Summary For All Chapters – Hindi Class 8
दो गौरैया (कहानी) – सारांश
लेखक के घर में बहुत-से जीव-जंतु रहते थे—चूहे, कबूतर, चमगादड़, छिपकलियाँ, चींटियाँ और कई तरह के पक्षी। इसी बीच एक दिन दो गौरैया घर में आकर बैठ गईं और थोड़े ही समय में उन्होंने पंखे के ऊपर घोंसला बना लिया। माँ को यह सब मजेदार लगा और वे मुसकराकर गौरैयों को देखने लगीं, लेकिन पिताजी को यह बिल्कुल अच्छा नहीं लगा। वे बार-बार उन्हें घर से भगाने की कोशिश करते—तालियाँ बजाकर, लाठी घुमाकर, दरवाजे बंद करके, यहाँ तक कि घोंसला तोड़ने की भी कोशिश की। परंतु गौरैयाँ बार-बार लौट आतीं।
माँ हमेशा पिताजी के गुस्से पर मजाक करतीं और गौरैयों को भगाने नहीं देतीं। एक दिन पिताजी ने घोंसला तोड़ना शुरू किया, तभी उसमें से नन्हीं-नन्हीं चिड़ियाँ निकल आईं और “चीं-चीं” करके अपने माँ-बाप को बुलाने लगीं। यह देखकर पिताजी रुक गए और धीरे-धीरे उनका मन बदल गया। अंत में जब गौरैयों के माता-पिता बच्चों को दाना खिलाने आए, तो पिताजी गुस्सा करने की बजाय मुसकराने लगे।
यह कहानी हमें सिखाती है कि पशु-पक्षी भी हमारे जैसे परिवार और घर को महत्व देते हैं। साथ ही यह कहानी हास्य और व्यंग्य के माध्यम से यह संदेश देती है कि प्रकृति के छोटे-छोटे प्राणियों के साथ हमें सह-अस्तित्व और प्रेम से रहना चाहिए।
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