पानी रे पानी – सारांश
पानी रे पानी पाठ में पानी के महत्व, इसके चक्र और पानी की कमी व बाढ़ की समस्याओं के बारे में बताया गया है। यह पाठ हमें यह भी सिखाता है कि हमें पानी को बचाने और उसका सही उपयोग करने की जरूरत है।
1. जल-चक्र क्या है?
जल-चक्र प्रकृति की वह प्रक्रिया है जिसमें समुद्र का पानी सूरज की गर्मी से भाप बनता है, बादल बनता है, और फिर बारिश के रूप में धरती पर गिरता है। यह बारिश नदियों, तालाबों और झीलों के जरिए फिर से समुद्र में पहुंचती है। इस तरह पानी का चक्र पूरा होता है।
2. पानी की कमी की समस्या
आजकल गांवों और शहरों में पानी की कमी हो रही है। नलों में पानी कम आता है या बिल्कुल नहीं आता। लोग पानी के लिए परेशान होते हैं, और कई बार झगड़े भी हो जाते हैं। कुछ लोग मोटर लगाकर पानी खींचते हैं, जिससे औरों का पानी कम हो जाता है। बड़े शहरों में पानी खरीदना पड़ता है। गर्मियों में यह कमी और बढ़ जाती है, जिससे अकाल जैसी स्थिति बन जाती है।
3. बरसात में बाढ़
बरसात के मौसम में बहुत ज्यादा पानी आ जाता है, जिससे सड़कें, घर, और स्कूल पानी से भर जाते हैं। बाढ़ के कारण गांव और शहर दोनों को नुकसान होता है। यह दिखाता है कि पानी की कमी (अकाल) और ज्यादा पानी (बाढ़) एक ही सिक्के के दो पहलू हैं।
4. धरती: पानी की गुल्लक
लेखक ने धरती को एक बड़ी गुल्लक की तरह बताया है। जैसे हम गुल्लक में पैसे जमा करते हैं, वैसे ही बारिश का पानी तालाबों, झीलों और भूजल में जमा होता है। यह पानी हमें साल भर उपयोग के लिए मिलता है। लेकिन हमने तालाबों को कचरे से भर दिया या उन पर मकान और बाजार बना दिए, जिससे पानी जमा करने की जगह कम हो गई। इसकी वजह से गर्मियों में नल सूख जाते हैं और बरसात में बाढ़ आती है।
5. पानी बचाने का उपाय
पानी की कमी और बाढ़ से बचने के लिए हमें तालाबों, नदियों और झीलों की देखभाल करनी होगी। बारिश के पानी को जमा करना (वर्षा जल संग्रहण) बहुत जरूरी है। छतों पर गिरने वाले बारिश के पानी को टैंकों में इकट्ठा करके भूजल को बढ़ाया जा सकता है। हमें पानी का सही उपयोग करना चाहिए और उसे बर्बाद नहीं करना चाहिए।
6. लेखक का संदेश
लेखक अनुपम मिश्र, जो एक पर्यावरणविद थे, कहते हैं कि अगर हम जल-चक्र को समझें और पानी को सही तरीके से जमा करें, तो पानी की कमी से बच सकते हैं। हमें प्रकृति की इस गुल्लक को भरते रहना होगा ताकि जरूरत के समय पानी उपलब्ध हो।
नैतिक शिक्षा: यह पाठ हमें सिखाता है कि पानी बहुत कीमती है। हमें इसे बर्बाद नहीं करना चाहिए और तालाबों, नदियों व झीलों को साफ रखना चाहिए। वर्षा जल संग्रहण जैसे उपायों से हम भविष्य में पानी की कमी से बच सकते हैं।
अतिरिक्त कहानी: पाल के किनारे रखा इतिहास
इस पाठ में एक कहानी भी है जो तालाबों के महत्व को दर्शाती है। चार भाइयों (कुड़न, बुद्धान, सरमन, कोराई) ने एक पारस पत्थर पाया, जो लोहे को सोने में बदल देता था। लेकिन उन्होंने इसका लालच नहीं किया और राजा को सौंप दिया। राजा ने उन्हें तालाब बनाने का आदेश दिया। इन भाइयों ने चार बड़े तालाब बनाए, जो आज भी मध्य प्रदेश के पाटन क्षेत्र में मौजूद हैं। यह कहानी बताती है कि तालाब बनाना समाज के लिए कितना बड़ा काम है।
विश्वेश्वरैया की कहानी
पाठ में विश्वेश्वरैया की कहानी भी है, जो एक महान इंजीनियर बने। बचपन में उन्होंने बारिश और प्रकृति की शक्ति को देखा और गरीबी के कारणों को समझने की कोशिश की। वे हमेशा सीखते रहे और भारत के लिए कई बड़े काम किए। उनकी कहानी हमें प्रेरणा देती है कि हमें प्रकृति और समाज के बारे में सोचते रहना चाहिए।
Leave a Reply