MCQ नीति के दोहे Chapter 7 हिंदी भाषा भारती Class 7 Hindi Bhasha Bharati MP Board 1. कवि के अनुसार संसार किसके समान है?गुलाब फूलकमल फूलसेमल फूलआम फूलQuestion 1 of 202. "करता था सो क्यों किया..." पंक्ति में किस पेड़ का उल्लेख है?नीमबबूलपीपलआमQuestion 2 of 203. निंदक को कहाँ रखना चाहिए?पासदूरमंदिर मेंसभा से बाहरQuestion 3 of 204. निंदक क्या करता है?धन देता हैबिना साबुन-पानी स्वभाव को निर्मल करता हैशत्रु बना देता हैदुखी करता हैQuestion 4 of 205. "अति का भला न बरसना" का भाव क्या है?अधिक वर्षा अच्छी हैअति सर्वत्र वर्जित हैकम बोलना बुरा हैवर्षा शुभ हैQuestion 5 of 206. "तरुवर फल नहिं खात हैं..." पंक्ति किस कवि की है?कबीरतुलसीदासरहीमवृन्दQuestion 6 of 207. रहीम ने किसकी तुलना हीरे से की है?सोनाचाँदीबड़ा व्यक्तिनिंदकQuestion 7 of 208. "एकै साधे सब सधै" से क्या तात्पर्य है?एक काम करने से सब काम सफल हो जाते हैंसब काम कठिन हैंमेहनत बेकार हैसब कुछ ईश्वर पर हैQuestion 8 of 209. तुलसीदास ने शरीर को किससे तुलना की है?खेतबगीचाघरमंदिरQuestion 9 of 2010. मनसा की तुलना तुलसीदास ने किससे की है?सैनिककिसानबीजमजदूरQuestion 10 of 2011. "सज्जन तजत न सजनता..." किस कवि का दोहा है?कबीरतुलसीवृन्दरहीमQuestion 11 of 2012. सज्जन व्यक्ति की तुलना किससे की गई है?बबूलहीराचन्दनकोयलQuestion 12 of 2013. रसरी (रस्सी) सिल पर निशान क्यों छोड़ती है?उसके भारी होने सेलगातार अभ्यास सेधारदार होने सेगीली होने सेQuestion 13 of 2014. "जड़मति होत सुजान" पंक्ति का भाव है?मूर्ख हमेशा मूर्ख रहता हैअभ्यास से मूर्ख भी ज्ञानी बन सकता हैमूर्खता का इलाज नहीं हैईश्वर की कृपा चाहिएQuestion 14 of 2015. "मिथ्या माहुर सज्जनहि..." किस कवि का दोहा है?तुलसीदासरहीमकबीरवृन्दQuestion 15 of 2016. कवि के अनुसार संत किसकी तरह होते हैं?हंसबगुलाकोयलकबूतरQuestion 16 of 2017. "हंस गुन गहहि पय" का आशय क्या है?हंस विष पीता हैहंस जल छोड़कर दूध ग्रहण करता हैहंस शोर करता हैहंस उड़ जाता हैQuestion 17 of 2018. विद्या-धन किसके बिना व्यर्थ है?साहसउद्यमधनबलQuestion 18 of 2019. "बिना डुलाए न मिलै..." पंक्ति में किससे तुलना की गई है?पानीपंखापत्थरबीजQuestion 19 of 2020. "रसरी आवत-जात तें..." में क्या संदेश है?साहस बेकार हैनिरंतर अभ्यास से कठिन कार्य संभव हैप्रयास न करोकर्महीन रहोQuestion 20 of 20 Loading...
Leave a Reply