परिचय
- कविता का नाम: माँ, कह एक कहानी
- कवि: मैथिलीशरण गुप्त
- काव्य-कृति: यह कविता उनकी पुस्तक यशोधरा से ली गई है।
- विषय: यह कविता माँ (यशोधरा) और उनके बेटे (राहुल) के बीच संवाद के रूप में है, जिसमें माँ अपने बेटे को एक कहानी सुनाती है। कहानी के माध्यम से दया, न्याय और नैतिकता का पाठ पढ़ाया जाता है।
- लेखन शैली: संवादात्मक और वर्णनात्मक
कवि का परिचय
- नाम: मैथिलीशरण गुप्त (1886-1964)
- जन्म स्थान: चिरगाँव, झाँसी (उत्तर प्रदेश)
विशेषताएँ:
- इन्हें राष्ट्रकवि के नाम से जाना जाता है।
- इन्होंने ब्रजभाषा और फिर हिंदी में कविताएँ लिखीं।
- इनकी रचनाएँ स्वतंत्रता आंदोलन में देशभक्ति की भावना जगाने के लिए प्रसिद्ध थीं।
- प्रमुख कृतियाँ: साकेत, भारत-भारती, यशोधरा।
- इनकी कविताओं में भारतीय संस्कृति, इतिहास और राष्ट्रीय चेतना झलकती है।
कविता का सार
कहानी का आधार:
- यह कविता माँ (यशोधरा) और बेटे (राहुल) के बीच बातचीत पर आधारित है।
- राहुल अपनी माँ से बार-बार कहानी सुनने की जिद करता है।
- माँ उसे एक ऐसी कहानी सुनाती है जिसमें प्रकृति, दया, और न्याय की बातें हैं।
- कहानी में एक घायल पक्षी, उसके पिता (सिद्धार्थ), और एक आखेटक (शिकारी) की घटना का वर्णन है।
मुख्य घटना:
- सिद्धार्थ सुबह-सवेरे उपवन में टहल रहे थे।
- एक हंस को तीर से घायल कर आखेटक ने उसका शिकार किया।
- सिद्धार्थ ने हंस को बचाया और उसे नया जीवन दिया।
- आखेटक ने घायल हंस को माँगा, लेकिन सिद्धार्थ ने उसे देने से इनकार कर दिया।
- दोनों के बीच विवाद हुआ, जो न्यायालय तक पहुँचा।
- माँ राहुल से पूछती है कि वह इस मामले में क्या निर्णय लेगा।
- राहुल कहता है कि जो निरपराध को मारे, उसे सजा मिलनी चाहिए, और रक्षक का पक्ष लिया जाना चाहिए।
संदेश:
- कविता दया और न्याय का महत्व सिखाती है।
- यह बताती है कि हमें निर्दोष प्राणियों की रक्षा करनी चाहिए।
- राहुल का जवाब दर्शाता है कि वह कहानी से नैतिकता और न्याय की समझ विकसित कर रहा है।
पात्र
- माँ: यशोधरा (सिद्धार्थ की पत्नी, एक राजकुमारी)
- बेटा: राहुल (सिद्धार्थ और यशोधरा का पुत्र)
- तात (पिता): सिद्धार्थ (जो बाद में गौतम बुद्ध बने)
कविता की विशेषताएँ
- संवादात्मक शैली: माँ और बेटे की बातचीत कविता को रोचक बनाती है।
- प्रकृति का वर्णन: उपवन, फूल, हवा, और पानी का सुंदर चित्रण।
- दोहराव: कुछ पंक्तियाँ (जैसे “माँ, कह एक कहानी”) दोहराई गई हैं, जिससे कविता में लय और आकर्षण बढ़ता है।
- विपरीत शब्दों का प्रयोग: जैसे “सदय-निर्दय”, “कोमल-कठिन”।
- प्रश्न-उत्तर शैली: माँ और बेटे के बीच सवाल-जवाब से कहानी आगे बढ़ती है।
- नैतिक शिक्षा: कविता दया, न्याय और सही-गलत की समझ सिखाती
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