कवि: आरसी प्रसाद सिंह
मुख्य बातें:
- यह कविता एक चिड़िया के बारे में है जो पीपल की ऊँची डाली पर बैठी हुई गाती है।
- कवि पूछते हैं कि क्या हमें उसकी बोली में छिपे संदेश के बारे में पता है।
- चिड़िया प्रेम और एकता का पाठ पढ़ाती है।
- वह दुनिया के बंधनों में फंसे मनुष्यों को मुक्ति का रास्ता दिखाती है।
चिड़ियों की दुनिया:
- वन में कई प्रकार के पक्षी जैसे खंजन, कबूतर, चातक, कोयल, कौआ और हंस आदि मिलजुलकर रहते हैं।
- वे सब आपस में प्यार और सद्भाव से रहते हैं।
- वे मिलकर खाते-पीते हैं।
- आसमान ही उनका घर है और वे जहाँ चाहें, उड़कर जा सकते हैं।
- वे जहाँ भी रहते हैं, अपनी एक अलग दुनिया बसा लेते हैं।
- चिड़ियाँ दिनभर काम करती हैं और रात में पेड़ों पर सो जाती हैं।
चिड़ियों के गुण:
- उनके मन में लालच और पाप नहीं होता।
- उन्हें दुनिया के सारे धन को हड़पने की इच्छा नहीं होती।
- वे अपनी मेहनत से जितना मिलता है, उतना ही लेती हैं।
- जो कुछ बच जाता है, उसे दूसरों के लिए छोड़ देती हैं।
- वे बिना किसी डर के विशाल आकाश में उड़ती हैं।
- वे दूसरों की कमाई से अपना घर नहीं भरतीं।
मनुष्य के लिए सीख:
- चिड़िया मनुष्यों से कहती है कि उनसे दुनिया में जीना सीखो।
- चिड़िया स्वतंत्र है, जबकि मनुष्य ने अपने पैरों में बेड़ियाँ डाल रखी हैं (अर्थात बंधन बना रखे हैं)।
- मनुष्यों को चिड़िया को देखकर अपने सोने के बंधनों (मोह-माया) को तोड़ देना चाहिए।
- कवि कहते हैं कि मनुष्यों को मानवता से द्रोह की भावना छोड़ देनी चाहिए।
कविता का अंतिम भाग:
- पीपल की डाली पर बैठी चिड़िया यही संदेश सुनाने आती है।
- वह थोड़ी देर बैठकर हमें आश्चर्यचकित करती है और फिर गाकर उड़ जाती है।
कवि परिचय:
- आरसी प्रसाद सिंह प्रकृति और जीवन के संघर्ष को अपनी रचनाओं में प्रमुखता से चित्रित करने वाले कवि हैं।
- उनकी कविताओं में प्रेम, करुणा, त्याग-बलिदान, मुक्ति और मिलजुलकर रहने जैसे भाव मुख्य होते हैं।
अतिरिक्त जानकारी (पृष्ठ 126 से):
- पक्षी अक्सर झुंड बनाकर उड़ते हैं।
- सारस और हंस आकाश में ‘वी’ (V) आकार में उड़ते हुए ध्यान आकर्षित करते हैं।
- अबाबील, चकिदल, फुदकी, समुद्री पक्षी और जलपक्षी समूहों में इकट्ठे होते हैं।
- प्रत्येक समूह में एक ही प्रकार के पक्षी होते हैं।
- उड़ने वाले झुंडों में पंखों की तेज आवाज और चहचहाहट होती है।
- प्रवासी पक्षियों को लंबी यात्राओं में कई मुश्किलों का सामना करना पड़ता है, जैसे तूफान और रास्तों से भटक जाना।
- रात में शहरों की तेज रोशनी भी उन्हें भटका सकती है।
- कुछ पक्षी रुक-रुक कर यात्रा करते हैं, जबकि कुछ बिना रुके लंबी दूरी तय करते हैं।
- अधिकतर पक्षी सूर्यास्त के बाद अपनी यात्रा शुरू करते हैं।
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