मीरा के पद
Short Questions
1. मीरा के नैनों में कौन बसे हैं?
उत्तर: नंदलाल।
2.सावन की बदरिया कैसी लगती है?
उत्तर: मन भावन की।
3.मीरा के प्रभु कौन हैं?
उत्तर: गिरधरनागर।
4.मीरा ने किस भक्त के रूप में जीवन चुना?
उत्तर: कृष्ण भक्त।
5.मीरा ने महलों को त्यागकर क्या किया?
उत्तर: तीर्थों की यात्राएँ कीं।
6.लोग मीरा के भजनों को कैसे गाते हैं?
उत्तर: श्रद्धा और प्रेम से।
7.”बसो मेरे नैनन में नंदलाल” पद में मीरा किससे विनती कर रही हैं?
उत्तर: कृष्ण से।
8.मुरली कहाँ राजित है?
उत्तर: अधर सुधा रस।
9.किंकिणी कहाँ सोभित है?
उत्तर: क्षुद्र घुटिका कटि तट।
10.सावन में किसका मन उमग्यो है?
उत्तर: मीरा का मनवा।
Long Questions
1. मीराबाई कौन थीं और उनकी रचनाएँ किस भक्ति से संबंधित हैं?
उत्तर: मीराबाई हिंदी की महान कवियत्री, कृष्ण भक्त और संत थीं। उनकी रचनाएँ कृष्ण भक्ति और प्रेम से ओतप्रोत हैं।
2.पहले पद में मीरा ने नंदलाल से क्या विनती की है और उनके सौंदर्य का वर्णन कैसे किया है?
उत्तर: पहले पद में मीरा नंदलाल से अपने नैनों में बसने की विनती करती हैं। वे उनके साँवले रूप, विशाल नेत्रों और मुरली की सुंदरता का वर्णन करती हैं।
3.दूसरे पद में सावन के महीने का वर्णन मीरा ने किस प्रकार किया है?
उत्तर: दूसरे पद में मीरा सावन के महीने को मन भावन बताती हैं, जिसमें बादल चारों दिशाओं से उमड़-घुमड़कर आते हैं और ठंडी हवा के साथ वर्षा होती है।
4.मीरा ने अपना जीवन किस प्रकार बिताया, जबकि वह एक राजकुमारी थीं?
उत्तर: एक राजकुमारी होते हुए भी मीरा ने संतों का जीवन चुना और महलों को त्यागकर तीर्थों की यात्राएँ कीं तथा मंदिरों में भजन गाती थीं।
5.मीरा के पदों को आज भी लोग क्यों गाते और सुनते हैं?
उत्तर: मीरा के पदों में कृष्ण के प्रति उनकी गहरी श्रद्धा और प्रेम व्यक्त होता है, जिसके कारण लोग आज भी उन्हें श्रद्धा और प्रेम से गाते और सुनते हैं।
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