रामलाल का परिवार – सारांश
यह पाठ एक आदर्श परिवार की कहानी है, जिसमें आपसी प्रेम, सम्मान और जिम्मेदारी का सुंदर चित्रण किया गया है। कहानी के मुख्य पात्र रामलाल, उनके पुत्र बिरजू और चन्दू, तथा दादा-दादी हैं। रामलाल अपने बेटों को बड़ों का आदर करने, मेहनत करने और परिवार की जिम्मेदारी निभाने की शिक्षा देते हैं। चन्दू अपने दादा-दादी का बहुत ध्यान रखता है, समय पर दुकान जाता है और काम में निष्ठा दिखाता है।
परिवार में सभी एक-दूसरे की मदद करते हैं – जैसे बिरजू बीमार बुआजी की देखभाल करता है और चन्दू बैंक का काम समय पर पूरा करता है। दादा बच्चों को परिश्रम, सच्चाई और बुरी आदतों से दूर रहने की सीख देते हैं। वे कहते हैं कि नई पीढ़ी का कर्तव्य है कि समाज की बुराइयों को मिटाए और सुधार लाए।
यह एकांकी हमें सिखाती है कि परिवार में प्रेम, सहयोग और अनुशासन से ही जीवन सुखमय बनता है। बड़ों का सम्मान, मेहनत और जिम्मेदारी निभाना ही एक सच्चे और आदर्श परिवार की पहचान है।

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