MCQ बिरजू महाराज से साक्षत्कार Chapter 8 हिंदी मल्हार Class 7 Hindi Malhar NCERT Advertisement 1. बिरजू महाराज का बचपन कैसा था?सुख-समृद्धि से भरासंघर्षपूर्णसामान्यवैभवपूर्णQuestion 1 of 202. बिरजू महाराज ने कथक किससे सीखा?अपने गुरु सेअपने पिता, चाचा शंभू महाराज और लच्छू महाराज सेकिसी नृत्य विद्यालय सेस्वयं आत्म-अध्ययन सेQuestion 2 of 203. बिरजू महाराज की माँ ने उनके संघर्ष के दिनों में क्या सलाह दी?नृत्य छोड़कर नौकरी करने कीअभ्यास जरूर करने कीकेवल पढ़ाई पर ध्यान देने कीघर का खर्च कम करने कीQuestion 3 of 204. बिरजू महाराज ने गंडा बाँधने की परंपरा में क्या बदलाव किया?इसे पूरी तरह समाप्त कर दियाशिष्य की लगन देखने के बाद गंडा बाँधने लगेगुरु को दक्षिणा देने की परंपरा शुरू कीगंडा बाँधने से पहले शिष्य को परीक्षा देने को कहाQuestion 4 of 205. बिरजू महाराज के अनुसार नृत्य के साथ-साथ अन्य कार्य करना संभव है, यह किस पर निर्भर करता है?समय की उपलब्धता परव्यक्ति की सामर्थ्य परगुरु की अनुमति परपरिवार के सहयोग परQuestion 5 of 206. कथक की शुरुआत के बारे में बिरजू महाराज ने क्या बताया?यह मध्यकाल में शुरू हुआयह महाभारत और रामायण के समय से चला आ रहा हैयह केवल लखनऊ में शुरू हुआयह विदेशी नृत्य से प्रेरित हैQuestion 6 of 207. बिरजू महाराज के अनुसार लय का क्या महत्व है?यह केवल संगीत के लिए आवश्यक हैयह नृत्य और जीवन में संतुलन बनाए रखती हैयह केवल नृत्य की सजावट हैयह नृत्य को कठिन बनाती हैQuestion 7 of 208. बिरजू महाराज ने कथक में क्या नया जोड़ा?पूरी तरह नई शैली बनाईभाव-भंगिमाओं को शामिल किया और प्रस्तुतीकरण में बदलाव किएकेवल आधुनिक गीतों का उपयोग कियापरंपरागत कथक को छोड़ दियाQuestion 8 of 209. बिरजू महाराज ने यशोदा और कृष्ण के बारे में क्या कहा?यशोदा और कृष्ण केवल कथक की कहानियों में हैंसभी माँएँ यशोदा हैं और सभी बच्चे कृष्णयशोदा और कृष्ण की कहानी कथक में शामिल नहीं हैयशोदा और कृष्ण की कहानी केवल दक्षिण भारत में प्रचलित हैQuestion 9 of 2010. पहले कथक प्रस्तुति कहाँ होती थी?बड़े मंचों परचाँदनी (सफेद चादर) पर, जहाँ दर्शक चारों ओर बैठते थेकेवल मंदिरों मेंराजमहलों मेंQuestion 10 of 2011. बिरजू महाराज ने बचपन में क्या-क्या शुरू किया था?केवल नृत्यतबला पीटना, हारमोनियम बजाना और फिल्मी गाने गानाकेवल गायनकेवल तबला बजानाQuestion 11 of 2012. शास्त्रीय नृत्य और लोक नृत्य में क्या अंतर है?शास्त्रीय नृत्य सामूहिक होता हैलोक नृत्य व्यक्तिगत और शास्त्रीय नृत्य सामूहिक होता हैलोक नृत्य मनोरंजन के लिए और शास्त्रीय नृत्य दर्शकों के लिए होता हैदोनों में कोई अंतर नहीं हैQuestion 12 of 2013. बिरजू महाराज के अनुसार भारत में शास्त्रीय नृत्य की स्थिति क्या है?पूरी तरह समाप्त हो चुकी हैपहले दयनीय थी, अब लोकप्रियता बढ़ रही हैकेवल दक्षिण भारत में लोकप्रिय हैकेवल उत्तर भारत में प्रचलित हैQuestion 13 of 2014. कथक और भरतनाट्यम में क्या अंतर है?कथक में मूर्तिकला से प्रेरणा ली जाती हैकथक में दैनिक जीवन से भाव-भंगिमाएँ ली जाती हैं, जबकि भरतनाट्यम में मूर्तिकला सेदोनों में कोई अंतर नहीं हैकथक केवल पुरुषों द्वारा किया जाता हैQuestion 14 of 2015. बिरजू महाराज के अनुसार कथक में गर्दन की गति कैसी होती है?तेज और जोरदारचिराग की लौ के समान हल्कीस्थिर और बिना हिलाएबहुत धीमी और भारीQuestion 15 of 2016. बिरजू महाराज खाली समय में क्या करते हैं?केवल नृत्य का अभ्यासमशीनों के पुर्जे देखना और चित्रकारीकेवल पढ़ाईकेवल गायनQuestion 16 of 2017. बिरजू महाराज ने बच्चों की रुचियों के बारे में अभिभावकों को क्या सलाह दी?बच्चों को केवल पढ़ाई पर ध्यान देने देंबच्चों की रुचि के अनुसार लय के साथ संलग्न होने देंबच्चों को नृत्य सीखने से रोकेंबच्चों को खेलकूद से दूर रखेंQuestion 17 of 2018. बिरजू महाराज ने अपनी बेटियों को क्या सिखाया?केवल गायनकथक नृत्यकेवल चित्रकारीकोई कला नहींQuestion 18 of 2019. बिरजू महाराज के अनुसार हुनर का क्या महत्व है?यह केवल मनोरंजन के लिए हैयह खजाना है जो कोई नहीं छीन सकतायह केवल पुरुषों के लिए हैयह समय की बर्बादी हैQuestion 19 of 2020. बिरजू महाराज ने कथक की परंपरा को कहाँ से प्राचीन बताया?मध्यकाल सेमहाभारत और रामायण सेमुगल काल सेआधुनिक काल सेQuestion 20 of 20 Loading...
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