MCQ टिकट अलबम Chapter 7 Hindi Class 6 Vasant हिंदी Advertisement MCQ’s For All Chapters – Hindi Class 6th 1. ‘टिकट-अलबम’ पाठ के लेखक कौन हैं?सुंदरा रामस्वामीभगवत शरण उपाध्यायजया विवेकअनुबंधोपाध्यायYour comments:Question 1 of 232. नागराजन को अलबम किसने भिजवाया था?उसके ताऊ नेउसके चाचा नेउसके मामा जी नेउसके दादा जी नेYour comments:Question 2 of 233. नागराजन को लड़के क्यों घेरे रहते थे?वह अच्छे-अच्छे चुटकुले सुनाता था।उसके पास सुंदर खिलौने थे।उसके पास काफ़ी मिठाई थी।उसके पास टिकट-अलबम था।Your comments:Question 3 of 234. नागराजन के मामा कहाँ रहते थे?सिंगापुरत्रिवेंद्रमतिरुचिरा पल्लीचेन्नईYour comments:Question 4 of 235. नागराजन का अलबम किसने चुराया?पार्वती नेउसके मित्र नेराजप्पा नेकिसी पड़ोसी ने।Your comments:Question 5 of 236. अब राजप्पा को कोई नहीं पूछता। आजकल सब-के-सब नागराजन को घेरे रहते। ‘नागराजन घमंडी हो गया है,’ राजप्पा सारे लड़कों में कहता फिरता, पर लड़के भला कहाँ उसकी बातों पर ध्यान देते! नागराजन के मामा जी ने सिंगापुर से एक अलबम भिजवाया था। वह लड़कों को दिखाया करता। सुबह पहली घंटी के बजने तक सभी लड़के नागराजन को घेरकर अलबम देखा करते। नागराजन को लड़के क्यों घेरे रहते थे?उसके पास सुंदर खिलौने थे।उसके पास एक टिकट अलबम था।उसके पास चॉकलेट था।वह अच्छे-अच्छे चुटकुले सुनाता था।Your comments:Question 6 of 237. अब राजप्पा को कोई नहीं पूछता। आजकल सब-के-सब नागराजन को घेरे रहते। ‘नागराजन घमंडी हो गया है,’ राजप्पा सारे लड़कों में कहता फिरता, पर लड़के भला कहाँ उसकी बातों पर ध्यान देते! नागराजन के मामा जी ने सिंगापुर से एक अलबम भिजवाया था। वह लड़कों को दिखाया करता। सुबह पहली घंटी के बजने तक सभी लड़के नागराजन को घेरकर अलबम देखा करते। नागराजन के मामा कहाँ रहते थे?सिंगापुरत्रिवेंद्रमदुबई इंग्लैंडYour comments:Question 7 of 238. अब राजप्पा को कोई नहीं पूछता। आजकल सब-के-सब नागराजन को घेरे रहते। ‘नागराजन घमंडी हो गया है,’ राजप्पा सारे लड़कों में कहता फिरता, पर लड़के भला कहाँ उसकी बातों पर ध्यान देते! नागराजन के मामा जी ने सिंगापुर से एक अलबम भिजवाया था। वह लड़कों को दिखाया करता। सुबह पहली घंटी के बजने तक सभी लड़के नागराजन को घेरकर अलबम देखा करते। सभी लड़के नागराजन के अलबम की करते थेनिंदाशिकायतप्रशंसाचिंताYour comments:Question 8 of 239. पर राजप्पा ने नागराजन के अलबम को देखने की इच्छा कभी नहीं प्रकट की, लेकिन जब दूसरे लड़के उसे देख रहे होते तो वह नीची आँखों से देख लेता। सचमुच नागराजन का अलबम बेहद प्यारा था, पर राजप्पा के पास जितने टिकट थे उतने नागराजन के अलबम में नहीं थे। पर खुद उसका अलबम भी कितना प्यारा था। उसे छू लेना ही कोई बड़ी बात थी। इस तरह का अलबम यहाँ थोड़ी मिलेगा। राजप्पा नागराजन का अलबम क्यों नहीं देखना चाहता था?ईर्ष्यावशप्रशंसावशसामान्य रूप सेसंकोच के कारणYour comments:Question 9 of 2310. पर राजप्पा ने नागराजन के अलबम को देखने की इच्छा कभी नहीं प्रकट की, लेकिन जब दूसरे लड़के उसे देख रहे होते तो वह नीची आँखों से देख लेता। सचमुच नागराजन का अलबम बेहद प्यारा था, पर राजप्पा के पास जितने टिकट थे उतने नागराजन के अलबम में नहीं थे। पर खुद उसका अलबम भी कितना प्यारा था। उसे छू लेना ही कोई बड़ी बात थी। इस तरह का अलबम यहाँ थोड़ी मिलेगा। किसके अलबम में अधिक टिकट था?नागराजन केराजप्पा केदोनों केकिसी के नहींYour comments:Question 10 of 2311. पर राजप्पा ने नागराजन के अलबम को देखने की इच्छा कभी नहीं प्रकट की, लेकिन जब दूसरे लड़के उसे देख रहे होते तो वह नीची आँखों से देख लेता। सचमुच नागराजन का अलबम बेहद प्यारा था, पर राजप्पा के पास जितने टिकट थे उतने नागराजन के अलबम में नहीं थे। पर खुद उसका अलबम भी कितना प्यारा था। उसे छू लेना ही कोई बड़ी बात थी। इस तरह का अलबम यहाँ थोड़ी मिलेगा। नागराजन का अलबम कैसा था?साधारणघटियाबहुत सुंदरराजप्पा के अलबम जैसाYour comments:Question 11 of 2312. राजप्पा मन-ही-मन कुढ़ रहा था। स्कूल जाना अब खलने लगा था और लड़कों के सामने जाने में शर्म आने लगी। आमतौर पर शनिवार और रविवार को टिकट की खोज में लगा रहता, परंतु अब घर-घुसा हो गया था। दिन में कई बार अलबम को पलटता रहता। रात को लेट जाता। साहसा जाने क्या सोचकर उठता, ट्रंक खोलकर अलबम निकालता और एक बार पूरा देख जाता। उसे अलबम से चिढ़ होने लगी थी। उसे लगा, अलबम वाकई कूड़ा हो गया है। राजप्पा क्यों कुढ़ रहा था?मित्रों द्वारा उसकी और उसके अलबम की उपेक्षाअलबम खो जाने के कारण।नागराजन द्वारा किया गया अपमानअलबम में अच्छे टिकट का न होनाYour comments:Question 12 of 2313. राजप्पा मन-ही-मन कुढ़ रहा था। स्कूल जाना अब खलने लगा था और लड़कों के सामने जाने में शर्म आने लगी। आमतौर पर शनिवार और रविवार को टिकट की खोज में लगा रहता, परंतु अब घर-घुसा हो गया था। दिन में कई बार अलबम को पलटता रहता। रात को लेट जाता। साहसा जाने क्या सोचकर उठता, ट्रंक खोलकर अलबम निकालता और एक बार पूरा देख जाता। उसे अलबम से चिढ़ होने लगी थी। उसे लगा, अलबम वाकई कूड़ा हो गया है। स्कूल जाना किसे खलने लगा?नागराजन कोराजप्पा कोअन्य लड़कों कोउपर्युक्त सभी कोYour comments:Question 13 of 2314. राजप्पा मन-ही-मन कुढ़ रहा था। स्कूल जाना अब खलने लगा था और लड़कों के सामने जाने में शर्म आने लगी। आमतौर पर शनिवार और रविवार को टिकट की खोज में लगा रहता, परंतु अब घर-घुसा हो गया था। दिन में कई बार अलबम को पलटता रहता। रात को लेट जाता। साहसा जाने क्या सोचकर उठता, ट्रंक खोलकर अलबम निकालता और एक बार पूरा देख जाता। उसे अलबम से चिढ़ होने लगी थी। उसे लगा, अलबम वाकई कूड़ा हो गया है। रात के समय राजप्पा क्या करता था?लेट जाताट्रंक खोलताअलबम निकालकर देखताउपर्युक्त सभीYour comments:Question 14 of 2315. पर राजप्पा ने नागराजन के अलबम को देखने की इच्छा कभी नहीं प्रकट की, लेकिन जब दूसरे लड़के उसे देख रहे होते तो वह नीची आँखों से देख लेता। सचमुच नागराजन का अलबम बेहद प्यारा था, पर राजप्पा के पास जितने टिकट थे, उतने नागराजन के अलबम में नहीं थे, पर खुद उसका अलबम भी कितना प्यारा था। उसे छू लेना ही कोई बड़ी बात थी। इस तरह का अलबम यहाँ थोड़ी मिलेगा। अलबम के पहले पृष्ठ पर मोती जैसे-अक्षरों में उसके मामा ने लिख भेजा था- -ए. एम. नागराजन ‘इस अलबम को चुराने वाला बेशर्म है। ऊपर लिखे नाम को कभी देखा है? यह अलबम मेरा है। जब तक घास हरी है और कमल लाल, सूरज जब तक पूर्व से उगे और पश्चिम में छिपे, उस अनंत काल तक के लिए यह अलबम मेरा ही रहेगा’। राजप्पा ने नागराजन के अलबम को देखने की इच्छा क्यों प्रकट नहीं की?वह नागराजन को पसंद नहीं करता था।नागराजन एक घमंडी लड़का था।नागराजन के अलबम के प्रति उसके मन में ईर्ष्या थी।नागराजन ने राजप्पा को अलबम दिखाने से मना कर दिया था।Your comments:Question 15 of 2316. पर राजप्पा ने नागराजन के अलबम को देखने की इच्छा कभी नहीं प्रकट की, लेकिन जब दूसरे लड़के उसे देख रहे होते तो वह नीची आँखों से देख लेता। सचमुच नागराजन का अलबम बेहद प्यारा था, पर राजप्पा के पास जितने टिकट थे, उतने नागराजन के अलबम में नहीं थे, पर खुद उसका अलबम भी कितना प्यारा था। उसे छू लेना ही कोई बड़ी बात थी। इस तरह का अलबम यहाँ थोड़ी मिलेगा। अलबम के पहले पृष्ठ पर मोती जैसे-अक्षरों में उसके मामा ने लिख भेजा था- -ए. एम. नागराजन ‘इस अलबम को चुराने वाला बेशर्म है। ऊपर लिखे नाम को कभी देखा है? यह अलबम मेरा है। जब तक घास हरी है और कमल लाल, सूरज जब तक पूर्व से उगे और पश्चिम में छिपे, उस अनंत काल तक के लिए यह अलबम मेरा ही रहेगा’। नागराजन का अलबम कैसा था?बहुत अच्छाबहुत खराबबहुत टिकटों वालारद्दीYour comments:Question 16 of 2317. पर राजप्पा ने नागराजन के अलबम को देखने की इच्छा कभी नहीं प्रकट की, लेकिन जब दूसरे लड़के उसे देख रहे होते तो वह नीची आँखों से देख लेता। सचमुच नागराजन का अलबम बेहद प्यारा था, पर राजप्पा के पास जितने टिकट थे, उतने नागराजन के अलबम में नहीं थे, पर खुद उसका अलबम भी कितना प्यारा था। उसे छू लेना ही कोई बड़ी बात थी। इस तरह का अलबम यहाँ थोड़ी मिलेगा। अलबम के पहले पृष्ठ पर मोती जैसे-अक्षरों में उसके मामा ने लिख भेजा था- -ए. एम. नागराजन ‘इस अलबम को चुराने वाला बेशर्म है। ऊपर लिखे नाम को कभी देखा है? यह अलबम मेरा है। जब तक घास हरी है और कमल लाल, सूरज जब तक पूर्व से उगे और पश्चिम में छिपे, उस अनंत काल तक के लिए यह अलबम मेरा ही रहेगा’। नागराजन के अलबम पर नागराजन का नाम किसने लिखा था?राजप्पा नेनागराजन नेनागराजन के मामा नेइसमें से कोई नहींYour comments:Question 17 of 2318. सीढ़ियों के पास जाकर उसने एक बार झाँककर देखा, फिर जल्दी से दराज़ खोली। अलबम ऊपर ही रखा हुआ था। पहला पृष्ठ खोला। उन वाक्यों को उसने दोबारा पढ़ा। उसका दिल तेज़ी से धड़कने लगा। अलबम को झट कमीज़ के नीचे खोंस लिया और दराज़ बंद कर दिया। सीढ़ियाँ उतरकर घर की ओर भागा। घर जाकर सीधा पुस्तक की अलमारी के पास गया और पीछे की ओर अलबम छिपा दिया। उसने बाहर आकर झाँका। पूरा शरीर जैसे जलने लगा था। गला सूख रहा था और चेहरा तमतमाने लगा था। दराज़ किसने खोली?नागराजन नेराजप्पा नेकमाक्षी नेकिसी ने नहींYour comments:Question 18 of 2319. सीढ़ियों के पास जाकर उसने एक बार झाँककर देखा, फिर जल्दी से दराज़ खोली। अलबम ऊपर ही रखा हुआ था। पहला पृष्ठ खोला। उन वाक्यों को उसने दोबारा पढ़ा। उसका दिल तेज़ी से धड़कने लगा। अलबम को झट कमीज़ के नीचे खोंस लिया और दराज़ बंद कर दिया। सीढ़ियाँ उतरकर घर की ओर भागा। घर जाकर सीधा पुस्तक की अलमारी के पास गया और पीछे की ओर अलबम छिपा दिया। उसने बाहर आकर झाँका। पूरा शरीर जैसे जलने लगा था। गला सूख रहा था और चेहरा तमतमाने लगा था। राजप्पा ने कौन सा पृष्ठ खोला?पहलादूसरातीसराचौथाYour comments:Question 19 of 2320. सीढ़ियों के पास जाकर उसने एक बार झाँककर देखा, फिर जल्दी से दराज़ खोली। अलबम ऊपर ही रखा हुआ था। पहला पृष्ठ खोला। उन वाक्यों को उसने दोबारा पढ़ा। उसका दिल तेज़ी से धड़कने लगा। अलबम को झट कमीज़ के नीचे खोंस लिया और दराज़ बंद कर दिया। सीढ़ियाँ उतरकर घर की ओर भागा। घर जाकर सीधा पुस्तक की अलमारी के पास गया और पीछे की ओर अलबम छिपा दिया। उसने बाहर आकर झाँका। पूरा शरीर जैसे जलने लगा था। गला सूख रहा था और चेहरा तमतमाने लगा था। राजप्पा कहाँ भागकर गया?सीढ़ियों की ओरघर की ओरविद्यालय की ओरअंदर की ओरYour comments:Question 20 of 2321. राजप्पा पिछवाड़े की ओर भागा। जल्दी से बाथरूम में घुसकर दरवाज़ा बंद कर लिया। अम्मा ने अँगीठी पर गरम पानी की देगची चढ़ा रखी थी। उसने अलबम को अँगीठी में डाल दिया। अलबम जलने लगा। कितने प्यारे टिकट थे। राजप्पा की आँखों में आँसू आ गए। राजप्पा कहाँ से भागा?घर के आगे सेघर के पिछवाड़े सेघर के सामने सेगली सेYour comments:Question 21 of 2322. राजप्पा पिछवाड़े की ओर भागा। जल्दी से बाथरूम में घुसकर दरवाज़ा बंद कर लिया। अम्मा ने अँगीठी पर गरम पानी की देगची चढ़ा रखी थी। उसने अलबम को अँगीठी में डाल दिया। अलबम जलने लगा। कितने प्यारे टिकट थे। राजप्पा की आँखों में आँसू आ गए। वह जल्दी से कहाँ घुस गया?घर मेंदुकान मेंबाथरूम मेंस्कूल मेंYour comments:Question 22 of 2323. राजप्पा पिछवाड़े की ओर भागा। जल्दी से बाथरूम में घुसकर दरवाज़ा बंद कर लिया। अम्मा ने अँगीठी पर गरम पानी की देगची चढ़ा रखी थी। उसने अलबम को अँगीठी में डाल दिया। अलबम जलने लगा। कितने प्यारे टिकट थे। राजप्पा की आँखों में आँसू आ गए। अम्मा ने किसमें गरम करने के लिए पानी चढ़ा रखी थी?लोटा मेंघड़ा मेंचाय के बरतनदेगची मेंYour comments:Question 23 of 23 Loading... 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