मुख्य प्रसंग
1. बुद्ध और आनंद का संवाद
- आनंद ने भगवान बुद्ध से पूछा – “क्या आप तपस्या करने के बाद बुढ़ापा, बीमारी और मृत्यु से मुक्त हो गए?”
- बुद्ध ने कहा – “वत्स! मैं शरीर नहीं, मन की बात करता हूँ। मन बूढ़ा, बीमार या मृत नहीं होना चाहिए।”
- उन्होंने बताया कि जब मन शांत, प्रेमपूर्ण और आस्थावान होता है, तभी सच्चा बोध (ज्ञान) प्राप्त होता है।
- बुद्ध ने कहा – “अंधकार इसलिए है क्योंकि प्रकाश नहीं है। एक दीप जलाओ, अंधकार मिट जाएगा।”
- इसका अर्थ है कि अंधकार (बुराई, अज्ञान) को दूर करने के लिए हमें खुद कुछ करना चाहिए।
2. भीतर के अंधकार की बात
- आनंद ने पूछा – “बाहर के अंधकार को तो दीया जलाकर मिटा सकते हैं, लेकिन अंदर के अंधकार का क्या करें?”
- बुद्ध ने उत्तर दिया – “अपने अंदर आत्मदीप जलाओ।”
- इसका मतलब है कि अपने भीतर ज्ञान, सत्य और सद्भाव का प्रकाश फैलाओ।
- जब हम अपने मन में प्रकाश भरते हैं, तब बाहर का अंधकार अपने आप मिट जाता है।
3. संत रिजाई और चोर की कथा
- जापान के संत रिजाई एक रात दीया जलाकर कुछ पढ़ रहे थे।
- तभी एक चोर चुपके से उनकी कुटिया में आया।
- रिजाई ने उसका स्वागत किया और कहा – “तुम खाली हाथ मत जाओ, मेरे पास बस यह कंबल है, इसे ले जाओ।”
- चोर ने धन्यवाद कहा और चला गया।
- बाद में वह पकड़ा गया, पर रिजाई ने न्यायालय में कहा – “यह चोर नहीं है। यह ज़रूरतमंद है।”
- उन्होंने कहा कि समाज को ऐसा बनाना चाहिए कि किसी को चोरी करने की नौबत ही न आए।
- रिजाई ने अपना दीया बुझाकर जापान के मन में ज्ञान और दया का दीप जलाया।
4. दीपोत्सव का महत्व
- दीपावली केवल अपने घर को रोशन करने का त्योहार नहीं है।
- जो लोग केवल अपने घर में दीया जलाते हैं, वे सच्चे अर्थों में उजाला नहीं फैलाते।
- सच्चा दीपोत्सव तब है जब हम सबके जीवन में प्रकाश फैलाएँ।
- जब हमारा प्रकाश दूसरों को भी सुख पहुँचाए, तभी दीपावली का उद्देश्य पूरा होता है।
मुख्य संदेश
- अंधकार को मिटाने के लिए खुद दीप बनो।
- केवल अपने सुख के लिए नहीं, दूसरों के सुख के लिए भी जलो।
- प्रकाश (ज्ञान, प्रेम, करुणा) ही अंधकार (अज्ञान, स्वार्थ, बुराई) को मिटा सकता है।
- दीपावली आत्मबल, एकता और सेवा की भावना का पर्व है।
पाठ से मिलने वाली शिक्षाएँ
- ज्ञान का दीप जलाना: अपने अंदर ज्ञान, सत्य और प्रेम का प्रकाश लाना ही सच्ची साधना है।
- सेवा और करुणा: जो व्यक्ति दूसरों की सहायता करता है, वही सच्चा दीप है।
- एकता का महत्व: जब सबके घरों में उजाला होगा, तभी सच्चा सुख आएगा।
- स्वार्थ त्याग: केवल अपने लिए नहीं, समाज के लिए भी सोचो।

Leave a Reply