परिचय
“वर्षा-बहार” कविता मुकुटधर पांडेय द्वारा लिखी गई है, जो हिंदी साहित्य में प्रकृति की सुंदरता को दर्शाने के लिए प्रसिद्ध हैं। यह कविता वर्षा ऋतु की सुंदरता, आनंद और प्रकृति के जीव-जंतुओं की खुशी को दर्शाती है। यह कविता प्रकृति के विभिन्न रूपों और उसकी महत्ता को सरल और सुंदर शब्दों में व्यक्त करती है।
कविता की मुख्य पंक्तियाँ और उनका अर्थ
1. “वर्षा-बहार सब के, मन को लुभा रही है”
- अर्थ: वर्षा ऋतु सभी के मन को आकर्षित करती है और खुशी देती है।
2. “नभ में छटा अनूठी, घनघोर छा रही है”
- अर्थ: आकाश में बादलों की अनोखी सुंदरता छा रही है, जो वर्षा का संकेत देती है।
3. “बिजली चमक रही है, बादल गरज रहे हैं”
- अर्थ: बिजली की चमक और बादलों की गर्जना वर्षा के आगमन को दर्शाती है।
4. “पानी बरस रहा है, झरने भी ये बहे हैं”
- अर्थ: बारिश हो रही है और झरने भी तेजी से बह रहे हैं।
5. “चलती हवा है ठंडी, हिलती हैं डालियाँ सब”
- अर्थ: ठंडी हवा चल रही है, जिससे पेड़ों की डालियाँ हिल रही हैं।
6. “बागों में गीत सुंदर, गाती हैं मालिनें अब”
- अर्थ: बगीचों में मालिनें (महिलाएँ) सुंदर गीत गा रही हैं।
7. “तालों में जीव जलचर, अति हैं प्रसन्न होते”
- अर्थ: तालाबों में जलचर जीव वर्षा के कारण बहुत खुश हैं।
8. “फिरते लखो परिंदे, हैं ग्रीष्म ताप खोते”
- अर्थ: लाखों पक्षी उड़ रहे हैं और गर्मी की तपिश से राहत पा रहे हैं।
9. “करते हैं नृत्य वन में, देखो ये मोर सारे”
- अर्थ: जंगल में मोर नाच रहे हैं, जो वर्षा की खुशी को दर्शाता है।
10. “मेंढक लुभा रहे हैं, गाकर सुगीत प्यारे”
- अर्थ: मेंढक अपनी टर्र-टर्र की आवाज से प्यारे गीत गा रहे हैं।
11. “खिलता गुलाब केसा, सौरभ उड़ा रहा है”
- अर्थ: गुलाब के फूल खिल रहे हैं और उनकी सुगंध फैल रही है।
12. “चलते हैं हंस कहीं पर, बाँधे कतार सुंदर”
- अर्थ: हंस सुंदर कतार में चल रहे हैं, जो प्रकृति की अनुशासित सुंदरता को दर्शाता है।
13. “सारे जगत की शोभा, निभर है इसके ऊपर”
- अर्थ: पृथ्वी की सारी सुंदरता और जीवन वर्षा पर निर्भर है।
कवि परिचय
- नाम: मुकुटधर पांडेय
- जन्म: 1895, बिलासपुर, छत्तीसगढ़
- मृत्यु: 1989
- योगदान: प्रकृति की सुंदरता को अपनी रचनाओं में दर्शाया। उनकी रचनाएँ पत्रिकाओं जैसे सरस्वती और माधुरी में छपती थीं।
- पुरस्कार: भारत सरकार द्वारा पद्मभूषण सम्मान प्राप्त।
- विशेषता: किशोरावस्था से ही कविता और लेख लिखना शुरू किया। उनकी रचनाएँ प्रकृति की विभिन्न छवियों को दर्शाती हैं।
कविता की विशेषताएँ
- प्रकृति का चित्रण: कविता में वर्षा ऋतु की सुंदरता को जीवंत रूप में दर्शाया गया है।
- सरल भाषा: कविता की भाषा सरल और भावपूर्ण है, जो बच्चों के लिए समझने में आसान है।
- अलंकार: कविता में उपमा, रूपक और अनुप्रास जैसे अलंकारों का उपयोग हुआ है।
- सकारात्मक भाव: कविता में आनंद, खुशी और उत्साह का भाव प्रमुख है।
- जीव-जंतुओं का वर्णन: मोर, मेंढक, हंस और पक्षियों के माध्यम से प्रकृति की जीवंतता दिखाई गई है।
- वाक्य संरचना: कुछ पंक्तियाँ सरल वाक्य के रूप में हैं, जबकि कुछ में काव्यात्मक संरचना है।
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