परिवार एवं समाज
सीखने योग्य बातें
- व्यक्ति और परिवार क्या हैं?
- समाज कैसे बनता है?
- परिवार और समाज का आपसी संबंध क्या है?
व्यक्ति (Individual)
- व्यक्ति परिवार की एक इकाई है।
- व्यक्ति परिवार में रहते हुए पलता-बढ़ता है और अपना विकास करता है।
- जब व्यक्ति अकेला रहता है तो उसे असुरक्षा और अकेलापन महसूस होता है।
- समाज में व्यक्ति राजनेता, अध्यापक, चिकित्सक, कृषक, श्रमिक, न्यायाधीश आदि रूपों में कार्य कर अपनी पहचान बनाता है।
- व्यक्ति के गुण, व्यवहार, भोजन, वस्त्र, और आवास से उसकी व्यक्तिगत विशेषताएँ पहचानी जाती हैं।
परिवार (Family)
परिवार क्या है?
- रक्त संबंध या रिश्तेदारी के आधार पर एक साथ रहने वाले लोगों का समूह परिवार कहलाता है।
- परिवार में सभी एक-दूसरे की सहायता, देखभाल और मार्गदर्शन करते हैं।
- परिवार में रहकर व्यक्ति को सुरक्षा, प्रेम, शिक्षा और संस्कार मिलते हैं।
परिवार के प्रकार:
- एकल परिवार (Nuclear Family):
- इसमें केवल पति-पत्नी और उनके बच्चे रहते हैं।
- संयुक्त परिवार (Joint Family):
- इसमें पति-पत्नी, बच्चे, दादा-दादी, चाचा-चाची आदि साथ रहते हैं।
परिवार के लाभ:
- परिवार में रहने से सुरक्षा का भाव पैदा होता है।
- बुजुर्गों का स्नेह और मार्गदर्शन बच्चों को मिलता है।
- माता को प्रथम गुरु कहा गया है, क्योंकि वह बच्चे को घर में पहली शिक्षा देती है।
- परिवार बच्चों की स्वास्थ्य, शिक्षा और सफाई का ध्यान रखता है।
- छोटे सदस्य वृद्धजनों की सेवा और बड़ों का आदर करते हैं।
छोटा परिवार को आदर्श परिवार माना गया है। विद्यालय को भी एक परिवार के समान कहा जा सकता है।
समाज (Society)
समाज क्या है?
- कई परिवार मिलकर समाज का निर्माण करते हैं।
- परिवार समाज की सबसे छोटी इकाई है।
- समाज में रहने वाले लोगों के खान-पान, रहन-सहन, रीति-रिवाज और परम्पराएँ लगभग समान होती हैं।
समाज की विशेषताएँ:
- समाज में लोगों के बीच आपसी सहयोग और निर्भरता होती है।
- समाज की अपनी संरचना, संगठन और संस्थाएँ होती हैं।
- समाज में हर व्यक्ति की भूमिका और जिम्मेदारी होती है।
- समाज एक व्यवस्था है जो सभी को जोड़कर रखती है।
सामाजिक संबंध (Social Relations)
- केवल थोड़ी देर की मुलाकात या बातचीत से सामाजिक संबंध नहीं बनते।
- जब लोग एक-दूसरे के सुख-दुःख में शामिल होते हैं और स्थायी संपर्क बनाए रखते हैं, तभी सामाजिक संबंध बनते हैं।
- समाज इन्हीं स्थायी संबंधों के जाल से बना है।
समाज का निर्माण (Formation of Society)
- अनेक परिवारों के आपसी संबंधों से समाज बनता है।
- समाजशास्त्रियों के अनुसार समाज संबंधों का एक जाल है।
- मनुष्य सामाजिक प्राणी है, इसलिए वह परिवार और समाज दोनों से जुड़कर रहता है।
समाज की भूमिका:
- समाज के सदस्य विवाह, बच्चों की शिक्षा, और परिवार से जुड़ी समस्याओं पर राय और सहायता देते हैं।
- एक उन्नत समाज में लोगों में सहयोग, विचारों का सम्मान और सही-गलत का निर्णय करने की क्षमता होती है।
शिक्षित और जागरूक समाज
- शिक्षित समाज सामाजिक बुराइयों पर नियंत्रण लगा सकता है जैसे –
- बाल विवाह
- दहेज प्रथा
- अशिक्षा
- अधिक संतान होना
- बच्चों को शिक्षा न देना
- जागरूक समाज के लोग मिलकर संगठन बनाते हैं और नई सामाजिक प्रवृत्तियों को आगे बढ़ाते हैं।
परिवार और समाज का संबंध
- व्यक्ति, परिवार और समाज तीनों एक-दूसरे पर निर्भर हैं।
- परिवार व्यक्ति को संस्कार देता है, और वही व्यक्ति समाज में अपना योगदान देता है।
- समाज व्यक्ति को जीवन के अवसर, सहयोग और सुरक्षा देता है।
- इस प्रकार परिवार और समाज के बीच अटूट संबंध होता है।

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