लेखक: संकलित
उद्देश्य (आइए सीखें)
- कहानी विधा का ज्ञान प्राप्त करना।
- छोटे से छोटे कार्य को भी पूर्ण निष्ठा और कुशलता से करना।
- विनम्र व्यवहार सीखना।
- आगत शब्दों और कारक चिह्नों का ज्ञान प्राप्त करना।
कहानी का सारांश
यह कहानी भाग्य और साहस के बीच बहस पर आधारित है। भाग्य खुद को बड़ा बताता है कि वह किसी को अमीर या गरीब बना सकता है, जबकि साहस कहता है कि बिना साहस के कुछ नहीं हो सकता। वे राजा विक्रमादित्य से फैसला कराने जाते हैं। राजा एक कहानी सुनाते हैं जिसमें एक गरीब ब्राह्मण को सोने का घड़ा मिलता है, लेकिन साहस न होने से वह उसे नहीं लेता। एक नाई साहस से उसे ले जाता है और अमीर बन जाता है। राजा फैसला करते हैं कि साहस भाग्य से बड़ा है।
कहानी की मुख्य बातें
1. भाग्य और साहस का झगड़ा:
- भाग्य कहता है कि वह रंक को राजा और राजा को रंक बना सकता है।
- साहस कहता है कि बिना साहस के कोई सुखी नहीं हो सकता।
- वे उदाहरण देकर बहस करते हैं।
2. फैसला कराने का निर्णय:
- वे राजा विक्रमादित्य से फैसला कराने जाते हैं, जो सत्यवादी और न्यायप्रिय हैं।
3. राज दरबार में:
- राजा उनका स्वागत करते हैं और समस्या सुनते हैं।
- पंडित ग्रंथों से फैसला नहीं कर पाते।
4. राजा की कहानी:
- एक गरीब ब्राह्मण को जंगल में सोने का घड़ा मिलता है, लेकिन डर से वह उसे नहीं लेता।
- वह नाई को बताता है, नाई साहस से घड़े को ले जाता है और अमीर बन जाता है।
- ब्राह्मण गरीब ही रहता है।
5. फैसला:
- राजा कहते हैं कि भाग्य दोनों को सोने का घड़ा मिला, लेकिन साहस के कारण नाई अमीर बना। इसलिए साहस बड़ा है।
- भाग्य मान लेता है।
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