तीन बुद्धिमान (लोककथा)
पाठ से
(क.) लोककथा के आधार पर नीचे दिए गए प्रश्नों का सटीक उत्तर कौन सा है? उसके सामने तारा बनाइए। कुछ प्रश्नों के एक से अधिक उत्तर भी हो सकते हैं।
1. लोककथा में पिता ने अपने बेटों से ‘धन संचय करने’ को कहा। उनकी इस बात का क्या अर्थ हो सकता है?
- खेती-बारी करना और धन इकट्ठा करना
- ☆ पैनी दृष्टि और तीव्र बुद्धि का विकास करना
- ऊँट का व्यापार करना
- गाँव छोड़कर किसी नगर में जाकर बसना
वजह: पिता ने अपने बेटों को सलाह दी कि वे रुपये-पैसे और सोने-चाँदी के बजाय पैनी दृष्टि और तीव्र बुद्धि को संचित करें, क्योंकि यह धन कभी कम नहीं होता और उन्हें दूसरों से कमतर नहीं रहने देगा।
2. तीनों भाइयों ने अपने ज्ञान और बुद्धि का उपयोग करके ऊँट के बारे में बहुत-कुछ बता दिया। इससे क्या निष्कर्ष निकाला जा सकता है?
- बुद्धि का प्रयोग करके ऊँट के बारे में सब-कुछ बताया जा सकता है।
- ☆ समस्या को सुलझाने के लिए ध्यान से निरीक्षण करना महत्वपूर्ण है।
- ☆ किसी व्यक्ति का ज्ञान, बुद्धि और धन ही सबसे बड़ी ताकत है।
- ऊँट के बारे में जानने के लिए दूसरों पर भरोसा करना चाहिए।
वजह: भाइयों ने अपने अवलोकन और बुद्धि का उपयोग करके ऊँट के बारे में सटीक जानकारी दी, जो दर्शाता है कि सावधानीपूर्वक निरीक्षण और बुद्धि किसी व्यक्ति की सबसे बड़ी ताकत हैं।
3. राजा ने भाइयों की बुद्धिमत्ता पर विश्वास क्यों किया?
- ☆ भाइयों ने अपनी बात को तर्क के साथ समझाया।
- राजा को ऊँट के स्वामी की बातों पर संदेह था।
- ☆ राजा ने स्वयं ऊँट और पेटी की जाँच कर ली थी।
- भाइयों ने राजा को अपनी बात में उलझा लिया था।
वजह: भाइयों ने तर्कसंगत ढंग से ऊँट और पेटी के बारे में बताया, और जब राजा ने पेटी खोलकर कच्चा अनार देखा, तो उनकी बुद्धिमत्ता पर विश्वास हो गया।
4. लोककथा के पात्रों और घटनाओं के आधार पर, राजा के निर्णय के पीछे कौन-सा मूल्य छिपा है?
- दोषी को कड़ा से कड़ा दंड देना हर समस्या का सबसे बड़ा समाधान है
- ☆ अच्छी तरह जाँच किए बिना किसी को दोषी नहीं ठहराना चाहिए
- राजा की प्रत्येक बात और निर्णय को सदा सही माना जाना चाहिए
- ऊँट की चोरी के निर्णय के लिए सेवक की बुद्धि का उपयोग करना चाहिए।
वजह: राजा ने भाइयों की बुद्धिमत्ता की जाँच करने के बाद ही उन्हें निर्दोष माना, जिससे पता चलता है कि वह बिना सबूत के किसी को दोषी ठहराने में विश्वास नहीं करता।
(ख.) हो सकता है कि आपके समूह के साथियों ने भिन्न-भिन्न उत्तर चुने हों। अपने मित्रों के साथ चर्चा कीजिए कि आपने ये उत्तर ही क्यों चुनें।
मैंने ये उत्तर इसलिए चुने क्योंकि लोककथा स्पष्ट रूप से बुद्धि, अवलोकन, और तार्किक सोच के महत्व पर जोर देती है। पिता की सलाह और भाइयों के कार्यों से यह स्पष्ट है कि पैनी दृष्टि और बुद्धि ही उनकी सबसे बड़ी ताकत थी। राजा ने भी उनकी बुद्धिमत्ता की जाँच करके निष्पक्ष निर्णय लिया। यदि मेरे समूह के साथी भिन्न उत्तर चुनते हैं, तो मैं उनसे पूछूँगा कि उनके उत्तर लोककथा के कथानक और पात्रों के व्यवहार से कैसे मेल खाते हैं। हम यह भी चर्चा करेंगे कि क्या उनके चुने हुए उत्तर कहानी के मुख्य संदेश को सही ढंग से दर्शाते हैं।
पंक्तियों पर चर्चा
पाठ में से चुनकर कुछ पंक्तियाँ नीचे दी गई हैं। इन्हें ध्यान से पढ़िए और इन पर विचार कीजिए। आपको इनका क्या अर्थ समझ में आया? अपने विचार अपने समूह में साझा कीजिए और लिखिए
(क) “रुपये-पैसे के स्थान पर तुम्हारे पास पैनी दृष्टि होगी और सोने-चाँदी के स्थान पर तीव्र बुद्धि होगी। ऐसा धन संचित कर लेने पर तुम्हें कभी किसी प्रकार की कमी न रहेगी और तुम दूसरों की तुलना में उन्नीस नहीं रहोगे।”
मेरी समझ: इस पंक्ति में पिता अपने बेटों को सिखाते हैं कि भौतिक धन (रुपये-पैसे, सोना-चाँदी) से ज्यादा महत्वपूर्ण है बुद्धि और अवलोकन की शक्ति। पैनी दृष्टि और तीव्र बुद्धि ऐसी संपत्ति है जो कभी खत्म नहीं होती और जीवन में हर स्थिति में काम आती है। यह धन व्यक्ति को आत्मनिर्भर बनाता है और उसे दूसरों से कमतर नहीं रहने देता। यह पंक्ति इस बात पर जोर देती है कि ज्ञान और समझ ही सच्चा धन है, जो किसी भी परिस्थिति में कमी नहीं आने देता।
समूह में चर्चा के लिए विचार: मैं अपने समूह के साथ इस बात पर चर्चा करूँगा कि क्या भौतिक धन की तुलना में बुद्धि और अवलोकन अधिक महत्वपूर्ण हैं? क्या हमने अपने जीवन में कभी ऐसी स्थिति का सामना किया है जहाँ हमारी बुद्धि ने हमें किसी समस्या से बाहर निकाला? उदाहरण के लिए, कोई स्कूल प्रोजेक्ट या रोजमर्रा की समस्या।
(ख) “हर वस्तु और स्थिति को पूर्णतः समझने और जानने का प्रयास करो। कुछ भी तुम्हारी दृष्टि से न बच पाए।”
मेरी समझ: इस पंक्ति में पिता अपने बेटों को सलाह दे रहे हैं कि वे अपने आसपास की हर चीज और स्थिति को गहराई से समझने की कोशिश करें। इसका मतलब है कि हर छोटी-बड़ी बात पर ध्यान देना और उसे बुद्धि से विश्लेषण करना। यह सिखाता है कि सावधानीपूर्वक अवलोकन और समझ से कोई भी रहस्य या समस्या हल की जा सकती है। यह पंक्ति जिज्ञासु और सतर्क रहने के महत्व को दर्शाती है।
समूह में चर्चा के लिए विचार: मैं अपने समूह के साथ इस पर चर्चा करूँगा कि हम अपने दैनिक जीवन में कितना ध्यान देते हैं? उदाहरण के लिए, क्या हम अपने परिवेश, जैसे स्कूल, घर, या दोस्तों की बातों को गहराई से समझने की कोशिश करते हैं? क्या कभी किसी छोटी सी बात को ध्यान से देखकर हमने कोई बड़ा निष्कर्ष निकाला है?
(ग) “हमने अपने परिवेश को पैनी दृष्टि से देखने और बुद्धि से सोचने के प्रयास में बहुत समय लगाया है।”
मेरी समझ: इस पंक्ति में तीनों भाई बताते हैं कि उन्होंने अपने पिता की सलाह को गंभीरता से लिया और लंबे समय तक अपने परिवेश को ध्यान से देखने और तार्किक सोच विकसित करने में मेहनत की। यह दर्शाता है कि उनकी बुद्धिमत्ता और अवलोकन शक्ति कोई जन्मजात गुण नहीं, बल्कि अभ्यास और समर्पण का परिणाम है। यह पंक्ति कठिन परिश्रम और निरंतर सीखने के महत्व को रेखांकित करती है।
समूह में चर्चा के लिए विचार: मैं अपने समूह के साथ इस पर विचार करूँगा कि क्या हम भी अपने जीवन में किसी कौशल को विकसित करने के लिए समय और मेहनत लगाते हैं? उदाहरण के लिए, पढ़ाई, खेल, या कोई शौक। साथ ही, हम यह चर्चा करेंगे कि क्या छोटी-छोटी चीजों पर ध्यान देने की आदत हमें बेहतर निर्णय लेने में मदद करती है।
निष्कर्ष: ये तीनों पंक्तियाँ इस लोककथा के मुख्य संदेश को मजबूत करती हैं कि बुद्धि, अवलोकन, और तार्किक सोच ही व्यक्ति की सबसे बड़ी ताकत हैं। मैं अपने समूह के साथ इन पंक्तियों के आधार पर यह भी चर्चा करूँगा कि हम अपने जीवन में इन गुणों को कैसे लागू कर सकते हैं।
मिलकर करें मिलान
नीचे स्तंभ 1 के वाक्यों को स्तंभ 2 के उपयुक्त वाक्यों के साथ सुमेलित किया गया है, जो उनके भाव या अर्थ से मेल खाते हैं:
उत्तर-
स्तंभ 1 | स्तंभ 2 |
---|---|
1. कुछ समय पश्चात् पिता चल बसे। | 2. थोड़े समय के बाद पिता का देहांत हो गया। |
2. हम कहीं भी क्यों न हों, भूखे नहीं मरेंगे। | 5. हम चाहे जहाँ भी हों, हमें खाने के लिए कुछ न कुछ मिल ही जाएगा। |
3. घुड़सवार ने तीनों भाइयों को शंका की दृष्टि से देखा। | 1. घोड़े पर सवार व्यक्ति ने तीनों भाइयों को अविश्वास से देखा। |
4. बचपन से ही हमें ऐसी आदत पड़ गई है कि हम कुछ भी अपनी दृष्टि से नहीं चूकने देते। | 4. बचपन से ही हमें आदत हो गई है कि हम वस्तु पर ध्यान अवश्य देते हैं। |
5. लोगों के आश्चर्य का कोई ठिकाना न था। | 3. लोग इतने अचंभित थे कि उनका आश्चर्य व्यक्त करना कठिन था। |
सोच-विचार के लिए
(क) तीनों भाइयों ने बिना ऊँट को देखे उसके विषय में कैसे बता दिया था?
तीनों भाइयों ने अपने तीक्ष्ण अवलोकन और बुद्धि का उपयोग करके ऊँट के बारे में सटीक जानकारी दी।
- सबसे बड़ा भाई: उसने धूल में ऊँट के पैरों के बड़े-बड़े चिह्न देखे, जिससे उसे पता चला कि एक बड़ा ऊँट वहाँ से गुजरा है।
- मझला भाई: उसने देखा कि सड़क के दायीं ओर की घास चरी गई थी, लेकिन बायीं ओर की घास अछूती थी, जिससे उसने अनुमान लगाया कि ऊँट एक आँख से नहीं देख पाता।
- सबसे छोटा भाई: उसने ऊँट के घुटने टेकने के चिह्न, एक महिला के जूतों के निशान, और छोटे-छोटे पैरों के निशान देखे, जिससे उसने निष्कर्ष निकाला कि ऊँट पर एक महिला और एक बच्चा सवार थे। इस प्रकार, उन्होंने अपने परिवेश के छोटे-छोटे संकेतों को ध्यान से देखकर और तार्किक ढंग से विश्लेषण करके ऊँट के बारे में बताया।
(ख) आपके अनुसार इस लोककथा में सबसे अधिक महत्व किस बात को दिया गया है- तार्किक सोच, अवलोकन या सत्यवादिता? लोककथा के आधार पर समझाइए।
इस लोककथा में अवलोकन को सबसे अधिक महत्व दिया गया है। वजह:
- भाइयों की सफलता का आधार उनकी पैनी दृष्टि और अवलोकन की क्षमता थी। उन्होंने छोटे-छोटे संकेतों, जैसे पैरों के निशान, चरी हुई घास, और पेटी में गोल वस्तु के लुढ़कने की आवाज, को ध्यान से देखा और उनका विश्लेषण किया।
- तार्किक सोच भी महत्वपूर्ण थी, क्योंकि उन्होंने अपने अवलोकनों को तर्क के साथ जोड़ा, लेकिन तार्किक सोच अवलोकन पर ही निर्भर थी।
- सत्यवादिता भी दिखाई देती है, क्योंकि भाइयों ने सच बोला कि उन्होंने ऊँट नहीं देखा, लेकिन कहानी का मुख्य जोर उनके अवलोकन कौशल पर है, जो उनकी बुद्धिमत्ता का आधार था। इसलिए, अवलोकन इस लोककथा का केंद्रीय विषय है, क्योंकि यह भाइयों की हर उपलब्धि का मूल था।
(ग) लोककथा में राजा ने पहले भाइयों पर संदेह किया लेकिन बाद में उन्हें निर्दोष माना। राजा की सोच क्यों बदल गई?
राजा ने पहले भाइयों पर संदेह किया क्योंकि ऊँट के स्वामी ने दावा किया कि बिना बताए भाइयों को ऊँट के बारे में इतनी सटीक जानकारी थी, जो संदिग्ध लगता था। लेकिन उनकी सोच निम्नलिखित कारणों से बदली:
- पेटी की परीक्षा: राजा ने भाइयों की बुद्धिमत्ता की जाँच के लिए एक पेटी में कच्चा अनार रखवाया और उनसे पूछा कि उसमें क्या है। भाइयों ने सटीक अनुमान लगाया कि पेटी में एक छोटी, गोल वस्तु (अनार) है और वह कच्चा है।
- तर्कसंगत स्पष्टीकरण: भाइयों ने बताया कि उन्होंने पेटी के हल्के वजन, उसमें गोल वस्तु के लुढ़कने की आवाज, और उद्यान में कच्चे अनारों की मौजूदगी के आधार पर अनुमान लगाया।
- सबूत की पुष्टि: जब राजा ने पेटी खोलकर कच्चा अनार देखा, तो उसे भाइयों की बुद्धिमत्ता और सत्यवादिता पर विश्वास हो गया। इस प्रकार, उनकी अवलोकन शक्ति और तार्किक स्पष्टीकरण ने राजा को आश्वस्त किया कि वे चोर नहीं, बल्कि असाधारण बुद्धिमान हैं।
(घ) ऊँट के स्वामी ने भाइयों पर तुरंत संदेह क्यों किया? आपके विचार से उसे क्या करना चाहिए था जिससे उसे अपना ऊँट मिल जाता?
ऊँट के स्वामी ने तुरंत संदेह क्यों किया?
- ऊँट के स्वामी ने भाइयों पर संदेह किया क्योंकि बिना उसकी कोई जानकारी दिए, भाइयों ने ऊँट के बारे में सटीक विवरण (बड़ा ऊँट, एक आँख से नहीं देखता, महिला और बच्चा सवार) बताया। यह असामान्य लगा, और उसे लगा कि भाइयों ने ऊँट चुराया होगा।
- उसका डर और गुस्सा, अपनी पत्नी और बच्चे के खो जाने की चिंता के कारण, ने उसे जल्दबाजी में निष्कर्ष निकालने के लिए प्रेरित किया।
उसे क्या करना चाहिए था?
- उसे भाइयों से शांतिपूर्वक पूछना चाहिए था कि उन्हें यह जानकारी कैसे मिली।
- भाइयों के सुझाव का पालन करते हुए, उस दिशा में जाना चाहिए था जहाँ उन्होंने ऊँट के जाने का अनुमान लगाया था।
- वह स्थानीय लोगों या अन्य यात्रियों से पूछताछ कर सकता था ताकि ऊँट, उसकी पत्नी, और बच्चे का पता लगाया जा सके। इस तरह, जल्दबाजी में संदेह करने के बजाय, तार्किक और शांतिपूर्ण दृष्टिकोण से वह अपना ऊँट ढूंढ सकता था।
(ङ) पिता ने बेटों को “दूसरे प्रकार का धन” संचित करने की सलाह क्यों दी? इससे पिता के बारे में क्या-क्या पता चलता है?
पिता ने यह सलाह क्यों दी?
- पिता ने देखा कि उनके पास भौतिक धन (रुपये-पैसे, सोना-चाँदी) नहीं था, इसलिए उन्होंने बेटों को सिखाया कि बुद्धि और अवलोकन की शक्ति ही सच्चा धन है।
- उनका मानना था कि पैनी दृष्टि और तीव्र बुद्धि व्यक्ति को आत्मनिर्भर बनाती है और उसे किसी भी परिस्थिति में कमी नहीं महसूस होती।
- यह धन स्थायी है और जीवन की हर चुनौती में काम आता है, जिससे बेटे दूसरों से कमतर नहीं रहेंगे।
पिता के बारे में क्या पता चलता है?
- दूरदर्शी: पिता ने भौतिक धन की कमी के बावजूद अपने बेटों को जीवन में सफल होने का रास्ता दिखाया।
- बुद्धिमान: वे समझते थे कि बुद्धि और अवलोकन ही ऐसी संपत्ति हैं जो कभी खत्म नहीं होतीं।
- प्रेरणादायक: उन्होंने अपने बेटों को मेहनत और सीखने की प्रेरणा दी, जिसका परिणाम उनकी बुद्धिमत्ता में दिखा।
- वास्तविक: वे अपनी आर्थिक स्थिति को स्वीकार करते थे और बेटों को वास्तविक जीवन के लिए तैयार किया।
(च) राजा ने भाइयों की परीक्षा लेने के लिए पेटी का उपयोग किया। इस परीक्षा से राजा के व्यक्तित्व और निर्णय शैली के बारे में क्या-क्या निष्कर्ष निकाला जा सकता है?
निष्कर्ष:
- निष्पक्ष और जाँच-परक: राजा ने ऊँट के स्वामी की बात पर तुरंत भाइयों को दोषी नहीं ठहराया। उसने उनकी बुद्धिमत्ता की जाँच के लिए पेटी की परीक्षा आयोजित की, जो दर्शाता है कि वह सबूतों और तर्क के आधार पर निर्णय लेता था।
- बुद्धिमान और जिज्ञासु: पेटी में कच्चा अनार रखकर और भाइयों से अनुमान लगाने को कहकर, राजा ने उनकी अवलोकन शक्ति को परखने का एक चतुर तरीका अपनाया।
- उदार और प्रशंसक: जब भाइयों ने सही अनुमान लगाया, तो राजा ने उनकी बुद्धिमत्ता की प्रशंसा की और उन्हें अपने दरबार में रख लिया, जो उसकी उदारता और प्रतिभा को महत्व देने की प्रवृत्ति को दर्शाता है।
- न्यायप्रिय: उसने बिना सबूत के भाइयों को दंडित करने के बजाय, उनकी निर्दोषता साबित होने पर ऊँट के स्वामी को उनकी सलाह मानने को कहा। इस प्रकार, राजा का व्यक्तित्व निष्पक्ष, बुद्धिमान, और प्रतिभा को सम्मान देने वाला था, और उसकी निर्णय शैली तार्किक और सबूत-आधारित थी।
(छ) आप इस लोककथा के भाइयों की किस विशेषता को अपनाना चाहेंगे और क्यों?
मैं भाइयों की पैनी दृष्टि और अवलोकन की विशेषता को अपनाना चाहूँगा। क्यों?
- यह विशेषता जीवन में समस्याओं को हल करने और सही निर्णय लेने में मदद करती है। उदाहरण के लिए, स्कूल में पढ़ाई, प्रोजेक्ट्स, या किसी खेल में छोटी-छोटी बातों पर ध्यान देकर मैं बेहतर प्रदर्शन कर सकता हूँ।
- अवलोकन की शक्ति मुझे अपने परिवेश को बेहतर ढंग से समझने और दूसरों की तुलना में अधिक प्रभावी ढंग से काम करने में सक्षम बनाएगी।
- भाइयों ने दिखाया कि अभ्यास और मेहनत से यह कौशल विकसित किया जा सकता है, जो मुझे प्रेरित करता है कि मैं भी अपने दैनिक जीवन में छोटी-छोटी चीजों पर ध्यान देना शुरू करूँ। यह विशेषता मुझे आत्मविश्वास देगी और किसी भी चुनौती का सामना करने में मदद करेगी।
अनुमान और कल्पना से
(क) यदि राजा ने बिना जाँच के भाइयों को दोषी ठहरा दिया होता तो इस लोककथा का क्या परिणाम होता?
यदि राजा ने बिना जाँच के भाइयों को दोषी ठहरा दिया होता, तो लोककथा का परिणाम निम्नलिखित हो सकता था:
- अन्याय: भाइयों को गलत तरीके से सजा मिलती, जैसे जेल या दंड, जिससे कहानी का मुख्य संदेश (बुद्धि और अवलोकन की शक्ति) कमजोर पड़ता।
- नैतिक पाठ का अभाव: लोककथा का उद्देश्य, जो तार्किक सोच और निष्पक्षता को बढ़ावा देता है, प्रभावित होता, क्योंकि राजा की जल्दबाजी अन्याय का प्रतीक बनती।
- भाइयों का हतोत्साह: भाइयों का अपनी बुद्धि और सत्यवादिता पर विश्वास कम हो सकता था, और वे निराश होकर अपनी यात्रा छोड़ सकते थे।
- कहानी का अंत नकारात्मक: कहानी एक दुखद अंत के साथ समाप्त होती, जिसमें बुद्धिमान लोग अन्याय के शिकार बनते, और ऊँट का स्वामी भी अपने ऊँट को नहीं ढूंढ पाता।
- चर्चा बिंदु: यह परिणाम हमें सिखाता है कि बिना सबूत के निर्णय लेना कितना हानिकारक हो सकता है। हम अपने समूह में इस पर चर्चा करेंगे कि निष्पक्षता और जाँच कितनी महत्वपूर्ण है।
(ख) यदि भाइयों ने अनार के बारे में सही अनुमान न लगाया होता तो लोककथा का अंत किस प्रकार होता?
यदि भाइयों ने अनार के बारे में सही अनुमान नहीं लगाया होता, तो लोककथा का अंत निम्नलिखित तरीके से हो सकता था:
- राजा का अविश्वास: राजा को भाइयों की बुद्धिमत्ता पर संदेह बना रहता, और वह उन्हें चोर मान सकता था, क्योंकि उनकी बातों का कोई सबूत नहीं मिलता।
- सजा की संभावना: भाइयों को सजा दी जा सकती थी या उन्हें राजा के दरबार से निकाल दिया जाता, जिससे उनकी प्रतिष्ठा को ठेस पहुँचती।
- ऊँट के स्वामी की जीत: ऊँट का स्वामी राजा को यह विश्वास दिला सकता था कि भाइयों ने ऊँट चुराया है, जिससे कहानी का ध्यान भाइयों की बुद्धिमत्ता से हटकर अन्याय पर केंद्रित हो जाता।
- संदेश में कमी: लोककथा का संदेश कि बुद्धि और अवलोकन सबसे बड़ी ताकत हैं, कमजोर पड़ता, क्योंकि भाइयों की असफलता उनकी विश्वसनीयता पर सवाल उठाती।
- चर्चा बिंदु: हम अपने समूह में इस पर विचार करेंगे कि एक छोटी सी गलती किसी की विश्वसनीयता को कैसे प्रभावित कर सकती है और क्या भाइयों को दूसरा मौका मिलना चाहिए था।
(ग) लोककथा में यदि तीनों भाई ऊँट को खोजने जाते तो उन्हें कौन-कौन सी कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता था? अपने विचार व्यक्त करें।
यदि तीनों भाई ऊँट को खोजने जाते, तो उन्हें निम्नलिखित कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता था:
- शारीरिक थकान: भाइयों ने पहले ही चालीस दिन की लंबी यात्रा की थी, जिसमें उनके पैरों में छाले पड़ गए थे और खाने-पीने का सामान खत्म हो गया था। ऊँट की खोज में और अधिक यात्रा उनकी शारीरिक स्थिति को और बिगाड़ सकती थी।
- अनजान क्षेत्र: वे एक नए नगर में थे, जहाँ का भूगोल और लोग उनके लिए अनजान थे। ऊँट को ढूंढने में उन्हें सही दिशा और संसाधनों की कमी का सामना करना पड़ सकता था।
- खतरे की संभावना: सुनसान घाटियों और पहाड़ों में यात्रा के दौरान जंगली जानवरों, डाकुओं, या अन्य खतरों का सामना हो सकता था।
- ऊँट के स्वामी का अविश्वास: ऊँट का स्वामी पहले ही उन पर संदेह कर रहा था। यदि वे ऊँट को ढूंढने में असफल होते, तो वह और अधिक आक्रामक हो सकता था।
- समय और संसाधनों की कमी: उनके पास न तो पर्याप्त भोजन था और न ही पैसे, जिससे लंबी खोज मुश्किल हो जाती।
- चर्चा बिंदु: हम अपने समूह में इस पर चर्चा करेंगे कि ऐसी कठिनाइयों का सामना करने के लिए भाइयों को अपनी बुद्धि का उपयोग कैसे करना पड़ सकता था।
(घ) यदि राजा के स्थान पर आप होते तो भाइयों की परीक्षा लेने के लिए किस प्रकार के सवाल या गतिविधियाँ करते? अपनी कल्पना साझा करें।
यदि मैं राजा होता, तो भाइयों की बुद्धिमत्ता और अवलोकन शक्ति की परीक्षा निम्नलिखित तरीकों से लेता:
1. छिपी हुई वस्तु का अनुमान: मैं एक कमरे में कई वस्तुओं को रखवाता, जिनमें से एक को छिपा देता। भाइयों से पूछता कि कौन सी वस्तु गायब है, और उन्हें अपने अवलोकन के आधार पर जवाब देना होता। उदाहरण के लिए, कमरे में एक मेज, कुर्सी, और एक फूलदान होता, लेकिन मैं फूलदान को हटा देता। भाइयों को कमरे के विवरण के आधार पर गायब वस्तु का अनुमान लगाना होता। वजह: यह उनकी सावधानीपूर्वक अवलोकन करने की क्षमता को परखता।
2. कहानी का विश्लेषण: मैं उन्हें एक छोटी, जटिल कहानी सुनाता, जिसमें कुछ तथ्य गलत या अस्पष्ट होते। भाइयों को कहानी में छिपे तार्किक त्रुटियों को ढूंढना होता और यह बताना होता कि कहानी में क्या गलत है। वजह: यह उनकी तार्किक सोच और विवरणों पर ध्यान देने की क्षमता को परखता।
3. परिवेश आधारित सवाल: मैं उन्हें महल के बगीचे में ले जाता और पूछता कि पिछले एक घंटे में बगीचे में क्या-क्या गतिविधियाँ हुई होंगी। उन्हें पेड़ों, फूलों, मिट्टी, या अन्य निशानों (जैसे पैरों के निशान, टूटी टहनी) के आधार पर अनुमान लगाना होता।
वजह: यह उनके पर्यावरण को पढ़ने और छोटे-छोटे संकेतों को समझने की क्षमता को परखता।
4. पहेली आधारित गतिविधि:
मैं उन्हें एक तार्किक पहेली देता, जैसे चार अलग-अलग रंगों के चार डिब्बों की पहेली (लोककथा में दी गई दूसरी पहेली जैसी), और उन्हें सीमित संकेतों के आधार पर सही क्रम बताने को कहता।
वजह: यह उनकी बुद्धि और तार्किक विश्लेषण की क्षमता को परखता।
5. चर्चा बिंदु: मैं अपने समूह के साथ इस पर विचार करूँगा कि मेरे द्वारा चुनी गई गतिविधियाँ भाइयों की बुद्धिमत्ता को कितनी अच्छी तरह परख सकती थीं और क्या ये गतिविधियाँ निष्पक्ष और रचनात्मक थीं। साथ ही, हम यह भी चर्चा करेंगे कि ऐसी परीक्षाएँ वास्तविक जीवन में कैसे लागू हो सकती हैं।
शब्द से जुड़े शब्द नीचे दिए गए रिक्त स्थानों में ‘बुद्धि‘ से जुड़े शब्द अपने समूह में चर्चा करके लिखिए-
उत्तर-
कारक
ने, को, पर, से, के द्वारा, का, में, के लिए, की, के, हे, हो, अरे
नीचे दिए गए वाक्यों में कारक लिखकर इन्हें पूरा कीजिए –
1.”हमने तो तुम्हारे ऊँट को देखा तक नहीं”, भाइयों ने परेशान होते हुए कहा।
2.”मैं अपने रेवड़ों को पहाड़ों पर लिए जा रहा था”, उसने कहा, “और मेरी पत्नी मेरे छोटे-से बेटे के साथ एक बड़े-से ऊँट पर मेरे पीछे-पीछे आ रही थी।”
3.राजा ने उसी समय अपने मंत्री को बुलाया और उसके कान में कुछ फुसफुसाया।
4.यह सुनकर राजा ने पेटी को पास लाने का आदेश दिया। सेवकों ने तुरंत आदेश पूरा किया। राजा ने सेवकों से पेटी खोलने के लिए कहा।
आपकी बात
1. लोककथा में तीन भाइयों की पैनी दृष्टि की बात कही गई है। क्या आपने कभी अपनी पैनी दृष्टि का प्रयोग किसी समस्या को हल करने के लिए किया है? उस समस्या और आपके द्वारा दिए गए हल के विषय में लिखिए।
हाँ, मैंने अपनी पैनी दृष्टि का उपयोग किया। एक बार मेरा स्कूल बैग गलती से पार्क में छूट गया था। मैंने ध्यान दिया कि जिस बेंच पर मैं बैठा था, उसके पास कुछ पत्तियाँ गिरी हुई थीं, जो मेरे बैग के रंग से मिलती-जुलती थीं। मैंने वहाँ जाकर देखा और मेरा बैग मिल गया। इस तरह, मैंने अवलोकन से अपनी समस्या हल की।
2. लोककथा में बताया गया है कि भाइयों ने “बचपन से हर वस्तु पर ध्यान देने की आदत डाली।” यदि आपने ऐसा किया है तो आपको अपने जीवन में इसके क्या-क्या लाभ मिलते हैं
मैंने भी यह आदत डाली है। इसके लाभ हैं:
मैं स्कूल में शिक्षक की बातों को ध्यान से सुनता हूँ, जिससे मुझे पाठ आसानी से याद हो जाते हैं।
मैं अपने सामान को व्यवस्थित रखता हूँ और खोने से बचाता हूँ।
यह आदत मुझे समय पर काम पूरा करने और गलतियाँ कम करने में मदद करती है।
3. लोककथा में भाइयों को यात्रा करते समय अनेक कठिनाइयाँ आईं, जैसे- भूख, थकान और पैरों में छाले। आप अपने दैनिक जीवन में किन-किन कठिनाइयों का सामना करते हैं? लिखिए।
मेरे दैनिक जीवन में कठिनाइयाँ हैं:
सुबह जल्दी उठना मुश्किल होता है, क्योंकि मैं देर रात तक पढ़ता हूँ।
स्कूल के लिए समय पर तैयार होना, खासकर जब मुझे देर हो जाती है।
पढ़ाई और खेल के बीच संतुलन बनाना, क्योंकि दोनों के लिए समय कम पड़ता है।
4. भाइयों ने बिना देखे ही ऊँट के बारे में सही-सही बातें बताईं। क्या आपको लगता है कि अनुभव और समझ से देखे बिना भी सही निर्णय लिया जा सकता है? क्या आपने भी कभी ऐसा किया है
हाँ, अनुभव और समझ से सही निर्णय लिया जा सकता है। एक बार मैंने अपने दोस्त को उदास देखा और उसकी बातों से समझ गया कि उसने टेस्ट में अच्छे अंक नहीं पाए। मैंने बिना पूछे उसे सांत्वना दी और पढ़ाई में मदद की, जो सही निर्णय था।
5. जब ऊँट के स्वामी ने भाइयों पर शंका की तो भाइयों ने बिना गुस्सा किए शांति से उत्तर दिया। क्या आपको लगता है कि कभी किसी को संदेह होने पर हमें भी शांत रहकर उत्तर देना चाहिए? क्या आपने कभी ऐसी स्थिति का सामना किया है? ऐसे में आपने क्या किया?
हाँ, शांत रहना चाहिए। एक बार मेरी माँ ने मुझ पर संदेह किया कि मैंने उनकी किताब गलत जगह रख दी। मैंने शांति से कहा कि मैंने किताब नहीं देखी और फिर हमने मिलकर उसे ढूंढा। वह अलमारी में थी। मेरे शांत रहने से हमारी बातचीत सकारात्मक रही।
6. राजा ने भाइयों की बुद्धिमानी देखकर बहुत आश्चर्य व्यक्त किया। क्या आपको कभी किसी की सोच, समझ या किसी विशेष कौशल को देखकर आश्चर्य हुआ है? क्या आपने कभी किसी से कुछ ऐसा सीखा है जो आपके लिए बिलकुल नया और चौंकाने वाला हो?
हाँ, मेरे दोस्त की चित्रकला देखकर मुझे आश्चर्य हुआ। वह बहुत सुंदर चित्र बनाता है। उसने मुझे सिखाया कि रंगों को मिलाकर कैसे गहराई दी जाती है। यह मेरे लिए नया और चौंकाने वाला था, और अब मैं भी बेहतर चित्र बना पाता हूँ।
7. लोककथा में पिता ने अपने बेटों को यह सलाह दी कि वे समझ और ज्ञान जमा करें। क्या आपको कभी किसी बड़े व्यक्ति से ऐसी कोई सलाह मिली है जो आपके जीवन में उपयोगी रही हो? क्या आप भी अपने अनुभव से किसी को ऐसी सलाह देंगे?
हाँ, मेरे पिता ने मुझे सलाह दी कि हमेशा मेहनत और लगन से काम करो। यह सलाह मेरे टेस्ट की तैयारी में उपयोगी रही, क्योंकि मैंने लगातार मेहनत की और अच्छे अंक पाए। मैं दूसरों को सलाह दूँगा कि वे भी मेहनत और धैर्य से अपने लक्ष्य प्राप्त करें।
8. भाइयों ने अपने ऊपर लगे आरोपों के होते हुए भी सदा सच्चाई का साथ दिया। क्या आपको लगता है कि सदा सच बोलना महत्वपूर्ण है, भले ही स्थिति कठिन क्यों न हो? क्या आपको किसी समय ऐसा लगा है कि आपकी सच्चाई ने आपको समस्याओं से बाहर निकाला हो?
हाँ, सच बोलना महत्वपूर्ण है। एक बार मैंने गलती से अपनी बहन की किताब फाड़ दी और सच बता दिया। उसने मुझे माफ कर दिया और हमने मिलकर किताब ठीक की। मेरी सच्चाई ने हमारी बहस को रोका और रिश्ते को बचाया।
आज की पहेली
आपने पढ़ा कि तीनों बुद्धिमान भाई किस
प्रकार अपने अवलोकन से वे बातें भी जान
जाते थे जो अन्य लोग नहीं जान पाते। अब
आपके सामने कुछ पहेलियाँ प्रस्तुत हैं जहाँ
आपको कुछ संकेत दिए जाएँगे। संकेतों के
आधार पर आपको उत्तर खोजने हैं—
1. कौन है यह प्राणी?
संकेत:
- इसकी लंबी पूँछ होती है जो पेड़ों की शाखाओं के चारों ओर लिपटी रहती है।
- इसका मुख्य आहार कीट और छोटे जीव होते हैं जिन्हें यह चुपके से पकड़ता है।
- यह प्राणी अपने परिवेश में घुल-मिल जाता है और अपनी रंगत को बदल सकता है।
- इसके पास तेज आँखें होती हैं जो चारों दिशाओं में देख सकती हैं।
उत्तर: गिरगिट (Chameleon) यह सभी लक्षण गिरगिट के हैं – इसकी पूँछ लचीली होती है, यह रंग बदल सकता है, कीट खाता है, और इसकी आँखें स्वतंत्र रूप से चारों दिशाओं में घूम सकती हैं।
2. रंगीन डिब्बे: पीले डिब्बे के बराबर में कौन-सा डिब्बा है?
दिए गए कथन:
- लाल डिब्बा नीले डिब्बे के पास है।
- हरा डिब्बा पीले डिब्बे के पास नहीं है।
- पीला डिब्बा लाल डिब्बे के पास नहीं है।
- हरा डिब्बा लाल डिब्बे के पास है।
तर्क सहित हल:
हम डिब्बों की संभावित पंक्ति सोचते हैं। चार डिब्बे हैं: लाल, नीला, हरा, पीला।
आइए संभावित क्रम निकालें, जो सभी शर्तों को पूरा करता हो:
संभावित क्रम:नीला – लाल – हरा – पीला
अब जाँच करें:
- लाल डिब्बा नीले डिब्बे के पास है (नीला-लाल)
- हरा डिब्बा पीले डिब्बे के पास नहीं है (हरा और पीला पास में नहीं हैं – उनके बीच कोई डिब्बा नहीं है, लेकिन अगर वे सीधे पास हैं, तो यह शर्त टूटेगी; यहाँ वे पास में हैं, तो यह क्रम गलत है।)
दूसरी कोशिश:
संभावित क्रम:नीला – लाल – पीला – हरा
जाँचें:
- लाल डिब्बा नीले के पास है
- हरा पीले के पास नहीं है
- पीला लाल के पास है (शर्त थी कि पीला डिब्बा लाल के पास नहीं है) – गलत।
तीसरा क्रम:
हरा – लाल – नीला – पीला
- लाल नीले के पास है
- हरा पीले के पास नहीं है
- पीला लाल के पास नहीं है
- हरा लाल के पास है
यह सभी शर्तों को पूरा करता है।
तो पीले डिब्बे के बराबर में कौन है?
उत्तर: नीला डिब्बा
अंतिम उत्तर:
- गिरगिट
- नीला डिब्बा
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