पृथ्वी के परिमण्डल
परिचय
- पृथ्वी सौरमण्डल का एकमात्र ग्रह है जिस पर जीवन पाया जाता है, इसलिए इसे अनोखा ग्रह कहते हैं।
- पृथ्वी पर भूमि, जल और वायु पाए जाते हैं, जिससे जीवन संभव हुआ है।
पृथ्वी के मुख्य परिमण्डल
- स्थलमण्डल (Lithosphere)
- जलमण्डल (Hydrosphere)
- वायुमण्डल (Atmosphere)
- जैवमण्डल (Biosphere)
पृथ्वी पर जल एवं स्थल का अनुपात
- पृथ्वी का लगभग 29% भाग भूमि (थल) है।
- और लगभग 71% भाग जल से ढका हुआ है।
- इस प्रकार जल भूमि से लगभग तीन गुना अधिक है।
- स्थल के बड़े भूभागों को महाद्वीप और जल के बड़े विस्तार को महासागर कहा जाता है।
(1) स्थलमण्डल (Lithosphere)
परिभाषा:
“पृथ्वी का वह समस्त भू-भाग जो कठोर और नरम शैलों (चट्टानों) से बना है, स्थलमण्डल कहलाता है।”
- इसमें पृथ्वी की ऊपरी सतह के सभी छोटे-बड़े भूखंड सम्मिलित हैं।
- छोटे भूखंड जिनके चारों ओर जल हो, उन्हें द्वीप, और विशाल भूखंडों को महाद्वीप कहते हैं।
- पृथ्वी का धरातल समतल नहीं है, यह कहीं ऊँचा तो कहीं नीचा है।
- धरातल की इन विभिन्न आकृतियों को पर्वत, पठार और मैदान कहा जाता है।
(क) पर्वत (Mountains)
- अपने आसपास के क्षेत्र से बहुत ऊँचे भाग को पर्वत कहते हैं।
- पर्वतों की ढाल तीव्र होती है और इनमें ऊँची चोटियाँ तथा गहरी खाइयाँ होती हैं।
- पर्वतों के समूह को पर्वत श्रेणी कहा जाता है।
- पर्वत श्रेणियाँ हजारों किलोमीटर तक फैली होती हैं।
उदाहरण:
- संसार की सबसे ऊँची पर्वत श्रेणी – हिमालय पर्वत श्रेणी (भारत के उत्तर में)।
- मध्यप्रदेश की प्रमुख पर्वत श्रेणियाँ – विंध्याचल और सतपुड़ा।
(ख) पठार (Plateaus)
- ऊँचे उठे हुए भू-भाग जिनकी ऊपरी सतह लगभग समतल या हल्की ऊँची-नीची होती है, उन्हें पठार कहते हैं।
- पठार के किनारों को कगार कहा जाता है।
- पठार सामान्यतः आसपास की भूमि से एकदम उठे हुए दिखाई देते हैं।
उदाहरण:
- हमारे देश का प्रसिद्ध पठार – दक्कन का पठार।
(ग) मैदान (Plains)
- पृथ्वी के वे निचले और समतल भाग जो सपाट होते हैं, उन्हें मैदान कहा जाता है।
- मैदान नदियों द्वारा लाई गई मिट्टी, कंकड़, बालू और पत्थर से बने होते हैं।
- ये क्षेत्र बहुत उपजाऊ होते हैं, इसलिए इन पर अधिक जनसंख्या रहती है।
उदाहरण:
- भारत का गंगा-यमुना का मैदान।
- चीन का व्हांगहो-यांगटीसीक्यांग मैदान।
- उत्तरी अमेरिका का मिसीसिपी-मिसौरी मैदान।
(2) जलमण्डल (Hydrosphere)
परिभाषा:
“पृथ्वी का वह समस्त भाग जो जल से ढका है, जलमण्डल कहलाता है।”
- पृथ्वी के दो-तिहाई भाग पर जल है।
- जल महासागर, सागर, झील, नदियों आदि में फैला हुआ है।
- इन सभी जल स्रोतों को मिलाकर जलमण्डल कहा जाता है।
- जलमण्डल से ही हमें बादल, वर्षा और हिम (बर्फ) प्राप्त होते हैं।
- सागरों का जल खारा होता है जबकि नदियों और झीलों का जल मीठा होता है।
सबसे बड़ा महासागर:
- प्रशांत महासागर – सबसे बड़ा और सबसे गहरा महासागर।
(3) वायुमण्डल (Atmosphere)
परिभाषा:
“पृथ्वी के चारों ओर फैला वायु का आवरण जो विभिन्न गैसों के मिश्रण से बना है, वायुमण्डल कहलाता है।”
- यह आवरण धरातल से लगभग 1600 किलोमीटर ऊँचाई तक फैला हुआ है।
- धरातल के निकट वायु घनी होती है और ऊँचाई बढ़ने पर वायु की मात्रा कम होती जाती है।
- इस कारण पहाड़ों पर साँस लेने में कठिनाई होती है।
- वायुमण्डल पृथ्वी के लिए कंबल का कार्य करता है और हमें सूर्य की तेज किरणों से बचाता है।
वायुमण्डल में पाई जाने वाली गैसें:
| गैस | प्रतिशत (%) |
|---|---|
| नाइट्रोजन (Nitrogen) | 78.1 |
| ऑक्सीजन (Oxygen) | 20.9 |
| आर्गन (Argon) | 0.09 |
| कार्बन-डाईऑक्साइड (CO₂) | 0.03 |
| जलवाष्प व अन्य गैसें | 0.02 |
(4) जैवमण्डल (Biosphere)
परिभाषा:
“जीवों का वह मंडल जो स्थल, जल और वायुमंडल में पाया जाता है, जैवमण्डल कहलाता है।”
- स्थलमण्डल, जलमण्डल और वायुमण्डल मिलकर प्राकृतिक पर्यावरण बनाते हैं।
- इसी पर्यावरण में जीव-जंतु और पेड़-पौधे जीवित रहते हैं।
जैवमण्डल के दो भाग:
- प्राणी जगत (Animal Kingdom)
- लगभग 10 लाख जातियाँ – सूक्ष्म जीवाणु से लेकर हाथी और व्हेल मछली तक।
- वनस्पति जगत (Plant Kingdom)
- लगभग 3 लाख जातियाँ – सूक्ष्म फफूंदी से लेकर विशाल वृक्ष तक।
जैवमण्डल की विशेषताएँ
- जैवमण्डल अंग्रेजी के शब्द ‘बायोस्फीयर’ (Biosphere) से बना है।
- “बायो” का अर्थ है जीवन, इसलिए इसे जीवन क्षेत्र कहते हैं।
- यहाँ भूमि, वायु और जल एक-दूसरे के संपर्क में रहते हैं।
- पृथ्वी का समस्त जीवन इसी क्षेत्र में पाया जाता है -यह समुद्र तल से कुछ किलोमीटर नीचे और ऊपर तक फैला होता है।
परिमण्डलों की पारस्परिक निर्भरता
- पृथ्वी के सभी परिमण्डल – स्थलमण्डल, जलमण्डल, वायुमण्डल और जैवमण्डल –एक-दूसरे पर निर्भर हैं और एक-दूसरे को प्रभावित करते हैं।
- मानव भी इन परिमण्डलों को प्रभावित करने वाला मुख्य घटक है।
उदाहरण:
- अधिक जनसंख्या के कारण वनों की कटाई की जाती है।
- पेड़ कटने से मृदा अपरदन (soil erosion) बढ़ता है और ऑक्सीजन की कमी होती है।
- इससे जैवमण्डल का संतुलन बिगड़ता है।
इन सभी के आपसी संबंध और संतुलन को पारिस्थितिक तंत्र (Ecosystem) कहा जाता है।
महत्वपूर्ण बिंदु
- पृथ्वी पर चार परिमण्डल हैं – स्थलमण्डल, जलमण्डल, वायुमण्डल और जैवमण्डल।
- स्थलमण्डल – कठोर चट्टानों से बना भूमि भाग।
- जलमण्डल – पृथ्वी का जल वाला भाग।
- वायुमण्डल – गैसों का मिश्रण जो पृथ्वी को चारों ओर से घेरे हुए है।
- जैवमण्डल – जहाँ जीव-जंतु और वनस्पति पाए जाते हैं।
- सभी परिमण्डल एक-दूसरे पर निर्भर हैं।
- पारिस्थितिक तंत्र – इन परिमण्डलों के बीच संतुलन बनाए रखने की व्यवस्था।

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