बिरजू महाराज से साक्षत्कार
Short Questions
1. बिरजू महाराज का मुख्य नृत्य क्या था?
उत्तर कथक।
2.बिरजू महाराज ने कथक किससे सीखा?
उत्तर अपने पिता और चाचाओं से।
3.बिरजू महाराज का बचपन कैसा था?
उत्तर संघर्षों से भरा।
4.बिरजू महाराज की माँ ने उनकी कैसे मदद की?
उत्तर आर्थिक तंगी में सोने-चाँदी के तार बेचकर।
5.कथक की शुरुआत कहाँ से हुई?
उत्तर मंदिरों से।
6.बिरजू महाराज ने गंडा बाँधने की परंपरा में क्या बदलाव किया?
उत्तर शिष्य की लगन देखने के बाद गंडा बाँधते थे।
7.कथक में लय का क्या महत्व है?
उत्तर लय नृत्य को सुंदर बनाती है।
8.लोक नृत्य और शास्त्रीय नृत्य में क्या अंतर है?
उत्तर लोक नृत्य सामूहिक और मनोरंजन के लिए, शास्त्रीय नृत्य व्यक्तिगत और दर्शकों के लिए।
9.बिरजू महाराज को खाली समय में क्या करना पसंद था?
उत्तर मशीनें खोलना और चित्रकारी।
10. सुधा चंद्रन का पैर क्यों काटा गया?
उत्तर दुर्घटना के बाद गैंग्रीन होने के कारण।
Long Questions
1. बिरजू महाराज ने कथक को कैसे नया रूप दिया?
उत्तर उन्होंने अपने चाचाओं और पिता की भाव-भंगिमाओं को कथक में जोड़ा।
आधुनिक कवियों की रचनाओं को भी शामिल किया।
2.बिरजू महाराज के अनुसार नृत्य सीखने के लिए संगीत क्यों जरूरी है?
उत्तर संगीत में लय होती है जो नृत्य को संतुलन देती है।
सुर-ताल की समझ से नर्तक को लहरा की गलती पता चलती है।
3.बिरजू महाराज ने बच्चों की शिक्षा के बारे में क्या सलाह दी?
उत्तर बच्चों को उनकी रुचि के अनुसार संगीत और नृत्य सीखने देना चाहिए।
यह अनुशासन और बौद्धिक विकास में मदद करता है।
4.सुधा चंद्रन ने अपनी शारीरिक अक्षमता के बावजूद कैसे सफलता पाई?
उत्तर सुधा ने कृत्रिम पैर के साथ कठिन अभ्यास किया।
उनके साहस और मेहनत ने उन्हें प्रसिद्ध नृत्यांगना बनाया।
5.कथक और अन्य शास्त्रीय नृत्यों में क्या अंतर है?
उत्तर कथक में दैनिक जीवन की भाव-भंगिमाएँ होती हैं, जबकि भरतनाट्यम में मूर्तिकला का प्रभाव है।
कथकली में ओज और मणिपुरी में कोमलता होती है।
Leave a Reply