Short Questions
प्रश्न: लेखक के घर में कितने लोग रहते थे?
उत्तर: तीन लोग (माँ, पिताजी और लेखक)।
प्रश्न: पिताजी ने घर को क्या कहा?
उत्तर: सराय।
प्रश्न: गौरैयों ने घोंसला कहाँ बनाया था?
उत्तर: पंखे के गोले में।
प्रश्न: माँ ने पिताजी के गौरैयों को भगाने के प्रयास पर क्या किया?
उत्तर: हँसी और मजाक किया।
प्रश्न: गौरैयाँ घर में किन-किन रास्तों से घुसीं?
उत्तर: दरवाजे के नीचे और टूटे रोशनदान से।
प्रश्न: पिताजी ने गौरैयों को भगाने के लिए क्या-क्या किया?
उत्तर: ताली बजाई, लाठी फेरी और कूदे।
प्रश्न: कहानी का लेखक कौन है?
उत्तर: भीष्म साहनी।
प्रश्न: गौरैयों के बच्चों को देखकर पिताजी ने क्या किया?
उत्तर: घोंसला तोड़ना बंद कर दिया।
प्रश्न: माँ ने गौरैयों के न जाने की बात क्यों कही?
उत्तर: क्योंकि उन्होंने घोंसला बना लिया था।
प्रश्न: पिताजी का अंत में गौरैयों के प्रति दृष्टिकोण कैसे बदल गया?
उत्तर: वे मुस्कराने लगे और गौरैयों को स्वीकार किया।
Long Questions
प्रश्न: पिताजी ने घर को सराय क्यों कहा और इससे क्या पता चलता है?
उत्तर: पिताजी ने घर को सराय कहा क्योंकि वहाँ कई पक्षी और जीव-जंतु आते-जाते थे। इससे पता चलता है कि उनका घर जीव-जंतुओं से भरा और जीवंत था।
प्रश्न: गौरैयों ने लेखक के घर में घोंसला क्यों बनाया होगा?
उत्तर: गौरैयों ने पंखे के गोले में घोंसला बनाया क्योंकि यह सुरक्षित और ऊँचा स्थान था। यह स्थान उनके अंडों और बच्चों के लिए उपयुक्त था।
प्रश्न: माँ के बार-बार हँसने और मजाक करने से उनके स्वभाव के बारे में क्या पता चलता है?
उत्तर: माँ का हँसना और मजाक करना उनके हल्के-फुल्के और हास्यप्रिय स्वभाव को दर्शाता है। वे गौरैयों को निकालने के प्रयास को व्यर्थ मानती थीं।
प्रश्न: पिताजी ने गौरैयों को भगाने के लिए कई तरीके अपनाए, फिर भी वे क्यों असफल रहे?
उत्तर: पिताजी कई तरीके अपनाने के बावजूद असफल रहे क्योंकि गौरैयाँ बार-बार दरवाजों और रोशनदान से लौट आती थीं। उनकी दृढ़ता और घोंसला बनाने की इच्छा ने उन्हें रोकने नहीं दिया।
प्रश्न: कहानी में गौरैयों के व्यवहार में क्या बदलाव आया और यह बदलाव क्यों हुआ?
उत्तर: गौरैयाँ पहले चहकती थीं, लेकिन घोंसला तोड़े जाने पर चुप और दुबली हो गईं। यह बदलाव उनके बच्चों की सुरक्षा की चिंता और तनाव के कारण हुआ।
प्रश्न: “किसी को सचमुच बाहर निकालना हो, तो उसका घर तोड़ देना चाहिए।” इस कथन से पिताजी के स्वभाव के बारे में क्या पता चलता है?
उत्तर: यह कथन पिताजी की जिद्दी और दृढ़ स्वभाव को दर्शाता है। वे गौरैयों को निकालने के लिए कठोर कदम उठाने को तैयार थे।
प्रश्न: गौरैयों के बच्चों को देखकर पिताजी का दृष्टिकोण क्यों बदल गया?
उत्तर: गौरैयों के बच्चों को देखकर पिताजी को दया आई और उन्होंने घोंसला तोड़ना बंद कर दिया। यह उनके संवेदनशील और दयालु पक्ष को दर्शाता है।
प्रश्न: कहानी में हास्य और व्यंग्य का उपयोग कैसे किया गया है?
उत्तर: माँ के व्यंग्यात्मक कथन और पिताजी के नाकाम प्रयासों से हास्य उत्पन्न होता है। यह कहानी को रोचक और मनोरंजक बनाता है।
प्रश्न: “मित्रलाभ” कहानी से हमें मित्रता के बारे में क्या सीख मिलती है?
उत्तर: “मित्रलाभ” कहानी से पता चलता है कि सच्ची मित्रता में विश्वास और सहायता महत्वपूर्ण है। मित्र आपत्ति में एक-दूसरे की मदद करते हैं।
प्रश्न: “दो गौरैया” और “मित्रलाभ” कहानियों में प्रकृति और जीव-जंतुओं के प्रति मनुष्य का व्यवहार कैसे दर्शाया गया है?
उत्तर: “दो गौरैया” में मनुष्य पहले जीव-जंतुओं को निकालना चाहता है, पर बाद में स्वीकार करता है। “मित्रलाभ” में मित्रता के माध्यम से जीव-जंतुओं के प्रति सहानुभूति और सहायता दिखाई गई है।
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