MCQ जो देखकर भी नहीं देखते Chapter 9 Hindi Class 6 Vasant हिंदी Advertisement MCQ’s For All Chapters – Hindi Class 6th 1. ‘जो देखकर भी नहीं देखते’ पाठ के लेखक कौन हैं?प्रेमचंदसुंदरा स्वामीजया विवेकहेलेन केलरYour comments:Question 1 of 142. हेलेन केलर प्रकृति की चीजों को किस प्रकार पहचानती हैं ?देखकरसूंघकरछूकरदूसरों से उसका वर्णन सुनकरYour comments:Question 2 of 143. लेखिका को किसमें आनंद मिलता है?लोगों से बात करने मेंप्रकृति को निहारने मेंफूलों की पंखुड़ियों को छूने और उसकी घुमावदार बनावट को महसूस करने मेंYour comments:Question 3 of 144. लेखिका किसके स्वर पर मंत्रमुग्ध हो जाती है?कोयल केकोयल केमोर केचिड़िया केYour comments:Question 4 of 145. इनमें किस पेड़ की छाल चिकनी होती है?चीड़भोज-पत्रपीपलबरगदYour comments:Question 5 of 146. क्या यह संभव है कि भला कोई जंगल में घंटाभर घूमे और फिर भी कोई विशेष चीज़ न देखे? मुझे जिसे कुछ भी दिखाई नहीं देता-सैकड़ों रोचक चीज़ मिलती हैं, जिन्हें मैं छूकर पहचान लेती हूँ। मैं भोज-पत्र के पेड़ की चिकनी छाल और चीड़ की खुरदरी छाल को स्पर्श से पहचान लेती हूँ। वसंत के दौरान मैं टहनियों में नई कलियाँ खोजती हूँ। मुझे फूलों की पंखुड़ियों की मखमली सतह छूने और उनकी घुमावदार बनावट महसूस करने में अपार आनंद मिलता है। इस दौरान मुझे प्रकृति के जादू का कुछ अहसास होता है। कभी, जब मैं खुशनसीब होती हूँ, तो टहनी पर हाथ रखते ही किसी चिड़िया के मधुर स्वर कानों में गूंजने लगते हैं। अपनी अंगुलियों के बीच झरने के पानी को बहते हुए महसूस कर मैं आनंदित हो उठती हूँ। लेखिका चीज़ों को कैसे पहचान लेती है।देखकरसुनकरछूकरसूंघकरYour comments:Question 6 of 147. क्या यह संभव है कि भला कोई जंगल में घंटाभर घूमे और फिर भी कोई विशेष चीज़ न देखे? मुझे जिसे कुछ भी दिखाई नहीं देता-सैकड़ों रोचक चीज़ मिलती हैं, जिन्हें मैं छूकर पहचान लेती हूँ। मैं भोज-पत्र के पेड़ की चिकनी छाल और चीड़ की खुरदरी छाल को स्पर्श से पहचान लेती हूँ। वसंत के दौरान मैं टहनियों में नई कलियाँ खोजती हूँ। मुझे फूलों की पंखुड़ियों की मखमली सतह छूने और उनकी घुमावदार बनावट महसूस करने में अपार आनंद मिलता है। इस दौरान मुझे प्रकृति के जादू का कुछ अहसास होता है। कभी, जब मैं खुशनसीब होती हूँ, तो टहनी पर हाथ रखते ही किसी चिड़िया के मधुर स्वर कानों में गूंजने लगते हैं। अपनी अंगुलियों के बीच झरने के पानी को बहते हुए महसूस कर मैं आनंदित हो उठती हूँ। भोज-पत्र की छाल कैसी होती है?खुरदरीसख्तटेढ़ी-मेढ़ीचिकनीYour comments:Question 7 of 148. क्या यह संभव है कि भला कोई जंगल में घंटाभर घूमे और फिर भी कोई विशेष चीज़ न देखे? मुझे जिसे कुछ भी दिखाई नहीं देता-सैकड़ों रोचक चीज़ मिलती हैं, जिन्हें मैं छूकर पहचान लेती हूँ। मैं भोज-पत्र के पेड़ की चिकनी छाल और चीड़ की खुरदरी छाल को स्पर्श से पहचान लेती हूँ। वसंत के दौरान मैं टहनियों में नई कलियाँ खोजती हूँ। मुझे फूलों की पंखुड़ियों की मखमली सतह छूने और उनकी घुमावदार बनावट महसूस करने में अपार आनंद मिलता है। इस दौरान मुझे प्रकृति के जादू का कुछ अहसास होता है। कभी, जब मैं खुशनसीब होती हूँ, तो टहनी पर हाथ रखते ही किसी चिड़िया के मधुर स्वर कानों में गूंजने लगते हैं। अपनी अंगुलियों के बीच झरने के पानी को बहते हुए महसूस कर मैं आनंदित हो उठती हूँ। लेखिका किस मौसम में नई कलियाँ खोजती है?वर्षा मेंगरमी मेंवसंत मेंसरदी मेंYour comments:Question 8 of 149. कभी-कभी मेरा दिल इन सब चीज़ों को देखने के लिए मचल उठता है। अगर मुझे इन चीजों को सिर्फ छूने भर से इतनी खुशी मिलती है, तो उनकी सुंदरता देखकर तो मेरा मन मुग्ध ही हो जाएगा परंतु, जिन लोगों की आँखें हैं, सचमुच बहुत कम देखते हैं। इस दुनिया के अलग-अलग सुंदर रंग उनकी संवेदना को नहीं छूते। मनुष्य अपनी क्षमताओं की कभी कदर नहीं करता। वह हमेशा उस चीज़ की आस लगाए रहता है जो उसके पास नहीं है। लेखिका को किस काम में खुशी मिलती है?चीज़ों को देखकरप्राकृतिक चीज़ों को छूने मेंलोगों से बातें करकेअन्य कार्यों मेंYour comments:Question 9 of 1410. कभी-कभी मेरा दिल इन सब चीज़ों को देखने के लिए मचल उठता है। अगर मुझे इन चीजों को सिर्फ छूने भर से इतनी खुशी मिलती है, तो उनकी सुंदरता देखकर तो मेरा मन मुग्ध ही हो जाएगा परंतु, जिन लोगों की आँखें हैं, सचमुच बहुत कम देखते हैं। इस दुनिया के अलग-अलग सुंदर रंग उनकी संवेदना को नहीं छूते। मनुष्य अपनी क्षमताओं की कभी कदर नहीं करता। वह हमेशा उस चीज़ की आस लगाए रहता है जो उसके पास नहीं है। आँखों वाले लोग बहुत कम क्यों देखते हैं?क्योंकि वे देखकर भी नहीं देखते।उन्हें दिखाई नहीं देता।वे अपने को सर्वज्ञ समझते हैं।ये अंतर्यामी नहीं हैं।Your comments:Question 10 of 1411. कभी-कभी मेरा दिल इन सब चीज़ों को देखने के लिए मचल उठता है। अगर मुझे इन चीजों को सिर्फ छूने भर से इतनी खुशी मिलती है, तो उनकी सुंदरता देखकर तो मेरा मन मुग्ध ही हो जाएगा परंतु, जिन लोगों की आँखें हैं, सचमुच बहुत कम देखते हैं। इस दुनिया के अलग-अलग सुंदर रंग उनकी संवेदना को नहीं छूते। मनुष्य अपनी क्षमताओं की कभी कदर नहीं करता। वह हमेशा उस चीज़ की आस लगाए रहता है जो उसके पास नहीं है। विभिन्न प्राकृतिक चीज़ों को छूने से लेखिका को कैसा महसूस होता है?प्रसन्नतादुखनिराशाहताशाYour comments:Question 11 of 1412. कौन अपनी क्षमताओं की कदर नहीं करता ?लेखिकालेखिका की मित्रमनुष्य उपरोक्त सभीQuestion 12 of 1413. लेखिका की देखने व सुनने की शक्ति किस कारण जाती रही ?बचपन में एक गंभीर बीमारी की वजह सेजन्म से ही थीबड़ी बीमारी के कारणउपरोक्त सभीQuestion 13 of 1414. लेखिका ने अपनी आत्मकथा कौन-सी पुस्तक में लिखी है ?स्टोरी आफ माय लाइफस्टोरी आफ सोलबचपन से आजीवन तकइनमें से कोई नहींQuestion 14 of 14 Loading... 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