नगरीय संस्थाएँ
नगरों की विशेषताएं
- उद्योग, व्यापार, क्रियाकलाप।
- दूरदराज लोग आकर्षित → बसते हैं → जनसंख्या बढ़ती।
- जरूरत: घर, बिजली, पीने पानी, यातायात।
- समस्याएं: गांवों से भिन्न।
- स्वशासी संस्थाओं को अधिक धन-अधिकार जरूरी।
- नामाएँ: नगर पंचायत, नगर पालिका, नगर निगम (शहरी स्थानीय संस्थाएं)।
नगर पंचायत
- क्षेत्र-जनसंख्या: गांव से बड़ा, शहर से छोटा।
- शहरी जनसंख्या की सबसे छोटी इकाई।
- प्रत्येक नगर में एक, निर्वाचित। गठन:
- जनसंख्या: 5,000 से 20,000।
- क्षेत्र → वार्ड।
- प्रत्येक वार्ड: पार्षद (मतदाताओं द्वारा चुना)।
- वार्ड संख्या: 15 से 40।
- अध्यक्ष: जनता द्वारा सीधे।
- उपाध्यक्ष: पार्षदों द्वारा (पार्षदों में से)।
- बैठक अध्यक्षता।
- एल्डरमैन: अनुभवी व्यक्ति (पार्षद चुनते), सलाह देते, मत नहीं।
- मुख्य प्रशासनिक अधिकारी: मुख्य नगर पालिका अधिकारी → निर्णय पालन।
- पार्षद योग्यता: स्थानीय निवासी, 21+ वर्ष, मतदान अधिकार।
नगरपालिका (नगर परिषद/नगर बोर्ड)
- शहर: नगरों से बड़े। गठन:
- जनसंख्या: 20,000 से अधिक, 1 लाख से कम।
- वार्ड: 15 से 40।
- पार्षद: प्रत्येक वार्ड से।
- अध्यक्ष: जनता द्वारा सीधे।
- उपाध्यक्ष: पार्षदों द्वारा।
- बैठक नियमित।
- मुख्य कार्यपालन अधिकारी: राज्य शासन नियुक्त → निर्णय लागू।
- पहली: 17वीं शताब्दी, मद्रास प्रेसिडेंसीनगर।
- स्वतंत्रता समय: 3 (मद्रास, मुम्बई, कोलकाता)।
नगर निगम
- बड़े शहर। गठन:
- जनसंख्या: 1 लाख से अधिक।
- क्षेत्र → वार्ड → पार्षद।
- सदस्य संख्या: 50 से 150।
- एल्डरमैन: अनुभवी, सलाह।
- सदस्य योग्यता: 21+ वर्ष, क्षेत्र मतदाता।
- अध्यक्ष: महापौर/मेयर (जनता द्वारा सीधे)।
- उपमहापौर: पार्षदों द्वारा।
- प्रमुख अधिकारी: निगम आयुक्त (भारतीय/राज्य प्रशासनिक सेवा वरिष्ठ) → निर्णय लागू।
- विशेषज्ञ: डॉक्टर, इंजीनियर, शिक्षा।
- समितियां: नगरीय विकास, अपने अध्यक्ष।
- कार्यकाल: 5 वर्ष (सभी)।
- आरक्षण: महिलाएं, अनुसूचित जाति-जनजाति, पिछड़ा वर्ग।
आय के साधन (सभी)
- संपत्ति कर: मकान, जमीन।
- व्यापार, व्यवसाय, वाहन कर।
- पानी-रोशनी शुल्क।
- स्वयं संपत्ति किराया: भवन, दुकान।
- राज्य अनुदान, वित्तीय सहायता।
- जुर्माना राशि।
कार्य (सभी)
अनिवार्य:
- सुव्यस्थित विकास योजना।
- भवन निर्माण, भूमि उपयोग स्वीकृति।
- सामाजिक-आर्थिक विकास योजना।
- सड़क-पुल रख-रखाव।
- प्रकाश, पेयजल।
- गंदा पानी निकास, नाली निर्माण-सफाई।
- स्वास्थ्य-शिक्षा।
- पर्यावरण सुरक्षा, पार्क, वृक्षारोपण।
- खेलकूद-मनोरंजन स्थान।
- कमजोर वर्ग, विकलांग, मानसिक कमजोर सुरक्षा।
- झोपड़पट्टी सुविधा, गरीबी उन्मूलन।
- जन्म-मृत्यु पंजीयन।
- श्मशान, कब्रिस्तान स्थान।
- आवारा पशु रोकथाम।
- अग्निशमन।
ऐच्छिक:
- नई सड़क-भवन निर्माण।
- पुस्तकालय, वाचनालय, चिड़ियाघर।
- धर्मशाला, विश्रामगृह, वृद्ध आश्रम निर्माण-प्रबंधन।
- शिशु कल्याण प्रोत्साहन।
मुख्य बिंदु
- उद्योग-व्यापार नगरों में।
- पार्षद: नगरपालिका-निगम सदस्य।
- महापौर/मेयर: नगर निगम अध्यक्ष।
- निगम आयुक्त: सबसे बड़ा प्रशासनिक।
- विकास-नागरिक कल्याण कार्य।

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