परिचय
लेखक: अनुपम मिश्र (1948-2016), एक प्रसिद्ध पर्यावरणविद्, लेखक, और संपादक।
उनकी प्रमुख किताब: आज भी खरे हैं तालाब।
वे गांधी शांति प्रतिष्ठान की पत्रिका गांधी मार्ग के संपादक थे।
पाठ का विषय: पानी का महत्व, जल-चक्र, पानी की कमी का संकट, और इसके संरक्षण के उपाय।
उद्देश्य: छात्रों को पानी की कीमत समझाना और इसके संरक्षण के लिए प्रेरित करना।
मुख्य बिंदु
1. जल-चक्र की प्रक्रिया
जल-चक्र क्या है?
यह प्रकृति में पानी के चक्कर की प्रक्रिया है, जिसमें पानी एक रूप से दूसरे रूप में बदलता है।
चरण:
1. सूरज की गर्मी से समुद्र का पानी भाप बनता है।
2. भाप ठंडी होकर बादल बनती है।
3. हवा बादलों को इधर-उधर ले जाती है।
4. बादल ठंडे होने पर बारिश के रूप में पानी धरती पर गिरता है।
5. यह पानी नदियों, तालाबों, और झीलों से होता हुआ फिर समुद्र में मिल जाता है।
महत्व: यह चक्र पानी को धरती पर उपलब्ध रखता है।
2. पानी की कमी का संकट
समस्याएँ:
नलों में पानी की कमी: कई बार नल खोलने पर पानी नहीं आता, केवल ‘सूं-सूं’ की आवाज आती है।
अनियमित आपूर्ति: पानी देर रात या सुबह जल्दी आता है, जिससे लोग परेशान होते हैं।
झगड़े: पानी की कमी के कारण लोग आपस में लड़ते हैं।
मोटरों का उपयोग: कुछ लोग मोटर लगाकर दूसरों का पानी खींच लेते हैं, जो गलत है।
शहरों में:
पानी की कमी इतनी बढ़ गई है कि इसे खरीदना पड़ता है।
बड़े शहरों जैसे दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, और बेंगलुरु में भी यह संकट है।
गाँवों में:
गर्मी में सूखा (अकाल) पड़ता है।
बारिश में बाढ़ आती है, जिससे घर, स्कूल, और सड़कें डूब जाती हैं।
निष्कर्ष: पानी की कमी और बाढ़ एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। इन्हें समझकर संभालने की जरूरत है।
3. धरती: पानी की गुल्लक
धरती को गुल्लक क्यों कहा?
जैसे हम गुल्लक में पैसे जमा करते हैं, वैसे ही धरती बारिश के पानी को तालाबों, झीलों, और भूजल में जमा करती है।
यह जमा पानी साल भर हमारे काम आता है (घर, खेत, स्कूल आदि में)।
कैसे काम करता है?
तालाब और झीलें बारिश के पानी को जमा करती हैं।
यह पानी जमीन में रिसकर भूजल भंडार को बढ़ाता है।
समस्या:
लोग लालच में तालाबों को कचरे से भर देते हैं।
तालाबों की जगह मकान, बाजार, स्टेडियम, और सिनेमाघर बन गए।
इससे भूजल कम हो रहा है, नल सूख रहे हैं, और बारिश में बस्तियाँ डूब रही हैं।
समाधान:
तालाबों, नदियों, और जलस्रोतों की रक्षा करें।
बारिश के पानी को जमा करने की व्यवस्था करें।
4. पानी का मूल्य
पानी क्यों कीमती है?
पानी रुपये से भी ज्यादा मूल्यवान है क्योंकि यह जीवन का आधार है।
बिना पानी के न खेती हो सकती है, न घर का काम, न जीवन संभव है।
उदाहरण:
गुल्लक में पैसे जमा करने से जरूरत के समय काम आते हैं, वैसे ही पानी जमा करने से संकट के समय मदद मिलती है।
पानी संरक्षण के उपाय
वर्षा जल संग्रहण:
- छतों पर बारिश का पानी इकट्ठा करें और पाइप के जरिए टैंकों में जमा करें।
- इस पानी को साफ करके पीने या अन्य कामों में इस्तेमाल करें।
तालाबों और झीलों की रक्षा:
- तालाबों में कचरा न डालें।
- उन्हें गहरा करें ताकि ज्यादा पानी जमा हो।
भूजल संरक्षण:
- पेड़ लगाएँ, क्योंकि वे पानी को जमीन में रिसने में मदद करते हैं।
- अनावश्यक मोटरों का उपयोग बंद करें।
पानी की बचत:
- नहाते, बर्तन धोते, या कपड़े धोते समय कम पानी इस्तेमाल करें।
- नल को खुला न छोड़ें।
- रिसाव वाले नलों को तुरंत ठीक करें।
शीर्षक पर विचार
‘पानी रे पानी’ क्यों?
- यह शीर्षक पानी की पुकार को दर्शाता है, जो हमें इसके महत्व और संकट की ओर ध्यान देने को कहता है।
- यह भावनात्मक रूप से हमें पानी की रक्षा करने के लिए प्रेरित करता है।
आप क्या नाम देंगे?
- ‘पानी की पुकार’: यह नाम पानी की कमी और इसके संरक्षण की जरूरत को स्पष्ट करता है।
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