आदिमानव
मानव का क्रमिक विकास (Human Evolution)
- वैज्ञानिक खोजों से पता चला है कि लाखों वर्ष पूर्व पृथ्वी पर मानव का जन्म हुआ।
- प्रारंभिक मनुष्य चार पैरों पर चलता था और जंगलों में रहता था।
- वह पेड़ों की जड़ें, पत्तियाँ, फल-फूल और छोटे जानवरों का कच्चा मांस खाता था।
- वस्त्र नहीं पहनता था और खाने की तलाश में इधर-उधर घूमता रहता था।
धीरे-धीरे हुए परिवर्तन:
- मनुष्य गुफाओं या पेड़ों पर रहने लगा ताकि जंगली जानवरों से बच सके।
- दो पैरों पर चलने की आदत बनी, जिससे दो हाथ काम करने के लिए स्वतंत्र हो गए।
- अब वह हाथों से वस्तुएँ उठाने, तोड़ने, खोदने जैसे काम करने लगा।
- धीरे-धीरे सोचने की शक्ति, आवाज़ में स्पष्टता और शारीरिक बनावट में विकास हुआ।
आदिमानव का जीवन (Life of Early Man)
भोजन
- आदि मानव भोजन की तलाश में भटकता था।
- वह जानवरों का शिकार करता और कच्चा माँस खाता था।
- बाद में आग की खोज के बाद मांस को भूनकर खाने लगा।
वस्त्र और आभूषण
- वह वृक्षों की छाल, पत्तों और जानवरों की खाल से शरीर ढँकता था।
- लकड़ी, पत्थर, सीप, सींग, हड्डी और पंखों से आभूषण बनाता था।
- आज भी कई जनजातियाँ ऐसे ही आभूषण पहनती हैं।
निवास
- आदि मानव गुफाओं (शैलाश्रय) में रहता था।
- कुछ गुफाएँ इतनी बड़ी थीं कि सैकड़ों लोग उनमें रह सकते थे।
- गुफाओं की दीवारों पर बनाए गए चित्रों को शैलचित्र कहा गया है।
शैलचित्र स्थल:मध्यप्रदेश के भोपाल, विदिशा, रायसेन, सीहोर, होशंगाबाद, जबलपुर, मंदसौर, सागर, गुना, कटनी आदि जिलों में पाए गए हैं।
पाषाण युग (Stone Age)
पत्थरों के औजारों के आधार पर पाषाण युग को चार भागों में बाँटा गया है –
- पुरा पाषाण युग:
- बड़े-बड़े पत्थरों को तोड़कर औजार बनाए जाते थे।
- औजार भारी और मोटे होते थे।
- मध्य पाषाण युग:
- औजार छोटे और पैने बनाये जाने लगे।
- पत्थरों के फलक निकालकर मनचाहा आकार दिया जाता था।
- हथियारों में लकड़ी के हत्थे जोड़ना सीखा गया।
- उत्तर पाषाण युग:
- कड़े पत्थरों से अधिक धारदार हथियार बनाए गए।
- ये बाणों और कुल्हाड़ियों के भाग में लगाए जाते थे।
- यह काल लगभग 25,000 ई.पू. से 30,000 ई.पू. का माना गया।
- नव पाषाण युग:
- चिकनी पत्थर की कुल्हाड़ियाँ और हाथ के बने बर्तन मिलने लगे।
- झोपड़ियों के निर्माण स्थल मिले।
- यह काल लगभग 2500 ई.पू. का माना गया।
- इसी काल से सिंधु सभ्यता का विकास आरंभ हुआ।
आग की खोज (Discovery of Fire)
आग मानव की पहली सबसे बड़ी खोज थी।
कैसे हुई:
- जब उसने दो सूखी लकड़ियों को रगड़ा या दो पत्थरों को टकराया, तब चिंगारी और आग उत्पन्न हुई।
लाभ:
- मांस को भूनकर खाने लगा।
- प्रकाश और गर्मी पाने लगा।
- आग जलाकर जंगली जानवरों से सुरक्षा करने लगा।
पशुपालन और कृषि (Animal Rearing & Farming)
- नवपाषाण युग में पशुपालन और खेती की शुरुआत हुई।
- वह जान गया कि बीजों से नए पौधे उगते हैं।
- अब उसे भोजन की तलाश में भटकने की आवश्यकता नहीं रही।
प्रमुख उपयोगी पशु:
| कार्य | पशु |
|---|---|
| शिकार में सहायता | कुत्ता |
| खेती में सहायता | बैल |
| दूध प्राप्ति | गाय, भैंस, बकरी |
| मांस प्राप्ति | बकरा, भेड़ |
| सवारी | बैल, भैंसा, घोड़ा, ऊँट |
भारत में कृषि की शुरुआत लगभग 10,000 वर्ष पूर्व हुई मानी जाती है।
पहिए की खोज (Invention of Wheel)
पहिए की खोज मानव जीवन की बहुत बड़ी उपलब्धि थी।
लाभ:
- भारी वस्तुओं को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने में सुविधा।
- कुएँ से पानी खींचने में सहायता।
- चाक पर मिट्टी के बर्तन बनाने में आसानी।
- पशु-गाड़ियों का निर्माण संभव हुआ।
- इस खोज से मानव की गति और प्रगति दोनों बढ़ीं।

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