसीवाली रानी थी॥ किसके जीवन में कालगति ने काली घटा घेर दी-ताँत्यानाना साहबलक्ष्मीबाईगंगाधर रावQuestion 19 of 2020. उदित हुआ सौभाग्य, मुदित महलों में उजयाली छाई,किंतु कालगति चुपके-चुपके काली घटा घेर लाई,तीर चलाने वाले कर में उसे चूड़ियाँ कब भाई,रानी विधवा हुई हाय! विधि को भी नहीं दया आई,नि:संतान मरे राजा जी,रानी शोक-समानी थी,बुंदेले हर बोलों के मुँह।हमने सुनी कहानी थी।खूब लड़ी मर्दानी वह तो।झाँसीवाली रानी थी॥ गंगाधर राव की आकस्मिक मृत्यु से किसके शोक एवं दुख की कोई सीमा नहीं थी-गंगाधर राव की आकस्मिक मृत्यु से किसके शोक एवं दुख की कोई सीमा नहीं थी-अंग्रेजों के दुख की कोई सीमा न थी।रानी लक्ष्मीबाई के दुख की कोई सीमा न थी।पड़ोसी राज्यों के दुख की कोई सीमा न थी।इनमें से कोई नहीं।Question 20 of 20 Loading... 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