Summary For All Chapters – Hindi Malhar Class 7
वर्षा – बहार – सारांश
यह अध्याय मुकुटधर पांडेय की कविता “वर्षा-बहार” पर आधारित है, जिसमें वर्षा ऋतु की सुंदरता और प्रकृति के रंग-रूप को बहुत ही मनमोहक ढंग से दर्शाया गया है। कविता में बताया गया है कि वर्षा ऋतु सबके मन को लुभाती है। आकाश में काले बादल छाए हैं, बिजली चमक रही है, और बारिश की बूंदें झरनों को बहा रही हैं। ठंडी हवाएँ चल रही हैं, पेड़ों की डालियाँ हिल रही हैं, और बगीचों में मालिनें सुंदर गीत गा रही हैं। तालाबों में जलचर जीव खुश हैं, पक्षी गर्मी की तपिश भूलकर उड़ रहे हैं, और जंगल में मोर नाच रहे हैं। मेंढक अपनी टर्र-टर्र की आवाज से माहौल को और खुशनुमा बना रहे हैं। गुलाब के फूल खिल रहे हैं, उनकी खुशबू फैल रही है, और हंस सुंदर कतार में चलते हुए गीत गा रहे हैं। किसान भी खेतों में काम करते हुए खुशी से गीत गाते हैं। कविता कहती है कि वर्षा ऋतु की यह अनोखी बहार पूरी दुनिया की शोभा को बढ़ाती है, क्योंकि यह प्रकृति और जीवन के लिए बहुत जरूरी है।
इस अध्याय में कवि मुकुटधर पांडेय के बारे में भी जानकारी दी गई है। उनका जन्म 1895 में छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में हुआ था, और उन्होंने कम उम्र में ही कविताएँ और लेख लिखना शुरू कर दिया था। उनकी रचनाएँ सरस्वती और माधुरी जैसी पत्रिकाओं में छपती थीं। प्रकृति की सुंदरता को दर्शाने वाली उनकी कविताओं के लिए उन्हें “पद्मभूषण” सम्मान मिला। पाठ में कई गतिविधियाँ दी गई हैं, जैसे प्रश्नों के जवाब देना, पंक्तियों के अर्थ समझना, और वर्षा से जुड़े दृश्यों को अपनी कल्पना से चित्रित करना। उदाहरण के लिए, पूछा गया है कि वर्षा का कौन-सा भाव कविता में उभरता है (आनंद और प्रसन्नता), और “सारे जगत की शोभा, निभर है इसके ऊपर” का अर्थ है कि वर्षा धरती पर हरियाली और जीवन का मुख्य स्रोत है। साथ ही, वर्षा के बिना मानव और पशु-पक्षियों पर पड़ने वाले प्रभाव, जैसे सूखा और भोजन की कमी, पर भी चर्चा की गई है।
कविता की विशेषताओं को भी समझाया गया है, जैसे इसकी सरल भाषा, लय, और विशेषणों का उपयोग। उदाहरण के लिए, “अनूठी छटा” में “अनूठी” विशेषण है, जो छटा की सुंदरता को दर्शाता है। अध्याय में वर्षा से जुड़े शब्द, गीत, और लोककथाएँ खोजने की गतिविधियाँ भी हैं। इसके अलावा, वर्षा के दृश्यों, जैसे इंद्रधनुष या पेड़-पौधों में बदलाव, और ध्वनियों, जैसे मेंढकों की टर्र-टर्र, पर भी विचार करने को कहा गया है। कविता के अंत में यह संदेश है कि वर्षा ऋतु प्रकृति का उत्सव है, जो सभी को खुशी और ताजगी देती है। यह अध्याय हमें प्रकृति की सुंदरता को समझने, उसका सम्मान करने, और वर्षा के महत्व को पहचानने की प्रेरणा देता है।
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