शुंग, सातवाहन एवं कुषाणकाल
समय की स्थिति
- मौर्य साम्राज्य टूटने के बाद 200 ई.पू. से 300 ई. तक भारत में बहुत उथल-पुथल।
- कई छोटे राज्य बने: शुंग, कण्व, सातवाहन, नाग, कुषाण, चोल, पाण्डय, चेर, शक, हिन्द यूनानी।
- उत्तर भारत: शुंग, कण्व, शक, नाग, कुषाण, हिन्द यूनानी।
- दक्षिण भारत: सातवाहन, चोल, चेर, पाण्डय।
उत्तर भारत के राजवंश
- शुंग वंश:
- स्थापना: पुष्यमित्र शुंग ने (187 ई.पू.), मौर्य राजा बृहद्रथ की हत्या कर।
- दूसरी राजधानी: बेसनगर (विदिशा, मध्यप्रदेश)।
- यहां यवन राजदूत हेलियोडोरस का स्तंभ (खाम्बबाबा), वैष्णव धर्म अपनाया।
- प्राचीन विष्णु मंदिर के अवशेष, लुहांगी पहाड़ी पर स्तंभ।
- राजा: पुष्यमित्र, अग्निमित्र, वासुदेव, भागभद्र।
- शासन: 112 वर्ष, 10 राजा।
- कण्व वंश:
- स्थापना: वासुदेव कण्व ने, शुंग राजा देवभूति की हत्या कर।
- राजा: भूमिमित्र, नारायण, सुदर्शन।
- शक:
- उत्तर-पश्चिम से आए।
- पहला राजा: मोआ या मावेज।
- प्रसिद्ध: रुद्रदमन (उज्जैन राजधानी)।
- काम: नहरें, बांध, सिंचाई, कर माफ, प्रजा सुखी।
- सातवाहनों को हराकर आंध्र भगा।
- शासन: गुप्त काल तक।
- कुषाण:
- मूल: चीन, ई. सन् शुरू में भारत आए, गंगा मैदान पश्चिम तक।
- प्रसिद्ध: कनिष्क प्रथम।
- काम: धर्म, साहित्य, कला विकास।
- चौथी बौद्ध महासभा: कुंडलवन (कश्मीर), महायान शाखा मान्य, बुद्ध मूर्ति शुरू।
- शक संवत शुरू।
- नाग वंश:
- दूसरी शताब्दी अंत: विदिशा, पवाया, कुतवार, मथुरा।
- कुषाण कमजोर होने पर साम्राज्य बढ़ाया, विदेशियों को भगाया।
- हिन्द यूनानी:
- सिकंदर उत्तराधिकारी, उत्तर-पश्चिम, गंधार पर कब्जा।
- प्रसिद्ध: मिनांडर (मिलिंद), बौद्ध अपनाया।
- हेलियोडोरस: वैष्णव, बेसनगर गरुड़ स्तंभ।
दक्षिण भारत के राजवंश
- सातवाहन (आंध्रभृत्य):
- शुरू: नर्मदा उत्तर तक, शकों ने आंध्र धकेला।
- संस्थापक: सिमुक।
- प्रसिद्ध: सातकर्णी, गौतमी पुत्र सातकर्णी (सर्वाधिक विकास)।
- शकों से युद्ध, अंत: वशिष्ठ पुत्र ने शक कन्या से विवाह, शांति।
- काम: जंगल साफ, गांव बसाए, गोदावरी-कृष्णा घाटी सड़कें।
- व्यापार: ईरान, इराक, अरब, मिस्र।
- प्रशासन: सुव्यवस्थित, समृद्ध।
- साँची स्तूप तोरणद्वार, अभिलेख।
- चोल:
- क्षेत्र: तंजौर, तिरुचिरापल्ली (चोल मंडल)।
- प्रसिद्ध: कारिकाल (दूसरी शताब्दी)।
- काम: लंका आक्रमण, श्रमिक लाए, कावेरी बांध।
- राजधानी: उरैयूर से कावेरी पद्दिनाम।
- चेर:
- पश्चिम चोल, केरल मालाबार तट।
- अशोक अभिलेख में नाम।
- प्रसिद्ध: नेडुचेरलादान (वीर), कई राज्य जीते, रोम जहाजी बेड़ा पकड़ा।
- पाण्डय:
- दक्षिण चोल, मदुरै, तिनेवली।
- अशोक अभिलेख में नाम।
- एक राजा: रोम सम्राट अगस्टस को दूत भेजा।
- विद्या, व्यापार उन्नति।
जनजीवन
- ज्यादातर किसान, संयुक्त परिवार।
- वर्ण व्यवस्था: ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य, शुद्र महत्व।
- मनोरंजन: नृत्य, संगीत, काव्य।
- राजा शासन, व्यापार पर कर।
- उत्तर किसान समृद्ध (सिंधु-गंगा मैदान उपजाऊ)।
- दक्षिण: पहाड़ी, कम उपजाऊ, पशुपालन, तटीय व्यापार आसान।
रोमन व्यापार
- रोम जहाज: मालाबार, तमिलनाडु तट।
- भारत से: मसाले, कपड़े, कीमती पत्थर, बंदर, मोर।
- बदले: धन, सोना → दक्षिण धनवान।
समाज एवं धर्म
- उत्तर भारत: बौद्ध लोकप्रिय, भिक्षु शिक्षा देते।
- ग्रंथ: अश्वघोष, नागार्जुन।
- जैन को राजाश्रय।
- वैदिक: शिव, विष्णु भक्ति, यज्ञ कम।
- दक्षिण भारत: बौद्ध-जैन, लेकिन वैदिक देवता, अनुष्ठान।
- तमिल देवता: मुरुगन (पर्वत), समुद्र देवता।
- नया धर्म: ईसाई (ईसा मसीह), पश्चिम एशिया से, तिथि गणना: ई.पू./ईसवी।
संगम साहित्य
- दक्षिण: तीन कवि परिषद, तीसरी मदुरै (पाण्डय)।
- कवि, भाट रचनाएं: आठ पुस्तकें।
- वर्णन: कबीले सरदार, साधारण लोग जीवन।
विचारों का आदान-प्रदान
- भारतीय-विदेशी संपर्क: धर्म, कला, विज्ञान नए विचार।
- भारत-ईरान-पश्चिम एशिया संपर्क।
- भारतीय वस्तु विदेश, नगर महत्व: तक्षशिला, उज्जैन, मथुरा।
कला
- बौद्ध क्षेत्र उन्नति, सातवाहन काल।
- व्यापारी-कारीगर दान: चैत्य, स्तूप सजावट।
- स्तूप: भिक्षु अवशेष, पवित्र।
- साँची: वेदिका, तोरणद्वार।
- अमरावती, तक्षशिला, सारनाथ विहार।
- कार्ले, बेदसा, भाजा गुफा विहार।
- विदेशी कला: रोमन देवी-देवता मूर्ति।
- गांधार शैली: यूनानी风格, बुद्ध जीवन दृश्य, पंजाब-कश्मीर।
- मथुरा शैली: स्वतंत्र, बुद्ध मूर्तियां।
प्रमुख बिंदु
- 200 ई.पू.-300 ई. तक: कई वंश, साहित्य-कला उन्नति।
मानचित्र
- कुषाण, सातवाहन क्षेत्र: अरब सागर, हिंद महासागर, बंगाल खाड़ी।
चित्र
- साँची तोरण द्वार।
- चैत्य हाल (कार्ले)।
- गांधार बुद्ध प्रतिमा।

Leave a Reply