पारस्परिक निर्भरता
Short Questions Answer
प्रश्न: प्राचीन काल में मनुष्य की आवश्यकताएँ कैसी थीं?
उत्तर: प्राचीन काल में मनुष्य की आवश्यकताएँ बहुत सीमित थीं। वह अपनी जरूरतें स्वयं पूरी कर लेता था।
प्रश्न: मनुष्य की मूलभूत आवश्यकताएँ क्या हैं?
उत्तर: मनुष्य की मूलभूत आवश्यकताएँ भोजन, वस्त्र और आवास हैं।
प्रश्न: पारस्परिक निर्भरता किसे कहते हैं?
उत्तर: जब एक व्यक्ति या क्षेत्र अपनी जरूरतों की पूर्ति के लिए दूसरे पर निर्भर होता है, उसे पारस्परिक निर्भरता कहते हैं।
प्रश्न: शहर के लोग गाँव पर किस प्रकार निर्भर रहते हैं?
उत्तर: शहर के लोग गाँव से अनाज, फल, सब्जियाँ और दूध जैसी वस्तुएँ प्राप्त करते हैं।
प्रश्न: गाँव के लोग शहर पर किस प्रकार निर्भर रहते हैं?
उत्तर: गाँव के लोग शहर से कपड़े, साइकिल, रेडियो और कारखानों में बनी वस्तुएँ लाते हैं।
प्रश्न: एक क्षेत्र दूसरे क्षेत्र पर क्यों निर्भर होता है?
उत्तर: क्योंकि हर क्षेत्र में सभी चीजें नहीं बनतीं, इसलिए चीजें दूसरे क्षेत्र से मंगानी पड़ती हैं।
प्रश्न: भारत किन चीजों के लिए दूसरे देशों पर निर्भर है?
उत्तर: भारत पेट्रोलियम पदार्थ, हथियार और आधुनिक उपकरणों के लिए दूसरे देशों पर निर्भर है।
प्रश्न: भारत किन चीजों में आत्मनिर्भर है?
उत्तर: भारत मसालों, चाय, सीमेंट और तैयार कपड़ों में आत्मनिर्भर है।
प्रश्न: नागरिक जीवन किन बातों पर निर्भर करता है?
उत्तर: नागरिक जीवन परस्पर सहयोग और कर्तव्य पालन पर निर्भर करता है।
प्रश्न: विद्यालय में पारस्परिक निर्भरता कैसे दिखाई देती है?
उत्तर: विद्यालय में प्रधानाध्यापक, शिक्षक, छात्र और कर्मचारी मिलकर सहयोग करते हैं, जिससे विद्यालय सुचारु रूप से चलता है।
Long Questions Answer
प्रश्न: पारस्परिक निर्भरता किसे कहते हैं? समझाइए।
उत्तर: जब कोई व्यक्ति, क्षेत्र या देश अपनी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए दूसरों पर निर्भर रहता है, तो उसे पारस्परिक निर्भरता कहते हैं।
उदाहरण के लिए, शहर के लोग गाँव से अनाज, दूध और फल लेते हैं, वहीं गाँव के लोग शहर से कपड़े और औद्योगिक वस्तुएँ प्राप्त करते हैं।
इस प्रकार एक-दूसरे पर निर्भर रहना ही पारस्परिक निर्भरता है।
प्रश्न: पारस्परिक निर्भरता की आवश्यकता क्यों पड़ती है?
उत्तर: सभी वस्तुएँ एक ही स्थान पर नहीं बनतीं। एक क्षेत्र में अनाज उगता है तो दूसरे क्षेत्र में वस्त्र बनते हैं।
इस कारण लोग अपनी आवश्यक वस्तुएँ पाने के लिए एक-दूसरे से वस्तुओं का आदान-प्रदान करते हैं।
यही कारण है कि पारस्परिक निर्भरता की आवश्यकता होती है।
प्रश्न: गाँव और शहर के बीच पारस्परिक निर्भरता कैसी होती है?
उत्तर: गाँव और शहर दोनों एक-दूसरे के बिना नहीं चल सकते।
गाँव से शहरों को अनाज, दूध, फल और सब्जियाँ मिलती हैं, जबकि शहर से गाँव को कपड़े, औजार, मशीनें और कारखानों की बनी वस्तुएँ मिलती हैं।
इस तरह गाँव और शहर एक-दूसरे के पूरक हैं।
प्रश्न: एक क्षेत्र की दूसरे क्षेत्र पर निर्भरता क्यों होती है?
उत्तर: किसी एक क्षेत्र में सभी प्रकार की फसलें या वस्तुएँ नहीं बन पातीं।
जैसे एक स्थान पर गेहूँ उगता है, तो दूसरे पर चावल; कहीं साबुन बनता है तो कहीं खाद।
इसलिए एक क्षेत्र दूसरे क्षेत्र पर निर्भर रहता है ताकि सभी वस्तुएँ उपलब्ध हो सकें।
प्रश्न: दो देशों के मध्य पारस्परिक निर्भरता को उदाहरण सहित समझाइए।
उत्तर: कोई भी देश सभी आवश्यक वस्तुएँ स्वयं नहीं बना सकता।
उदाहरण के लिए, भारत पेट्रोलियम पदार्थ, हथियार और मशीनें दूसरे देशों से मँगाता है, जबकि मसाले, चाय, कपड़े आदि दूसरे देशों को भेजता है।
इस तरह देशों के बीच वस्तुओं का आदान-प्रदान पारस्परिक निर्भरता कहलाता है।
प्रश्न: नागरिक जीवन में पारस्परिक निर्भरता का क्या महत्व है?
उत्तर: नागरिक जीवन आपसी सहयोग पर आधारित है।
परिवार, विद्यालय और समाज में सभी लोग एक-दूसरे की सहायता करते हैं, जिससे जीवन सुखद और संगठित बनता है।
यही सहयोग नागरिक जीवन की नींव है।
प्रश्न: विद्यालय में पारस्परिक निर्भरता कैसे दिखाई देती है?
उत्तर: विद्यालय में प्रधानाध्यापक, शिक्षक, विद्यार्थी, भृत्य और मॉनीटर सभी मिलकर विद्यालय चलाते हैं।
यदि कोई एक कार्य न करे तो विद्यालय का कार्य प्रभावित होता है।
इसलिए विद्यालय में सभी एक-दूसरे पर निर्भर रहते हैं।
प्रश्न: एक देश के लिए आत्मनिर्भर होना क्यों जरूरी है?
उत्तर: आत्मनिर्भर देश अपनी आवश्यक वस्तुएँ स्वयं बनाता है और दूसरों पर कम निर्भर रहता है।
इससे देश की अर्थव्यवस्था मजबूत होती है और रोजगार के अवसर बढ़ते हैं।
प्रश्न: परस्पर सहयोग और कर्तव्य पालन से समाज पर क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर: जब सभी व्यक्ति अपने कर्तव्यों का पालन करते हैं और एक-दूसरे की सहायता करते हैं, तो समाज में एकता बनी रहती है।
इससे देश का विकास और लोगों का जीवन दोनों सुखद बनते हैं।
प्रश्न: पारस्परिक निर्भरता हमारे जीवन को कैसे प्रभावित करती है?
उत्तर: पारस्परिक निर्भरता से हमें यह समझने में मदद मिलती है कि कोई भी व्यक्ति या समाज अकेला नहीं रह सकता।
एक-दूसरे के सहयोग से ही जीवन सरल, संगठित और सुखमय बनता है।
यही सामाजिक जीवन की सबसे बड़ी विशेषता है।

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