अष्टक नियम, संयोजकता का इलेक्ट्रॉनिक सिद्धांत, सीमाएं, बिंदु लिखिए, उदाहरण और महत्व
अष्टक नियम
वैज्ञानिक लुइस तथा कॉसल ने सन् 1916 में रसायनिक बंधों की प्रकृति की व्याख्या करने के लिए एक सिद्धांत प्रस्तुत किया। जिसे संयोजकता का इलेक्ट्रॉनिक सिद्धांत कहते हैं। अष्टक नियम (octel theory) भी कहते हैं।
Note – अष्टक नियम को संयोजकता का इलेक्ट्रॉनिक सिद्धांत (electronic concept of valence) भी कहते हैं।
अष्टक नियम के अनुसार ऐसे, तत्व जिनके बाह्य कोश में 8 इलेक्ट्रॉन होते हैं। वह रासायनिक रूप से निष्क्रिय होते हैं अर्थात् यह स्थायी व्यवस्था होती है। हीलियम को छोड़कर अन्य सभी अक्रिय गैसों के बाह्य कोश में 8 इलेक्ट्रॉन होते हैं यह स्थायी विन्यास है।
ऐसे तत्व जिनके बाह्य कोश में 8 इलेक्ट्रॉन से कम होते हैं। वह अन्य तत्वों से संयोग करके स्थायी विन्यास प्राप्त करने का प्रयास करते हैं। परमाणु अपने बाह्य कोश को पूर्ण करने के लिए दूसरे परमाणु से इलेक्ट्रॉनों की साझेदारी का आदान-प्रदान द्वारा स्थायी विन्यास प्राप्त करते हैं। इसे अष्टक नियम कहते हैं।
अष्टक नियम के उदाहरण
सोडियम क्लोराइड (NaCl) में सोडियम, क्लोरीन को अपने एक इलेक्ट्रॉन का त्याग करके स्थायी विन्यास प्राप्त करता है। तथा क्लोरीन एक इलेक्ट्रॉन ग्रहण करके अपना स्थायी विन्यास प्राप्त करता है। इस प्रकार सोडियम Na+ तथा क्लोरीन Cl– आयन बनते हैं।
इस प्रकार सोडियम Na+ तथा क्लोरीन Cl– आयन बनते हैं।
Na \( \longrightarrow \) Na+ + e–
Cl + e– \( \longrightarrow \) Cl–
अतः Na+ + Cl– \( \longrightarrow \) NaCl
अष्टक नियम की सीमाएं
1. अष्टक नियम केवल उन तत्वों के यौगिकों पर लागू होता है जो परमाणु क्रमांकों अर्थात् आवर्त सारणी में अक्रिय गैसों के निकट स्थित हैं। या तत्वों के परमाणु क्रमांकों में 3 या 4 इकाई से अधिक का अंतर नहीं है।
2. आवर्त सारणी के द्वितीय आवर्त के तत्वों में Li, Be तथा B को छोड़कर आवर्त के अन्य सभी तत्वों पर अष्टक नियम लागू होता है।
अष्टक नियम के अपवाद
कई प्रकार के ऐसे विद्युत संयोजी और उपसहसंयोजक स्थायी यौगिक हैं जिनके ऊपर अष्टक नियम लागू नहीं होता है। उनके कुछ उदाहरण निम्न प्रकार से हैं।
1 .कई विद्युत संयोजी यौगिकों पर अष्टक नियम लागू नहीं होता है। जैसे – हीलियम संरचना के धनायन, संक्रमण तत्वों के धनायन आदि।
2 .कई सहसंयोजक यौगिकों पर अष्टक नियम लागू नहीं होता है। जैसे – BeCl2 और BCl2
3 .यह नियम अणु की आकृति स्पष्ट नहीं करता है।
4. यह अणु की ऊर्जा अर्थात् उसके सापेक्ष स्थायित्व के बारे में कुछ भी संकेत नहीं देता है।
5. कई उपसहसंयोजक यौगिकों और संकर आयनों में केंद्रीय परमाणु पर अष्टक नियम लागू नहीं होता है।
जैसे – [Fe(CN)6]-4
Note – परमाणु अपने बाह्य कोश के इलेक्ट्रॉनों को एक दूसरे के साथ साझेदारी द्वारा अक्रिय गैस की संरचना प्राप्त कर सकते हैं। लेकिन स्थायी संरचना प्राप्त करने के से रसायनिक आबंध बनते हैं। जो निम्न प्रकार से हैं।
1. विद्युत संयोजी या आयनिक आबंध
2. सहसंयोजक आबंध
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