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मल्हार हिन्दी Question Answer Class 7 Chapter 9 Malhar Hindi

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पाठ से

(क) नीचे दिए गए प्रश्नों का सटीक उत्तर कौन-सा है? उसके सामने तारा (★) बनाइए। कुछ प्रश्नों के एक से अधिक उत्तर भी हो सकते हैं।

1. कविता के आधार पर बताइए कि इनमें से कौन-सा ना गुण पक्षियों के जीवन में नहीं पाया जाता है?

  • प्रेम-प्रीति
  • मिल-जुलकर रहना
  • लोभ और पाप ★
  • निर्भय विचरण

2.”सब मिल-जुलकर रहते हैं वे, सब मिल-जुलकर खाते हैं” कविता की यह पंक्ति किन भावों की ओर संकेत करती है?

  • असमानता और विभाजन
  • प्रतिस्पर्धा और संघर्ष
  • समानता और एकता ★
  • स्वार्थ और ईर्ष्या

3.”वे कहते हैं, मानव! सीखो, तुम हमसे जीना जग में” कविता में पक्षी मनुष्य से कैसा जीवन जीने के लिए कहते हैं?

  • आकाश में उड़ते रहना
  • बंधन में रहना
  • स्वच्छंद रहना ★
  • संचय करना

(ख) अब अपने मित्रों के साथ मिलकर चर्चा कीजिए और कारण बताइए कि आपने ये उत्तर ही क्यों चुने?

उत्तर:

1. लोभ और पाप ★

  • कारण: कविता में पक्षियों के जीवन को प्रेम-प्रीति, मिल-जुलकर रहने, और निर्भय विचरण जैसे गुणों से चित्रित किया गया है। पंक्ति “उनके मन में लोभ नहीं है, पाप नहीं, परवाह नहीं” स्पष्ट रूप से बताती है कि पक्षियों में लोभ और पाप जैसे नकारात्मक गुण नहीं हैं, जबकि अन्य विकल्प (प्रेम-प्रीति, मिल-जुलकर रहना, निर्भय विचरण) उनके जीवन के सकारात्मक गुण हैं।

2.समानता और एकता ★

  • कारण: पंक्ति “सब मिल-जुलकर रहते हैं वे, सब मिल-जुलकर खाते हैं” पक्षियों के सामूहिक और सहयोगी स्वभाव को दर्शाती है। यह समानता और एकता के भाव को व्यक्त करती है, न कि असमानता, प्रतिस्पर्धा, या स्वार्थ जैसे नकारात्मक भावों को। कविता में पक्षी एक-दूसरे के साथ हिलमिलकर रहते हैं, जो इस विकल्प को सही बनाता है।

3.स्वच्छंद रहना ★

  • कारण: कविता में पक्षी मनुष्य को स्वतंत्र और बंधनमुक्त जीवन जीने की प्रेरणा देते हैं, जैसा कि पंक्तियों “हम स्वच्छंद और क्यों तुमने इाली है बेड़ी पग में?” और “सीमा-हीन गगन में उड़ते” से स्पष्ट है। पक्षी स्वच्छंदता का प्रतीक हैं, न कि बंधन, संचय, या केवल आकाश में उड़ने का। यह विकल्प उनके संदेश को सबसे अच्छे से दर्शाता है।

चर्चा के लिए बिंदु:

प्रश्न 1: पक्षियों में लोभ और पाप का अभाव उनकी सादगी और स्वतंत्रता को दर्शाता है, जो मनुष्य से भिन्न है। यह कविता का मुख्य संदेश है कि मनुष्य को इन नकारात्मक गुणों से मुक्त होना चाहिए।

प्रश्न 2: पंक्ति में “मिल-जुलकर” शब्द एकता और समानता पर जोर देता है, जो पक्षियों के सामुदायिक जीवन को दर्शाता है। अन्य विकल्प कविता के भावों से मेल नहीं खाते।

प्रश्न 3: पक्षी मनुष्य को बंधनों से मुक्त होकर स्वच्छंद जीवन जीने की सलाह देते हैं, जो कविता की पंक्तियों से स्पष्ट है। यह मनुष्य के लिए प्रेरणादायक है कि वे अनावश्यक बंधनों को छोड़ें।


मिलकर करें मिलान

कविता में से चुनकर कुछ संदर्भ नीचे दिए गए हैं। अपने समूह में इन पर बातचीत कीजिए और इन्हें इनके सही भावों से मिलाइए। इनके लिए आप शब्दकोश,इंटरनेट या अपने परिजनों और शिक्षकों की सहायता ले सकते हैं।

01

उत्तर:-

संदर्भभाव
1. चिड़िया की बोली5. प्रेम और स्वतंत्रता का संदेश
2. सोने की कड़ियाँ1. बंधन और लालच
3. निर्भय विचरण4. स्वतंत्रता और निर्बाध जीवन
4. मुक्ति-मंत्र3. बंधन से मुक्ति
5. दिनभर काम2. श्रम और संतोष

पंक्तियों पर चर्चा

कविता में से चुनकर कुछ पंक्तियाँ नीचे दी गई हैं, इन्हें ध्यान से पढ़िए और इन पर विचार कीजिए। आपको इनका क्या अर्थ समझ में आया? अपने विचार कक्षा में अपने समूह में साझा कीजिए और लिखिए।

(क) “चिड़िया बैठी प्रेम-प्रीति की रीति हमें सिखलाती है!”

अर्थ और विचार:

  • अर्थ: इस पंक्ति में कवि कहते हैं कि चिड़िया, जो पीपल की डाली पर बैठकर गाती है, हमें प्रेम और आपसी सौहार्द की रीति (तरीका) सिखाती है। चिड़िया का गाना केवल एक ध्वनि नहीं है, बल्कि यह प्रेम, एकता और सहयोग का संदेश देता है। यह हमें बताता है कि प्रकृति के प्राणी, जैसे चिड़िया, अपने व्यवहार से मानव को प्रेमपूर्ण जीवन जीने की प्रेरणा देते हैं।
  • विचार: चिड़िया का सरल और स्वच्छंद जीवन हमें यह सिखाता है कि हमें भी अपने जीवन में प्रेम और आपसी मेलजोल को महत्व देना चाहिए। यह पंक्ति मानव समाज में बढ़ती स्वार्थपरता और अलगाव के विपरीत, एकता और प्रेम की भावना को अपनाने का आह्वान करती है। चिड़िया बिना किसी स्वार्थ के गाती है और सभी के लिए खुशी बिखेरती है, जो हमें भी दूसरों के प्रति उदार और प्रेममय होने की प्रेरणा देता है।
  • साझा करने के लिए: यह पंक्ति हमें प्रकृति से सीखने की बात कहती है। जैसे चिड़िया बिना किसी भेदभाव के सभी के साथ प्रेम और मित्रता का व्यवहार करती है, वैसे ही हमें भी अपने समाज में प्रेम और एकता को बढ़ावा देना चाहिए।

(ख) “उनके मन में लोभ नहीं है, पाप नहीं, परवाह नहीं”

अर्थ और विचार:

  • अर्थ: इस पंक्ति में कवि पक्षियों के स्वभाव की विशेषताओं को दर्शाते हैं। पक्षियों के मन में न तो लोभ (लालच) है, न पाप (अनैतिक कार्य) और न ही किसी बात की चिंता (परवाह)। वे अपने जीवन को सरलता और संतोष के साथ जीते हैं, केवल उतना ही लेते हैं जितना उनकी आवश्यकता है, और बाकी को दूसरों के लिए छोड़ देते हैं।
  • विचार: यह पंक्ति मानव जीवन की जटिलताओं और लोभ-लालच की प्रवृत्ति पर कटाक्ष करती है। पक्षी अपने जीवन में संतोषी और निष्कपट होते हैं, जबकि मानव अक्सर अधिक संचय करने और स्वार्थी होने की प्रवृत्ति रखता है। यह हमें सिखाती है कि हमें भी अपने जीवन में लोभ और चिंता को त्यागकर संतोष और सादगी के साथ जीना चाहिए। पक्षियों का यह गुण हमें नैतिकता और सादगी की ओर प्रेरित करता है।
  • साझा करने के लिए: यह पंक्ति हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि हम अपने जीवन में कितना अनावश्यक बोझ ढोते हैं। पक्षियों की तरह हमें भी केवल अपनी आवश्यकताओं पर ध्यान देना चाहिए और दूसरों के प्रति उदारता दिखानी चाहिए।

(ग) “सीमा-हीन गगन में उड़ते, निर्भय विचरण करते हैं”

अर्थ और विचार:

  • अर्थ: इस पंक्ति में कवि पक्षियों की स्वतंत्रता और निर्भयता को दर्शाते हैं। पक्षी असीमित आकाश में स्वच्छंद रूप से उड़ते हैं और बिना किसी डर के कहीं भी विचरण करते हैं। उनका जीवन बंधनों से मुक्त है, और वे प्रकृति के साथ पूर्ण सामंजस्य में रहते हैं।
  • विचार: यह पंक्ति पक्षियों की स्वतंत्रता को मानव जीवन के बंधनों के साथ तुलना करती है। मानव अपने बनाए हुए सामाजिक, आर्थिक और मानसिक बंधनों में जकड़ा हुआ है, जबकि पक्षी बिना किसी सीमा के स्वतंत्र जीवन जीते हैं। यह हमें यह सोचने के लिए प्रेरित करता है कि हम भी अपने जीवन में अनावश्यक बंधनों को तोड़कर स्वतंत्र और निर्भय हो सकते हैं। यह पंक्ति स्वतंत्रता और साहस का प्रतीक है।
  • साझा करने के लिए: यह पंक्ति हमें स्वतंत्रता की कीमत समझाती है। हमें अपने जीवन में उन बंधनों को पहचानना चाहिए जो हमें रोकते हैं और उन्हें तोड़ने का प्रयास करना चाहिए, ताकि हम भी पक्षियों की तरह निर्भय और स्वच्छंद जीवन जी सकें।

अनुमान और कल्पना से

1. चिड़िया मनुष्य को स्वतंत्रता का संदेश देती है, आपके अनुसार मनुष्य के पास किन कार्यों को करने की स्वतंत्रता है और किन कार्यों को करने की स्वतंत्रता नहीं है?

उत्तर: मनुष्य के पास कई कार्यों को करने की स्वतंत्रता है, जैसे कि अपनी पसंद का भोजन चुनना, शिक्षा प्राप्त करना, अपने विचार व्यक्त करना, और अपने सपनों को पूरा करने के लिए मेहनत करना। कविता में पक्षी बिना लोभ, पाप, या चिंता के जीवन जीते हैं और स्वतंत्रता का संदेश देते हैं। मनुष्य को भी अपने जीवन में प्रेम, एकता, और संतोष के साथ जीने की स्वतंत्रता है। उदाहरण के लिए, वह अपने परिवार और समाज के साथ मिल-जुलकर रह सकता है और दूसरों की मदद कर सकता है।

हालांकि, मनुष्य के पास कुछ कार्यों को करने की स्वतंत्रता नहीं है। कविता में उल्लेख है कि मनुष्य ने अपने पैरों में “बेड़ी” डाल रखी है, जो सामाजिक, आर्थिक, और मानसिक बंधनों को दर्शाता है। उदाहरण के लिए, मनुष्य को सामाजिक नियमों, कानूनों, और जिम्मेदारियों का पालन करना पड़ता है, जिसके कारण वह पूरी तरह से निश्चिंत होकर नहीं उड़ सकता। इसके अलावा, लोभ और स्वार्थ जैसे गुण मनुष्य को और अधिक बंधनों में जकड़ लेते हैं, जो पक्षियों के निश्चल और स्वच्छंद जीवन से भिन्न हैं।

2. चिड़िया और मनुष्य का जीवन एक-दूसरे से कैसे भिन्न है?

उत्तर: चिड़िया और मनुष्य का जीवन कई मायनों में भिन्न है, जैसा कि कविता में दर्शाया गया है:

  • स्वतंत्रता और बंधन: कविता में पक्षी “सीमा-हीन गगन में उड़ते” हैं और “निभय विचरण” करते हैं, जो उनकी स्वतंत्रता और निश्चिंतता को दर्शाता है। उनके पास लोभ, पाप, या चिंता नहीं है। दूसरी ओर, मनुष्य सामाजिक, आर्थिक, और मानसिक बंधनों में बंधा है, जैसे कि नौकरी, परिवार की जिम्मेदारियां, और सामाजिक अपेक्षाएँ।
  • सहयोग और एकता: पक्षी “सब मिल-जुलकर रहते हैं” और “सब मिल-जुलकर खाते हैं”, जो उनके सामुदायिक जीवन को दर्शाता है। मनुष्य का जीवन अक्सर प्रतिस्पर्धा, स्वार्थ, और विभाजन से प्रभावित होता है, जिसके कारण वह एकता और प्रेम-प्रीति की भावना को पूरी तरह नहीं जी पाता।
  • संतोष: पक्षी “जो मिलता है, अपने भम से उतना भर ले लेते हैं” और बाकी को दूसरों के लिए छोड़ देते हैं। मनुष्य अक्सर संचय करने और अधिक पाने की इच्छा में लोभ और असंतोष के साथ जीता है।
  • जीवन शैली: पक्षी प्रकृति के साथ तालमेल बनाकर जीते हैं और आसमान को अपना घर मानते हैं। मनुष्य ने कृत्रिम संरचनाएँ बनाई हैं और पर्यावरण से दूरी बना ली है, जिसके कारण वह प्रकृति के साथ उतना सामंजस्य नहीं रख पाता।

3. चिड़िया कहीं भी अपना घर बना सकती है, यदि आपके पास चिडिया जैसी सुविधा हो तो आप अपना घर कहाँ बनाना चाहेंगे और क्यों?

उत्तर: यदि मेरे पास चिड़िया की तरह कहीं भी अपना घर बनाने की सुविधा हो, तो मैं एक शांत और प्राकृतिक स्थान पर अपना घर बनाना चाहूँगा, जैसे कि हिमालय की तलहटी में एक हरे-भरे जंगल के पास या किसी समुद्र तट पर।

कारण:

  • प्रकृति के साथ सामंजस्य: हिमालय की तलहटी में शुद्ध हवा, शांत वातावरण, और प्राकृतिक सौंदर्य होगा, जो मन को शांति देगा। कविता में पक्षी प्रकृति के साथ जीते हैं, और मैं भी उसी तरह प्रकृति के करीब रहना चाहूँगा।
  • स्वतंत्रता और शांति: समुद्र तट पर लहरों की आवाज और खुले आसमान का दृश्य मुझे स्वतंत्रता और निश्चिंतता का अहसास देगा, जैसा कि पक्षियों को “सीमा-हीन गगन” में उड़ने से मिलता है।
  • प्रेरणा: ऐसी जगह पर रहने से मैं पक्षियों की तरह प्रेम, एकता, और संतोष का जीवन जीने की प्रेरणा ले सकता हूँ, जैसा कि कविता में चिड़िया सिखाती है।

4. यदि आप चिड़िया की भाषा समझ सकते तो आप चिड़िया से क्या बातें करते?

उत्तर: यदि मैं चिड़िया की भाषा समझ सकता, तो मैं निम्नलिखित बातें उनसे करता:

  • स्वतंत्रता का रहस्य: मैं चिड़िया से पूछता कि वह बिना किसी चिंता और बंधन के इतना स्वच्छंद और खुशहाल जीवन कैसे जीती है। कविता में कहा गया है कि चिड़िया “मुक्ति-मंत्र” सिखाती है, इसलिए मैं उससे यह मंत्र सीखना चाहूँगा।
  • प्रकृति के साथ तालमेल: मैं चिड़िया से पूछता कि वह प्रकृति के साथ इतना सामंजस्य कैसे बनाए रखती है और हम मनुष्य इसे अपने जीवन में कैसे लागू कर सकते हैं।
  • उनके अनुभव: मैं चिड़िया से उनके प्रवास और यात्राओं के बारे में पूछता, जैसे कि वे “सीमा-हीन गगन में उड़ते” हुए किन-किन स्थानों को देखती हैं और वहाँ का अनुभव कैसा होता है।
  • प्रेम और एकता: कविता में चिड़िया “प्रेम-प्रीति की रीति” सिखाती है। मैं उनसे पूछता कि वे आपस में इतनी एकता और सहयोग कैसे बनाए रखती हैं और मनुष्य इसे कैसे सीख सकता है।
  • पर्यावरण संरक्षण: मैं चिड़िया से यह भी पूछता कि मनुष्य के कार्य, जैसे जंगलों की कटाई, उनके जीवन को कैसे प्रभावित करते हैं और हम पर्यावरण को बेहतर बनाने के लिए क्या कर सकते हैं।

इन सवालों के माध्यम से मैं चिड़िया के जीवन से प्रेरणा लेना चाहूँगा और उनके सरल, स्वच्छंद, और प्रेमपूर्ण जीवन को अपने जीवन में लागू करने की कोशिश करूँगा।


भावों की बात

(क) जब आप नीचे दिए गए दृश्य देखते हैं तो आपको कैसा महसूस होता है? अपने उत्तर के कारण भी सोचिए और बताइए। आप नीचे दिए गए भावों में से शब्द चुन सकते हैं। आप किसी भी दृश्य के लिए एक से अधिक शब्द भी चुन सकते हैं।

क्र.सं.दृश्यभावकारण
1.आपको कहीं से किसी पक्षी के चहचहाने की आवाज सुनाई देती है।शांति, आनंदपक्षियों की मधुर आवाज मन को शांत और प्रसन्न करती है।
2.शाम के समय किसी पेड़ पर अनगिनत पक्षी एक साथ चहचहा रहे हैं।आश्चर्य, आनंद, हँसीइतने पक्षियों को एक साथ देखना और सुनना अद्भुत अनुभव होता है।
3.कोई गाय अपने बच्चे को दूध पिला रही है।ममता, करुणामाँ का अपने बच्चे से स्नेह और देखभाल ममता को दर्शाता है।
4.कोई व्यक्ति अपने वाहन की खिड़की से कूड़ा बाहर फेंक देता है।क्रोध, घृणा, चिंतायह कार्य ग़लत है और पर्यावरण को नुकसान पहुँचाता है।
5.कोई बच्चा किसी व्यर्थ कागज को कूड़ेदान में डाल देता है।आभार, आत्मविश्वाससफाई के प्रति सजगता देखकर अच्छा लगता है और उम्मीद बढ़ती है।
6.कोई व्यक्ति बिना हेलमेट तेज बाइक चला रहा है।डर, चिंता, क्रोधयह लापरवाही है और जान को खतरा हो सकता है।
7.दो प्राणी किसी कारण लड़ रहे हैं।क्रोध, उदासीनताझगड़ा देखकर मन दुखी होता है या हट जाता है।
8.एक व्यक्ति जिसके पैर नहीं हैं, वह तिपहिया गाड़ी पर यात्रा कर रहा है।आत्मविश्वास, वीरता, सहानुभूतिवह अपनी कमजोरी के बावजूद साहस से जी रहा है, प्रेरणा मिलती है।
9.नेत्रहीन व्यक्तियों के लिए ब्रेल लिपि में बोर्ड लगे हैं।आभार, गर्व, सहानुभूतिविशेष लोगों के लिए की गई व्यवस्था सराहनीय है।
10.कोई व्यक्ति किसी को अपशब्द कह रहा है।क्रोध, घृणाबुरा बोलना असभ्यता है, इससे मन खराब होता है।
11.कोई व्यक्ति किसी भूखे को भोजन दे रहा है।प्रेम, दया, सहानुभूतिजरूरतमंद की मदद करना मानवीय गुण है।
12.कोई लड़का स्वादिष्ट भोजन बनाकर अपनी बहन को खिला रहा है।प्रेम, ममता, आनंदभाई-बहन का प्रेम देखने में बहुत सुखद और प्यारा लगता है।

आज की पहेली

कविता में आपने कई पक्षियों के नाम पढ़े। अब आपके सामने पक्षियों से जुड़ी कुछ पहेलियाँ दी गई हैं। पक्षियों को पहचानकर सही चित्रों के साथ रेखा खींचकर जोड़िए-

6-2

1.दिखने में हूँ हरा-हरा

कहता हूँ सब खरा-खरा

खाता हूँ मैं मिर्ची लाल

कहते सब मुझे मिडूलाल

उत्तर:-तोता (शुक)

5-2

2. सुंदर काले मेरे नैनश्वेत

श्याम है मेरे डैन

उड़ता रहता हूँ दिन-रैन

खेलूं पानी में तो आए चैन

उत्तर:- हंस

1-2

3.संदेश पहुँचाना मेरा काम

देता हूँ शांति का पैगाम

करता हूँ मैं गूटर-गूँ

आओगे पास तो हो जाऊँगा छू

उत्तर:- कबूतर (कपोत)

4. पीता हूँ बारिश की बूँदें

रखता हूँ फिर आँखें मूँदे

देखो चकोर है मेरी साथी

बिन उसके घूमें ऊँचें ऊँधें

उत्तर:- चातक

3-2

5. रहता है घर के आस-पास

रंग है उसका काला खास

जो भी दोगे खाता है वो

झुंड में आ जाता है वो

उत्तर:- कौवा (काक)

7-3

6.कूहू कुहू मधुर आवाज सुनाती

घर अपना मैं कहाँ बनाती

काली हूँ पर काक नहीं

बतलाओ मैं क्या कहलाती

उत्तर:-कोयल (कोकिल)

4-2

7.तन मेरा सफेद

गर्दन मेरी लंबी

नाम बताओ सच्ची-सच्ची

कहलाता हूँ मैं जलपक्षी

उत्तर:- सारस

 

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