हड़प्पा सभ्यता
Short Questions Answer
प्रश्न: हड़प्पा सभ्यता किन नदियों के किनारे विकसित हुई थी?
उत्तर: यह सभ्यता सिंधु नदी की घाटी में विकसित हुई थी।
प्रश्न: हड़प्पा सभ्यता की खोज किसने की थी?
उत्तर: हड़प्पा की खोज 1921 ई. में दयाराम साहनी ने की थी।
प्रश्न: हड़प्पा सभ्यता का प्रमुख सार्वजनिक स्थल कौन-सा था?
उत्तर: मोहनजोदड़ो का विशाल स्नानागार हड़प्पा सभ्यता का प्रमुख सार्वजनिक स्थल था।
प्रश्न: हड़प्पा सभ्यता के प्रमुख स्थल कौन-कौन से हैं?
उत्तर: हड़प्पा, मोहनजोदड़ो, कालीबंगा, लोथल, रोपड़, धौलावीरा आदि प्रमुख स्थल हैं।
प्रश्न: हड़प्पा सभ्यता के लोग कौन-कौन सी फसलें उगाते थे?
उत्तर: वे गेहूँ, जौ, सरसों, कपास, मटर और तिल की फसलें उगाते थे।
प्रश्न: हड़प्पा सभ्यता में किस पेड़ की पूजा की जाती थी?
उत्तर: हड़प्पा सभ्यता में पीपल के वृक्ष की पूजा की जाती थी।
प्रश्न: हड़प्पावासी किस धातु का सबसे अधिक प्रयोग करते थे?
उत्तर: वे ताँबा और टिन मिलाकर बने काँसे का प्रयोग करते थे।
प्रश्न: हड़प्पा सभ्यता की लिपि कैसी थी?
उत्तर: हड़प्पा सभ्यता की लिपि चित्रलिपि थी।
प्रश्न: हड़प्पा सभ्यता की प्रमुख नदी कौन सी थी?
उत्तर: सिंधु नदी हड़प्पा सभ्यता की जीवनदायिनी नदी थी।
प्रश्न: हड़प्पा सभ्यता की प्रमुख विशेषता क्या थी?
उत्तर: इस सभ्यता की प्रमुख विशेषता उसकी सुनियोजित नगर व्यवस्था और जल निकासी प्रणाली थी।
Long Questions Answer
प्रश्न: नदी घाटी सभ्यताएँ नदियों के किनारे ही क्यों विकसित हुईं?
उत्तर: नदियों के किनारे की मिट्टी उपजाऊ होती है, जिससे खेती करना आसान होता है।
यहाँ पानी, भोजन और आवागमन की सुविधा रहती है। इसी कारण प्राचीन सभ्यताएँ नदियों के किनारे विकसित हुईं।
प्रश्न: हड़प्पा सभ्यता की खोज कैसे हुई?
उत्तर: 1921 में दयाराम साहनी ने हड़प्पा में खुदाई की और नगर के भग्नावशेष पाए।
इसके बाद राखलदास बैनर्जी ने मोहनजोदड़ो की खुदाई की, जिससे पक्की नालियाँ और कमरे मिले।
इस प्रकार हड़प्पा सभ्यता की पहचान हुई।
प्रश्न: हड़प्पा सभ्यता के प्रमुख स्थल कौन-कौन से हैं?
उत्तर: पाकिस्तान में हड़प्पा, मोहनजोदड़ो, चंदूदड़ो; भारत में कालीबंगा, लोथल, रोपड़, धौलावीरा, बणावली और राखीगढ़ी प्रमुख स्थल हैं।
यह सभ्यता भारत के उत्तर-पश्चिमी भाग और पाकिस्तान तक फैली थी।
प्रश्न: हड़प्पा सभ्यता के नगरों की प्रमुख विशेषताएँ क्या थीं?
उत्तर: नगर सुनियोजित थे, सड़कों का जाल था जो एक-दूसरे को समकोण पर काटती थीं।
नालियाँ पक्की ईंटों की बनी थीं और उनकी सफाई के लिए मेनहोल बने थे।
मोहनजोदड़ो में विशाल स्नानागार और अनाज के कोठार मिले हैं।
प्रश्न: हड़प्पा सभ्यता के लोगों की कृषि व्यवस्था कैसी थी?
उत्तर: हड़प्पावासी गेहूँ, जौ, सरसों, मटर, कपास और तिल की फसलें उगाते थे।
वे बैल, गाय, बकरी, भेड़ और ऊँट पालते थे।
कालीबंगा में जुताई के प्रमाण मिले हैं जिससे ज्ञात होता है कि वे आधुनिक तरीके से खेती करते थे।
प्रश्न: हड़प्पा सभ्यता की शिल्पकला और तकनीकी ज्ञान पर प्रकाश डालिए।
उत्तर: हड़प्पावासी ताँबे और टिन से काँसा बनाते थे।
वे मिट्टी के बर्तन, खिलौने, मनके और धातु की मूर्तियाँ बनाते थे।
मोहनजोदड़ो की ‘काँसे की नर्तकी’ उनकी उत्कृष्ट मूर्तिकला का उदाहरण है।
प्रश्न: हड़प्पा सभ्यता के धार्मिक विश्वास क्या थे?
उत्तर: वे देवी की पूजा करते थे और पीपल वृक्ष को पवित्र मानते थे।
एक मुहर पर तीन सींगों वाला ध्यानरत देवता पाया गया है, जिसे पशुपति (शिव) माना गया।
हड़प्पावासी ताबीज पहनते थे और योग क्रियाओं को जानते थे।
प्रश्न: हड़प्पा सभ्यता की लिपि और लेखन प्रणाली कैसी थी?
उत्तर: हड़प्पावासी लेखन कला से परिचित थे।
उनकी लिपि चित्रलिपि थी जिसमें शब्दों को चित्रों या चिह्नों के रूप में लिखा जाता था।
यह लिपि आज तक पढ़ी नहीं जा सकी है।
प्रश्न: हड़प्पा सभ्यता के पतन के क्या कारण थे?
उत्तर:
- भूकम्प आने से सिंधु नदी का मार्ग बदल गया।
- वर्षा की कमी और रेगिस्तान बढ़ने से खेती प्रभावित हुई।
- संभवतः सिंधु नदी में आई बाढ़ से नगर नष्ट हो गए।
इन कारणों से यह सभ्यता समाप्त हो गई।
प्रश्न: हड़प्पा सभ्यता को विश्व की श्रेष्ठ सभ्यताओं में क्यों गिना जाता है?
उत्तर: इसकी नगर योजना, जल निकासी प्रणाली, ईंटों के मकान और स्वच्छता व्यवस्था विश्व में अद्वितीय थी।
हड़प्पावासी सभ्य, कुशल शिल्पकार और व्यवस्थित जीवन जीने वाले लोग थे, इसलिए इसे श्रेष्ठ सभ्यता माना जाता है।

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