Short Questions
1. प्रश्न: कवि अपनी मुट्ठी में क्या बाँधना चाहता है?
उत्तर: कवि अपनी मुट्ठी में तकदीर (भाग्य) बाँधना चाहता है।
2. प्रश्न: कवि सीना तानकर किस प्रकार खड़े होना चाहता है?
उत्तर: कवि पर्वत की तरह सिर ऊँचा करके सीना तानकर खड़े होना चाहता है।
3. प्रश्न: कविता में ‘माँ’ का संबोधन किसके लिए है?
उत्तर: ‘माँ’ का संबोधन ईश्वर या माता के लिए है।
4. प्रश्न: कवि नन्हें हाथों को कहाँ तक पहुँचाना चाहता है?
उत्तर: कवि नन्हें हाथों को सपनों तक पहुँचाना चाहता है।
5. प्रश्न: ‘आँधी से हों’ का क्या अर्थ है?
उत्तर: ‘आँधी से हों’ का अर्थ है आँधी की तरह सघन और शक्तिशाली होना।
6. प्रश्न: कवि प्यासे को देखकर क्या करना चाहता है?
उत्तर: कवि प्यासे को देखकर सावन की तरह घिर आना चाहता है।
7. प्रश्न: ‘मुसीबत’ शब्द का अर्थ क्या है?
उत्तर: ‘मुसीबत’ का अर्थ है कठिनाई या संकट।
8. प्रश्न: कवि किस तरह के लोगों का दुख हरना चाहता है?
उत्तर: कवि दीन और दुखियों का दुख हरना चाहता है।
9. प्रश्न: ‘सागर’ का पर्यायवाची शब्द क्या है?
उत्तर: सागर के पर्यायवाची शब्द हैं समुद्र और नद।
10. प्रश्न: ‘ऊँचा’ शब्द का विलोम शब्द क्या है?
उत्तर: ‘ऊँचा’ का विलोम शब्द है नीचा।
Long Questions
1. प्रश्न: कवि माँ से क्या-क्या प्रार्थना करता है?
उत्तर: कवि माँ से प्रार्थना करता है कि वह तन, मन और बुद्धि से बड़ा हो, कठिन काम को आसानी से कर दिखाए, और नन्हें हाथों को सपनों तक पहुँचाने का प्रसाद दे। वह दुखियों का दुख हरने की शक्ति भी माँगता है।
2. प्रश्न: ‘सावन से घिर आएँ’ का क्या तात्पर्य है?
उत्तर: ‘सावन से घिर आएँ’ का अर्थ है कि प्यासे लोगों की मदद के लिए कवि सावन की तरह उदार और दयालु बनना चाहता है। वह दूसरों को राहत देने के लिए तैयार रहना चाहता है।
3. प्रश्न: कवि नन्हें हाथों को कहाँ तक पहुँचाना चाहता है?
उत्तर: कवि नन्हें हाथों को उन लक्ष्यों तक पहुँचाना चाहता है, जिन्हें लोग सपना कहते हैं। वह चाहता है कि ये हाथ असंभव को संभव बनाएँ।
4. प्रश्न: इस कविता का भावार्थ क्या है?
उत्तर: कविता में कवि ईश्वर से प्रार्थना करता है कि वह शक्तिशाली, दयालु और साहसी बने, कठिनाइयों को दूर करे, और दूसरों के दुख हरे। वह अपने सपनों को साकार करने और समाज की भलाई के लिए समर्पित रहना चाहता है।
5. प्रश्न: कवि थके हुए लोगों के लिए क्या करना चाहता है?
उत्तर: कवि थके हुए लोगों के लिए हवा की तरह सदा बहना चाहता है। वह उनके लिए सहारा बनना और उनके दुख-सुख को चुपचाप सहना चाहता है।
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