कविता का परिचय
‘स्वदेश’ कविता गयाप्रसाद शुक्ल ‘सनेही’ द्वारा रचित एक प्रेरणादायक रचना है, जो देश-प्रेम की भावना को जगाती है। यह कविता हमें अपने देश के प्रति प्रेम, साहस, और कर्तव्यनिष्ठा का महत्व समझाती है। कवि कहते हैं कि जिस हृदय में देश-प्रेम नहीं, वह हृदय पत्थर के समान है। यह कविता एक आह्वान गीत है, जो हमें देश के लिए समर्पित होने और इसके विकास में योगदान देने के लिए प्रेरित करती है।
कवि परिचय
नाम: गयाप्रसाद शुक्ल ‘सनेही’
जन्म: 1883, उन्नाव (उत्तर प्रदेश)
मृत्यु: 1972
विशेषताएँ:
- इन्होंने ब्रजभाषा में कविता लेखन शुरू किया, बाद में खड़ी बोली में उत्कृष्ट रचनाएँ दीं।
- सरकारी नौकरी के कारण इन्हें ‘त्रिशूल’ उपनाम भी अपनाना पड़ा।
- राष्ट्रीय भावना, किसान, मजदूर, और सामाजिक कुरीतियों पर प्रभावशाली कविताएँ लिखीं।
प्रमुख रचनाएँ: त्रिशूल तरंग, राष्ट्रीय मंत्र, कृषक क्रंदन।
कविता का सार
मुख्य भाव: कविता देश-प्रेम को हृदय की सबसे बड़ी भावना बताती है। कवि कहते हैं कि जिस व्यक्ति में देश के प्रति प्रेम, साहस, और उत्साह नहीं, उसका जीवन निष्फल है।
प्रमुख बिंदु:
- देश वह मिट्टी है, जहाँ हम जन्मे, पले-बढ़े, और जहाँ से हमें भोजन, जल, और परिवार मिला।
- देश के प्रति कर्तव्य और साहस जरूरी है, बिना इसके जीवन में कोई लक्ष्य प्राप्त नहीं हो सकता।
- देश की ज्ञान-संपदा और सांस्कृतिक धरोहर विश्व में सम्मानित है।
- मनुष्य का जीवन नश्वर है, इसलिए हमें अपने देश के लिए कुछ उपयोगी कार्य करना चाहिए।
- देश-प्रेम के बिना हृदय पत्थर के समान है, जिसमें कोई भावना या संवेदना नहीं।
कविता की पंक्तियों का भावार्थ
- “वह हृदय नहीं है पत्थर है, जिसमें स्वदेश का प्यार नहीं।”
अर्थ: जिस व्यक्ति के हृदय में अपने देश के लिए प्रेम नहीं, वह संवेदनशील नहीं, बल्कि पत्थर की तरह कठोर है। - “जो जीवित जोश जगा न सका, उस जीवन में कुछ सार नहीं।”
अर्थ: जो व्यक्ति स्वयं में और दूसरों में उत्साह नहीं जगा सकता, उसका जीवन अर्थहीन है। - “जिसने साहस को छोड़ दिया, वह पहुँच सकेगा पार नहीं।”
अर्थ: साहस के बिना कोई भी व्यक्ति अपने लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर सकता। - “जिसकी मिट्टी में उगे बढ़े, पाया जिसमें दाना-पानी।”
अर्थ: देश वह माँ है, जिसकी मिट्टी में हम पले-बढ़े और जिसने हमें भोजन और जल दिया। - “सब कुछ है अपने हाथों में, क्या तोप नहीं तलवार नहीं।”
अर्थ: हमारे पास देश के लिए कुछ करने की पूरी शक्ति है, हमें केवल साहस और इच्छाशक्ति की जरूरत है।
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