लेखक परिचय
नाम: उदयशंकर भट्ट (1898-1966)
जन्म स्थान: इटावा, उत्तर प्रदेश
साहित्यिक पृष्ठभूमि: पारिवारिक साहित्यिक वातावरण के कारण साहित्य में गहरी रुचि।
रचनाएँ:
- रेडियो के लिए नाटक, कविताएँ, उपन्यास और एकांकी।
- प्रसिद्ध रचनाएँ: ‘लोक-परलोक’ (उपन्यास) और ‘पर्दे के पीछे’ (एकांकी संग्रह)।
विशेषता: नाटक और एकांकी लेखन में विशेष ख्याति; नाटकों और फिल्मों में अभिनय भी किया।
योगदान: साहित्य में यथार्थवादी और सामाजिक मुद्दों पर आधारित रचनाएँ।
एकांकी का परिचय
शीर्षक: नए मेहमान
प्रकार: एकांकी (एक अंक वाला नाटक)
लेखक: उदयशंकर भट्ट
मुख्य विषय: भारतीय संस्कृति में अतिथि सत्कार की परंपरा और आधुनिक शहरी मध्यवर्गीय जीवन की चुनौतियाँ।
पृष्ठभूमि: भारत का एक बड़ा शहर, गर्मी की ऋतु, रात 8 बजे का समय।
कथानक: एक मध्यवर्गीय परिवार की गर्मी और छोटे किराए के मकान की असुविधाओं के बीच अपरिचित मेहमानों के आगमन से उत्पन्न होने वाली परेशानियाँ।
पात्र-परिचय
1. विश्वनाथ:
- गृहपति, उम्र 45 वर्ष।
- गेहुँआ रंग, गठीला शरीर, गंभीर स्वभाव।
- परिवार की जिम्मेदारियों और गर्मी से परेशान।
2. रेवती:
- विश्वनाथ की पत्नी।
- स्वास्थ्य ठीक नहीं, सिरदर्द और गर्मी से त्रस्त।
- मेहमानों के आगमन से चिंतित, फिर भी कर्तव्यनिष्ठ।
3. प्रमोद और किरण:
- विश्वनाथ के बच्चे।
- आज्ञाकारी, मेहमानों की सेवा में सहयोगी।
4. नन्हेमल और बाबूलाल:
- अपरिचित मेहमान, बिजनौर से आए।
- नन्हेमल (35 वर्ष): मूँछों वाला, माथे पर सलवट।
- बाबूलाल (24 वर्ष): अधकटी मूँछें, लंबा चेहरा।
- व्यवहार में असामान्य, अस्पष्ट जवाब देते हैं।
5. आगंतुक:
- रेवती का भाई।
- झाँसी से तार भेजकर आया, लेकिन तार विश्वनाथ को नहीं मिला।
स्थान और समय
स्थान: भारत का एक बड़ा शहर, साधारण किराए का मकान।
- विवरण: छोटा कमरा, पूर्व में दो दरवाजे, दक्षिण में बाहर जाने का द्वार, पश्चिम में भीतरी द्वार, उत्तर में मेज और कुर्सियाँ, पलंग पर एक बच्चा सो रहा।
- वातावरण: पुराना पंखा, कम हवा, भीषण गर्मी, पसीने से तर लोग।
समय: गर्मी की ऋतु, रात 8 बजे।
माहौल: गर्मी के कारण असहजता, पानी की कमी, और पड़ोसियों का असहयोग।
कथानक का सारांश
एक मध्यवर्गीय परिवार (विश्वनाथ, रेवती, और उनके बच्चे) गर्मी और छोटे किराए के मकान की असुविधाओं से जूझ रहा है। विश्वनाथ गर्मी से परेशान है और रेवती को सिरदर्द है। परिवार को बड़ा मकान नहीं मिल रहा, और पड़ोसी असहयोगी हैं। तभी दो अपरिचित मेहमान, नन्हेमल और बाबूलाल, अचानक आ धमकते हैं। वे दावा करते हैं कि वे विश्वनाथ को जानते हैं, लेकिन अस्पष्ट जवाब देते हैं। भारतीय संस्कृति के अतिथि सत्कार के कारण विश्वनाथ उन्हें ठहरने देता है। मेहमान पानी, स्नान, और भोजन की माँग करते हैं, जिससे परिवार की परेशानियाँ बढ़ती हैं। पड़ोसी भी छत पर पानी फैलने की शिकायत करते हैं। अंत में पता चलता है कि मेहमान गलत पते पर आए थे और कविराज रामलाल के यहाँ जाना चाहते थे। इसके बाद रेवती का भाई आता है, जिसके आने की सूचना तार से दी गई थी। रेवती और विश्वनाथ उसका स्वागत करते हैं, और रेवती भोजन तैयार करने को तैयार हो जाती है।
मुख्य थीम
1. अतिथि सत्कार:
भारतीय परंपरा में मेहमान को देवता माना जाता है, लेकिन शहरी जीवन की सीमाएँ इसे चुनौतीपूर्ण बनाती हैं।
2. शहरी जीवन की चुनौतियाँ:
छोटे मकान, गर्मी, पानी की कमी, और पड़ोसियों का असहयोग।
3. पारिवारिक एकता:
विश्वनाथ और रेवती अपने बच्चों और मेहमानों की चिंता करते हैं।
4. सामाजिक व्यवहार:
मेहमानों का असामान्य व्यवहार और पड़ोसियों का असहयोग सामाजिक टकराव को दर्शाता है।
एकांकी की विशेषताएँ
- एक अंक: कहानी एक ही दृश्य में पूरी होती है।
- संवाद-प्रधान: कहानी संवादों के माध्यम से आगे बढ़ती है।
- रंगमंच निर्देश: पात्रों के अभिनय, वेशभूषा, और मंच सज्जा के लिए स्पष्ट निर्देश।
- यथार्थवादी चित्रण: मध्यवर्गीय परिवार की वास्तविक समस्याओं का चित्रण।
- संक्षिप्तता: कहानी संक्षेप में प्रस्तुत की गई है।
- सीमित पात्र: कम पात्रों के साथ मंचन के लिए उपयुक्त।
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