हिन्द महासागर में छोटा-सा हिंदुस्तान Class 6 Summary
लेखक का यात्रा विवरण
लेखक रामधारी सिंह ‘दिनकर’ ने अपने इस यात्रा विवरण में मॉरिशस की यात्रा के अनुभवों को साझा किया है। उन्होंने अपनी यात्रा की शुरुआत दिल्ली से की और विभिन्न स्थानों से होते हुए मॉरिशस पहुँचे। यात्रा के दौरान, उन्होंने नैरोबी, केन्या के नेशनल पार्क में भी समय बिताया, जहां उन्होंने जंगल के वातावरण और शेरों के व्यवहार का अवलोकन किया। लेखक के लिए यह अनुभव काफी रोमांचक था, खासकर शेरों और हिरणों के बीच की गतिविधियों को देखकर।
मॉरिशस का परिचय
मॉरिशस एक छोटा-सा द्वीप है जो हिंद महासागर में स्थित है। लेखक ने मॉरिशस को ‘हिंद महासागर का मोती’ और ‘भारत-सागर का सबसे खूबसूरत सितारा’ कहा है। मॉरिशस का क्षेत्रफल लगभग 720 वर्गमील है और यह द्वीप चारों ओर से समुद्र से घिरा हुआ है। मॉरिशस की अधिकांश जनसंख्या भारतीय मूल की है, जिनमें से 67 प्रतिशत लोग भारतीय वंश के हैं और उनमें से अधिकांश हिंदू हैं। इस कारण मॉरिशस को ‘छोटा-सा हिंदुस्तान’ भी कहा जा सकता है।
भारतीय संस्कृति का प्रभाव
मॉरिशस में भारतीय संस्कृति का गहरा प्रभाव है। यहां के लोग भारतीय त्योहारों को बड़े धूमधाम से मनाते हैं, जैसे दशहरा, और वे धार्मिक स्थलों पर जाकर पूजा-अर्चना करते हैं। मॉरिशस के मध्य में स्थित ‘गंगा-तालाब’ नामक झील एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है, जहां पर भक्तगण कांवड़ लेकर जाते हैं और वहां की पवित्र जल को अपने गांव के मंदिरों में चढ़ाते हैं। यह स्थान धार्मिक और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक है।
भाषा और समाज
मॉरिशस में मुख्य भाषा फ्रेंच है, लेकिन अधिकांश भारतीय मूल के लोग भोजपुरी बोलते हैं, जो वहां की दूसरी सबसे प्रमुख भाषा है। यहां की भोजपुरी भाषा में फ्रेंच के शब्द भी मिलते हैं, जिससे यह भाषा और भी अनोखी बन जाती है। भारतीय मूल के लोगों ने मॉरिशस की कृषि, विशेषकर गन्ने की खेती और चीनी उद्योग में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
भारत और मॉरिशस के संबंध
लेखक ने मॉरिशस को भारत का एक हिस्सा माना है, क्योंकि वहां के लोग भारतीय संस्कृति और परंपराओं का पालन करते हैं। मॉरिशस में भारतीय संस्कृति को देखने के बाद लेखक को गर्व महसूस होता है, और वह इस बात को रेखांकित करते हैं कि भारतीय संस्कृति कितनी जीवंत और स्थायी है।
निष्कर्ष:
इस यात्रा विवरण में लेखक ने मॉरिशस की सुंदरता, उसकी भारतीय संस्कृति और वहां के लोगों की जीवनशैली का वर्णन किया है। उन्होंने मॉरिशस को ‘छोटा-सा हिंदुस्तान’ कहा है, जहां भारतीयता पूरी तरह से जीवित है और इसे देखना एक गर्व का अनुभव है। इस पाठ के माध्यम से लेखक ने भारतीयता के महत्व और उसकी वैश्विक पहचान को उजागर किया है।
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