नगरीय संस्थाएँ
Short Questions Answer
प्रश्न: शहरी क्षेत्र की स्थानीय संस्थाएँ किन्हें कहते हैं?
उत्तर: नगर पंचायत, नगर पालिका और नगर निगम को शहरी क्षेत्र की स्थानीय संस्थाएँ कहते हैं।
प्रश्न: नगर पंचायत कितनी जनसंख्या वाले नगरों में गठित की जाती है?
उत्तर: जिन नगरों की जनसंख्या पाँच हजार से बीस हजार तक होती है, वहाँ नगर पंचायत गठित की जाती है।
प्रश्न: नगरपालिका कब गठित की जाती है?
उत्तर: जिन नगरों की जनसंख्या बीस हजार से एक लाख तक होती है, वहाँ नगरपालिका गठित की जाती है।
प्रश्न: नगर निगम कब गठित किया जाता है?
उत्तर: जिन नगरों की जनसंख्या एक लाख से अधिक होती है, वहाँ नगर निगम गठित किया जाता है।
प्रश्न: नगर निगम के अध्यक्ष को क्या कहा जाता है?
उत्तर: नगर निगम के अध्यक्ष को महापौर या मेयर कहा जाता है।
प्रश्न: नगर निगम के सबसे बड़े प्रशासनिक अधिकारी को क्या कहते हैं?
उत्तर: नगर निगम के सबसे बड़े प्रशासनिक अधिकारी को निगम आयुक्त कहते हैं।
प्रश्न: ‘एल्डरमैन’ कौन होते हैं और वे क्या कार्य करते हैं?
उत्तर: अनुभवी व्यक्तियों को एल्डरमैन कहा जाता है, वे सलाह देने का कार्य करते हैं।
प्रश्न: नगरीय संस्थाओं का कार्यकाल कितना होता है?
उत्तर: नगरीय संस्थाओं का कार्यकाल पाँच वर्ष का होता है।
प्रश्न: नगरपालिका और नगर निगम के सदस्यों को क्या कहा जाता है?
उत्तर: नगरपालिका और नगर निगम के सदस्यों को पार्षद कहा जाता है।
प्रश्न: स्थानीय संस्थाओं को राज्य सरकार से क्या प्राप्त होता है?
उत्तर: स्थानीय संस्थाओं को राज्य सरकार से अनुदान और वित्तीय सहायता प्राप्त होती है।
Long Questions Answer
प्रश्न: नगर पंचायत का गठन कैसे होता है?
उत्तर: नगर पंचायत का गठन उन नगरों में होता है जिनकी जनसंख्या 5,000 से 20,000 तक होती है।
नगर को वार्डों में बाँटा जाता है और प्रत्येक वार्ड से एक सदस्य चुना जाता है जिसे पार्षद कहते हैं।
अध्यक्ष का चुनाव जनता सीधे करती है और उपाध्यक्ष का चुनाव पार्षदों द्वारा किया जाता है।
प्रश्न: नगरपालिका का गठन और उसका कार्य बताइए।
उत्तर: जिन नगरों की जनसंख्या 20,000 से एक लाख तक होती है वहाँ नगरपालिका गठित की जाती है।
यह नगरों की सफाई, पानी, प्रकाश, स्वास्थ्य और शिक्षा से संबंधित कार्य करती है।
नगर परिषद का अध्यक्ष जनता द्वारा चुना जाता है।
प्रश्न: नगर निगम का गठन और उसका कार्य लिखिए।
उत्तर: जिन नगरों की जनसंख्या एक लाख से अधिक होती है वहाँ नगर निगम गठित किया जाता है।
नगर निगम बड़े शहरों के विकास, सड़क, सफाई, स्वास्थ्य और जल व्यवस्था जैसे कार्य करता है।
इसके अध्यक्ष को महापौर कहा जाता है और मुख्य अधिकारी निगम आयुक्त होता है।
प्रश्न: नगरीय संस्थाओं की आय के साधन बताइए।
उत्तर:
- मकान, जमीन और व्यापार पर कर लगाना।
- पानी, बिजली और प्रकाश के शुल्क से आय।
- अपनी संपत्ति से किराया प्राप्त करना।
- राज्य सरकार से अनुदान और सहायता।
- नियमों के उल्लंघन पर जुर्माने से आय।
प्रश्न: नगरीय संस्थाओं के अनिवार्य कार्य कौन-कौन से हैं?
उत्तर:
- नगर के सुव्यवस्थित विकास की योजना बनाना।
- सड़कों और पुलों की मरम्मत करना।
- पेयजल और प्रकाश की व्यवस्था करना।
- सफाई और गंदे पानी की निकासी करवाना।
- शिक्षा, स्वास्थ्य और पर्यावरण की देखभाल करना।
प्रश्न: नगरीय संस्थाओं के ऐच्छिक कार्य कौन-कौन से हैं?
उत्तर:
- नई सड़कों और भवनों का निर्माण।
- पुस्तकालय, चिड़ियाघर और धर्मशालाओं की व्यवस्था।
- वृद्ध आश्रम और विश्रामगृह बनवाना।
- शिशु कल्याण कार्यक्रमों को प्रोत्साहित करना।
प्रश्न: वार्ड, मेयर, अध्यक्ष और उपाध्यक्ष किसे कहते हैं?
उत्तर:
नगरों को छोटे भागों में बाँटा जाता है जिन्हें वार्ड कहते हैं।
नगर निगम के अध्यक्ष को मेयर (महापौर) और नगरपालिका के अध्यक्ष को अध्यक्ष कहा जाता है।
उनके सहायक अधिकारी को उपमहापौर या उपाध्यक्ष कहा जाता है।
प्रश्न: नगरों में स्थानीय संस्थाओं की आवश्यकता क्यों होती है?
उत्तर: नगरों की जनसंख्या अधिक होने से बिजली, पानी, सफाई और यातायात जैसी समस्याएँ बढ़ जाती हैं।
इन समस्याओं के समाधान के लिए स्थानीय संस्थाएँ बनाई गई हैं जो शहर के विकास के लिए कार्य करती हैं।
प्रश्न: नगरीय संस्थाओं के प्रशासनिक अधिकारियों की क्या भूमिका होती है?
उत्तर:
मुख्य नगर अधिकारी, मुख्य कार्यपालन अधिकारी और निगम आयुक्त प्रशासनिक कार्य संभालते हैं।
ये अधिकारी संस्थाओं के निर्णयों को लागू करवाते हैं और सभी विभागों का संचालन करते हैं।
प्रश्न: नगरीय संस्थाओं का महत्व बताइए।
उत्तर:
ये संस्थाएँ नगरों के विकास और नागरिकों के कल्याण के लिए कार्य करती हैं।
इनसे स्थानीय समस्याओं का समाधान जल्दी होता है और जनता की भागीदारी बढ़ती है।
इससे शहर स्वच्छ, सुन्दर और सुव्यवस्थित बनता है।

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