पाठ से
मेरी समझ से
(क) निम्नलिखित प्रश्नों के उपयुक्त उत्तर के सामने तारा (★) बनाइए: कुछ प्रश्नों के एक से अधिक उत्तर भी हो सकते हैं।
1. “वह हृदय नहीं है पत्थर है” इस पंक्ति में हृदय के पत्थर होने से तात्पर्य है-
★ संवेदनहीनता से
2. निम्नलिखित में से कौन-सा विषय इस कविता का मुख्य भाव है?
★ देश के प्रति प्रेम
3. “हम हैं जिसके राजा-रानी” – इस पंक्ति में ‘हम’ शब्द किसके लिए आया है?
★ देश के समस्त नागरिकों के लिए
4. कविता के अनुसार कौन-सा हृदय पत्थर के समान है?
★ जिसमें देश-प्रेम का भाव नहीं है
(ख) हो सकता है कि आपके समूह के साथियों ने अलग-अलग उत्तर चुने हों। अपने मित्रों के साथ कीजिए कि आपने ये उत्तर ही क्यों चुने?
उत्तर-
मैंने ये उत्तर इसलिए चुने क्योंकि कविता का केंद्रीय भाव देश-प्रेम है। “वह हृदय नहीं है पत्थर है” पंक्ति स्पष्ट रूप से संवेदनहीनता को दर्शाती है, जो देश-प्रेम की कमी से उत्पन्न होती है। ‘हम’ शब्द देश के नागरिकों को संबोधित करता है, जो देश के प्रति अपनी जिम्मेदारी को राजा-रानी के रूप में निभाते हैं।
मिलकर करें मिलान
कविता में से चुनकर कुछ पंक्तियाँ नीचे स्तंभ । में दी गई हैं। उन पंक्तियों के भाव या संदर्भ स्तंभ 2 में दिए गए हैं। पंक्तियों का उनके सही अर्थ या संदर्भों से मिलान कीजिए।
उत्तर –
क्रम | स्तंभ 1 | स्तंभ 2 |
---|---|---|
1. | जिसने साहस को छोड़ दिया, वह पहुँच सकेगा पार नहीं। | 3. जिसने किसी कार्य को करने का साहस छोड़ दिया हो वह किसी लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर सकता। |
2. | जो जीवित जोश जगा न सका, उस जीवन में कुछ सार नहीं। | 4. जो स्वयं के साथ ही दूसरों को भी प्रेरित और उत्साहित नहीं कर सकते उनका जीवन निष्फल और अर्थहीन है। |
3. | जिस पर ज्ञानी भी मरते हैं, जिस पर है दुनिया दीवानी। | 1. जिस देश की ज्ञान-संपदा से समूचा विश्व प्रभावित है। |
4. | सब कुछ है अपने हाथों में, क्या तोप नहीं तलवार नहीं। | 2. जिस प्रकार युद्ध में तोप और तलवार की आवश्यकता होती है, उसी प्रकार मनुष्य की प्रगति के लिए साहस और इच्छाशक्ति की आवश्यकता होती है। |
पंक्तियों पर चर्चा
कविता से चुनकर कुछ पंक्तियाँ नीचे दी गई हैं। इन्हें ध्यानपूर्वक पढ़िए और इन पर विचार कीजिए। आपको इनका क्या अर्थ समझ में आया? अपने विचार अपने समूह में साझा कीजिए और लिखिए।
(क) “निश्चित है निस्संशय निश्चित, है जान एक दिन जाने को।
है काल-दीप जलता हरदम, जल जाना है परवानों को।।”
अर्थ: यह पंक्ति जीवन की नश्वरता को दर्शाती है। कवि कहता है कि मृत्यु निश्चित है और समय का दीपक हमेशा जल रहा है। जैसे पतंगे दीपक की लौ में जल जाते हैं, वैसे ही मनुष्य का जीवन भी एक दिन समाप्त हो जाएगा। इसलिए हमें अपने जीवन को देश-प्रेम जैसे सार्थक कार्यों में लगाना चाहिए।
(ख) “सब कुछ है अपने हाथों में, क्या तोप नहीं तलवार नहीं।
वह हृदय नहीं है, पत्थर है, जिसमें स्वदेश का प्यार नहीं।।”
अर्थ: कवि कहता है कि हमारे पास अपनी प्रगति और देश की सेवा के लिए सभी साधन हैं। युद्ध के लिए तोप-तलवार की तरह, देश-प्रेम के लिए साहस और इच्छाशक्ति चाहिए। जिस हृदय में देश-प्रेम नहीं, वह पत्थर के समान कठोर है।
(ग) “जो भरा नहीं है भावों से, बहती जिसमें रस-धार नहीं।
वह हृदय नहीं है पत्थर है, जिसमें स्वदेश का प्यार नहीं।।”
अर्थ: यह पंक्ति कहती है कि जिस हृदय में भावनाएँ और देश-प्रेम की प्रेरणा नहीं है, वह हृदय पत्थर के समान है। देश-प्रेम से भरा हृदय ही जीवंत और संवेदनशील होता है।
सोच-विचार के लिए
कविता को पुनः ध्यान से पढ़िए, पता लगाइए और लिखिए।
(क) “हम हैं जिसके राजा-रानी” पंक्ति में राजा-रानी किसे और क्यों कहा गया है?
उत्तर: राजा-रानी देश के सभी नागरिकों को कहा गया है। कवि कहता है कि देश के नागरिक ही इसके सच्चे स्वामी हैं, जो इसे अपने प्रेम और कर्म से समृद्ध करते हैं।
(ख) ‘संसार-संग’ चलने से आप क्या समझते हैं? जो व्यक्ति ‘संसार-संग’ नहीं चलता, संसार उसका क्यों नहीं हो पाता है?
उत्तर: ‘संसार-संग’ चलने का अर्थ है समाज और देश के साथ मिलकर प्रगति करना। जो व्यक्ति समाज के साथ नहीं चलता, वह अकेला रह जाता है और समाज उसे स्वीकार नहीं करता, इसलिए उसका संसार सीमित हो जाता है।
(ग) “उस पर है नहीं पसीजा जो/क्या है वह भू का भार नहीं।” पंक्ति से आप क्या समझते हैं?
उत्तर: इस पंक्ति का अर्थ है कि जो व्यक्ति अपने देश के प्रति संवेदनशील नहीं है और उसकी समृद्धि के लिए कार्य नहीं करता, वह पृथ्वी पर बोझ के समान है।
(घ) कविता में देश-प्रेम के लिए बहुत-सी बातें आई हैं। आप ‘देश-प्रेम’ से क्या समझते हैं? बताइए।
उत्तर: देश-प्रेम का अर्थ है अपने देश के प्रति प्रेम, सम्मान और समर्पण की भावना। यह देश की संस्कृति, प्रकृति, लोगों और इसकी प्रगति के लिए कार्य करने में प्रकट होता है।
(ङ) यह रचना एक आह्वान गीत है जो हमें देश-प्रेम के लिए प्रेरित और उत्साहित करती है। इस रचना की अन्य विशेषताएँ ढूंढ़िए और लिखिए।
उत्तर:
- यह एक आह्वान गीत है जो देश-प्रेम के लिए प्रेरित करता है।
- कविता में तुकबंदी और लयात्मकता है, जो इसे प्रभावशाली बनाती है।
- सरल और भावपूर्ण भाषा का उपयोग किया गया है।
- देश की महिमा और नागरिकों की जिम्मेदारी को रेखांकित किया गया है।
- कविता में प्रतीकात्मक भाषा (जैसे हृदय-पत्थर) का उपयोग है।
अनुमान और कल्पना से
अपने समूह में मिलकर चर्चा कीजिए और लिखिए।
(क) “जिसने कि खजाने खोले हैं” अनुमान करके बताइए कि इस पंक्ति में किस प्रकार के खजाने की बात की गई होगी?
उत्तर: यहाँ खजाने का अर्थ देश की सांस्कृतिक, आध्यात्मिक, और ज्ञान-संपदा से है, जैसे वेद, उपनिषद, कला, और परंपराएँ, जो विश्व को समृद्ध करती हैं।
(ख) “जिसकी मिट्टी में उगे बढ़े” पंक्ति में ‘उगे-बढ़े’ किसके लिए और क्यों कहा गया होगा?
उत्तर: ‘उगे-बढ़े’ देश के नागरिकों के लिए कहा गया है, जो इसकी मिट्टी से भोजन और जीवन पाकर बड़े हुए हैं। यह देश के प्रति कृतज्ञता को दर्शाता है।
(ग) “वह हृदय नहीं है पत्थर है” पंक्ति में ‘हृदय’ के लिए ‘पत्थर’ शब्द का प्रयोग क्यों किया गया होगा?
उत्तर: ‘पत्थर’ शब्द हृदय की संवेदनहीनता और कठोरता को दर्शाने के लिए प्रयोग किया गया है, जो देश-प्रेम से रहित है।
(घ) कल्पना कीजिए कि पत्थर आपको अपनी कथा बता रहा है। वो आपसे क्या-क्या बातें करेगा और आप उसे क्या-क्या कहेंगे?
पत्थर की कथा: पत्थर कहेगा, “मैं नदी में था, तो धारा मुझे तराशती थी। पहाड़ों में था, तो मौसम मुझे बदलता था। मैंने सदियों तक प्रकृति का साथ दिया, लेकिन मुझमें भावनाएँ नहीं।”
मेरा उत्तर: मैं कहूँगा, “पत्थर, तुम मजबूत हो, लेकिन हृदय में देश-प्रेम की भावना होनी चाहिए। मैं तुम्हें प्रेरणा दूँगा कि तुम मंदिरों या स्मारकों में देश की शोभा बढ़ाओ।”
(ङ) देश-प्रेम की भावना देश की सुरक्षा से ही नहीं, बल्कि संरक्षण से भी जुड़ी होती है। अनुमान करके बताइए कि देश के किन-किन संसाधनों या वस्तुओं आदि को संरक्षण की आवश्यकता है है और क्यों?
उत्तर:
- प्राकृतिक संसाधन: जंगल, नदियाँ, और खनिज, क्योंकि ये पर्यावरण और अर्थव्यवस्था के लिए जरूरी हैं।
- सांस्कृतिक धरोहर: स्मारक और परंपराएँ, क्योंकि ये देश की पहचान हैं।
- जलवायु: प्रदूषण रोकने के लिए, ताकि भावी पीढ़ियाँ स्वस्थ रहें।
- जैव-विविधता: पशु-पक्षी और पौधे, क्योंकि ये पारिस्थितिकी तंत्र को संतुलित रखते हैं।
कविता की रचना
(क) शब्दों के तुक मिलाने से कविता में क्या विशेष प्रभाव पड़ा है?
उत्तर: तुक मिलाने से कविता में लय और संगीतमयता आती है, जो इसे सुनने और याद रखने में आकर्षक बनाती है।
(ख) कविता को प्रभावशाली बनाने के लिए और क्या-क्या प्रयोग किए गए हैं?
उत्तर:
- प्रतीकात्मक भाषा (जैसे हृदय-पत्थर)।
- सरल और भावपूर्ण शब्द।
- लयात्मकता और तुकबंदी।
- देश-प्रेम को प्रेरित करने वाला आह्वान।
- दोहराव (जैसे “वह हृदय नहीं है पत्थर है”)।
आपकी कविता
देश-प्रेम से जुड़े अपने विचारों को आधार बनाते हुए कविता को आगे बढ़ाइए—
वह हृदय नहीं है पत्थर है,
जिसमें स्वदेश का प्यार नहीं।
उत्तर:
वह हृदय नहीं है पत्थर है,
जिसमें स्वदेश का प्यार नहीं।
जो मिट्टी की सेवा न करे,
उस जीवन में आधार नहीं।
जो देश के लिए जिए सदा,
वही सच्चा सिपाही है।
स्वदेश का गौरव बढ़ाए,
वह हृदय अमर कहलाए।
भाषा की बात
(क) शब्द से जुड़े शब्द
नीचे दिए गए रिक्त स्थानों में ‘स्वदेश’ से जुड़े शब्द अपने समूह में चर्चा करके लिखिए। फिर मित्रों से मिलाकर अपनी सूची बढ़ाइए –
उत्तर:
(ख) विराम चिह्नों को समझें
- “जो चल न सका संसार-संग” → जो चल न सका संसार के संग।
- “बहती जिसमें रस-धार नहीं” → बहती जिसमें रस की धार नहीं।
- “पाया जिसमें दाना-पानी” → पाया जिसमें दाना और पानी।
- “हैं माता-पिता बंधु जिसमें” → हैं माता-पिता और बंधु जिसमें।
- “हम हैं जिसके राजा-रानी” → हम हैं जिसके राजा और रानी।
- “जिससे न जाति-उद्धार हुआ” → जिससे न जाति का उद्धार हुआ।
(ग) शब्द-मित्र:
पंक्तियाँ जिनमें ‘है’ पहले आया है:
“है जान एक दिन जाने को”
“है काल-दीप जलता हरदम”
उत्तर:
- जान एक दिन जाने को है।
- काल-दीप हरदम जलता है।
पंक्तियों में ‘है, हैं’ पहले करके पुनः लिखें:
“जिस पर ज्ञानी भी मरते हैं, जिस पर है दुनिया दीवानी।”
उत्तर:
→ हैं ज्ञानी भी जिस पर मरते, है दुनिया जिस पर दीवानी।
(इससे पंक्तियों में लयात्मकता बढ़ी और सौंदर्य अधिक प्रभावशाली हुआ।)
(घ) समानार्थी शब्द
कविता से चुनकर कुछ शब्द निम्न तालिका में दिए गए हैं। दिए गए शब्दों से इनके समानार्थी शब्द ढूँढ़कर तालिका में दिए गए रिक्त स्थानों में लिखिए।
उत्तर:
कविता का शीर्षक
यदि नया शीर्षक देना हो, तो पंक्ति:
उत्तर:
“जो भरा नहीं है भावों से”
क्यों: यह पंक्ति कविता के केंद्रीय भाव को दर्शाती है कि देश-प्रेम के बिना हृदय भावनाहीन है। यह शीर्षक कविता की प्रेरणादायक प्रकृति को उजागर करता है।
हमारे अस्त्र-शस्त्र
आप बताइए कि निम्नलिखित स्वदेश प्रेमियों के अस्त्र-शस्त्र क्या होंगे?
उत्तर:
स्वदेश प्रेमी | अस्त्र-शस्त्र |
---|---|
विद्यार्थी | शिक्षा और ज्ञान |
अध्यापक | शिक्षण और प्रेरणा |
कृषक | खेती और मेहनत |
चिकित्सक | चिकित्सा और सेवा |
वैज्ञानिक | अनुसंधान और आविष्कार |
श्रमिक | परिश्रम और निर्माण |
पत्रकार | सत्य और जागरूकता |
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