लेखक: श्रीनिवास वत्स
उद्देश्य (आइए सीखें)
- हास्य और व्यंग्य को पढ़ना और समझना।
- मुहावरों का अर्थ समझकर वाक्यों में उनका प्रयोग करना।
- आगत (उधार लिए गए) शब्दों को समझना।
- सही-सही विराम चिह्नों का प्रयोग करना।
निबंध का सारांश
यह निबंध हास्य और व्यंग्य शैली में दाँतों के महत्व को बताता है। लेखक ने शरीर के अंगों का विश्लेषण करके निष्कर्ष निकाला कि दाँत सबसे महत्वपूर्ण अंग हैं। वे कहते हैं कि बाल केवल सजावट हैं और आँखें भी उतनी जरूरी नहीं, क्योंकि दुनिया में छल-कपट और अन्याय देखकर मन दुखी होता है। लेकिन दाँतों के बिना जीवन निरर्थक है। दाँत न केवल खाने में मदद करते हैं, बल्कि हँसने, रोने, और दूसरों को प्रभावित करने में भी महत्वपूर्ण हैं। लेखक मजाकिया अंदाज में कहते हैं कि दाँतों की संख्या सबसे ज्यादा होती है और वे मनुष्य को शक्तिशाली बनाते हैं। अंत में, वे प्रार्थना करते हैं कि भगवान उनकी आँखें या टाँग तोड़ दें, लेकिन दाँत सलामत रखें।
निबंध की मुख्य बातें
1. शरीर के अंगों का विश्लेषण:
- लेखक ने शरीर के सभी अंगों का अध्ययन किया और पाया कि कुछ अंग, जैसे बाल, केवल सजावट के लिए हैं।
- गंजे व्यक्ति की कार्यक्षमता बालों वाले से कम नहीं होती।
2. आँखों का महत्व:
- लोग कहते हैं, “आँखें हैं तो जहान है,” लेकिन लेखक इसे कम महत्वपूर्ण मानते हैं।
- आँखों से छल-कपट, शोषण, और अन्याय देखकर मन दुखी होता है।
- अगर आँखें न हों, तो भी जीवन चल सकता है।
3. दाँतों का महत्व:
- लेखक के अनुसार, “दाँत हैं तो जहान है।”
- दाँत न हों तो मनुष्य का जीवन निरर्थक है, जैसे साँप या कुत्ता बिना दाँतों के डरावना नहीं रहता।
- दाँत मनोवैज्ञानिक प्रभाव डालते हैं और लोगों को डराने या प्रभावित करने में मदद करते हैं।
4. लंबे दाँतों का लाभ:
- लंबे दाँतों वाले व्यक्ति को लेखक अधिक आदर देता है, क्योंकि उनके चेहरे से हँसी या रोना समझना मुश्किल होता है।
- खुशी या शोक में लंबे दाँत स्वतः भावनाएँ व्यक्त करते हैं।
5. हाथी के दाँत:
- हाथी के पास खाने और दिखाने के अलग-अलग दाँत होते हैं, जो दाँतों के महत्व को दर्शाता है।
- मनुष्य ने शायद हाथी से प्रेरणा लेकर दाँतों का महत्व समझा।
6. दाँतों के अन्य उपयोग:
- कुछ माँगने से पहले दाँत दिखाकर मुस्कुराना पड़ता है।
- आश्चर्य में दाँतों तले उँगली दबाना और ठंड में दाँत किटकिटाना दाँतों की जरूरत को दर्शाता है।
- दाँतों में सोने-चाँदी के तार लगवाना उनके महत्व को दिखाता है।
7. दाँतों के प्रकार:
- मुँह में समाने वाले दाँत, जो कभी-कभी ओठों से बाहर झाँकते हैं।
- लंबे दाँत (दीर्घदन्त), जो ओठों से बाहर रहते हैं।
8. दाँत और बोलना:
- जीभ बोलने के लिए जिम्मेदार है, लेकिन दाँतों के डर से सही बोलती है।
- दाँत टूटने पर शब्द अशुद्ध निकलते हैं।
9. लड़ाई में दाँत:
- झगड़े में लोग पहले दाँत तोड़ने की बात करते हैं, जो दाँतों के महत्व को दर्शाता है।
10. प्रार्थना:
- लेखक प्रार्थना करते हैं कि भगवान उनकी आँखें या टाँग तोड़ दें, लेकिन 32 दाँत (बत्तीसी) सलामत रखें।
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