Solution
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
वाम पक्ष | दायाँ पक्ष |
---|---|
जीवन | अवनति |
समता | कुपथ |
उन्नति | मृत्यु |
सुपथ | विषमता |
उत्तर:
वाम पक्ष | दायाँ पक्ष |
---|---|
जीवन | मृत्यु |
समता | विषमता |
उन्नति | अवनति |
सुपथ | कुपथ |
(ख) दिए गए शब्दों में से उपयुक्त शब्द चुनकर रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए –
जिसने सम्पत्ति संचित कर ली वह ______ का पात्र हो जाता है। (आदर/अनादर)
समाज और व्यक्ति का पारस्परिक ______ सम्बन्ध है। (दृढ़/लचीला)
समाज-सेवा अधिकांश लोगों को ______ सुख पहुँचाने के लिए की जाती है। (अधिकतम/न्यूनतम)
हमारे शास्त्रों में कहा गया है कि ______ से बढ़कर कोई सेवा नहीं। (स्व-सेवा/पर-सेवा)
उत्तर:
जिसने सम्पत्ति संचित कर ली वह आदर का पात्र हो जाता है।
समाज और व्यक्ति का पारस्परिक दृढ़ सम्बन्ध है।
समाज-सेवा अधिकांश लोगों को अधिकतम सुख पहुँचाने के लिए की जाती है।
हमारे शास्त्रों में कहा गया है कि पर-सेवा से बढ़कर कोई सेवा नहीं।
अति लघु उत्तरीय प्रश्न
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-एक वाक्य में दीजिए –
(क) समाज-सेवा पाठ में सेवा के कितने प्रकारों की चर्चा की गई है?
उत्तर: समाज-सेवा पाठ में स्व-सेवा और पर-सेवा, दो प्रकार की सेवाओं की चर्चा की गई है।
(ख) पाठ में बुद्धि के कौन-कौन से दो प्रकार बताए गए हैं?
उत्तर: पाठ में बुद्धि के दो प्रकार स्वार्थ-बुद्धि और परार्थ-बुद्धि बताए गए हैं।
(ग) सेवा का क्या अर्थ है?
उत्तर: सेवा का अर्थ है दूसरों का दुख दूर करना और उन्हें सुख पहुँचाना।
(घ) समाज सुधारक किन गुणों के कारण विजयी होता है?
उत्तर: समाज सुधारक अपनी सत्यता और दृढ़ता के गुणों के कारण विजयी होता है।
(ङ) किस प्रकार की सेवा को श्रेष्ठ माना गया है?
उत्तर: पर-सेवा को श्रेष्ठ माना गया है।
लघु उत्तरीय प्रश्न
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर तीन से पाँच वाक्यों में दीजिए –
(क) मनुष्य अन्य प्राणियों से किस प्रकार भिन्न है?
उत्तर: मनुष्य अन्य प्राणियों से इस प्रकार भिन्न है कि वह अपनी बुद्धि के द्वारा अपने सामाजिक जीवन का निरंतर विकास करता है। उसने देश, काल और अवस्था के अनुसार अपने समाज में परिवर्तन किए हैं। अन्य प्राणी अपने दलों में सैकड़ों वर्षों तक कोई उन्नति या परिवर्तन नहीं कर पाते। मनुष्य की यह उन्नतिशील प्रवृत्ति उसे अन्य प्राणियों से अलग करती है।
(ख) व्यक्ति और समाज में परस्पर किस प्रकार का सम्बन्ध होता है?
उत्तर: व्यक्ति और समाज का परस्पर दृढ़ सम्बन्ध होता है। समाज की उन्नति से व्यक्ति की उन्नति होती है और व्यक्ति की उन्नति से समाज की उन्नति होती है। न तो समाज व्यक्ति की उपेक्षा कर सकता है और न ही व्यक्ति समाज की अवहेलना कर सकता है। दोनों एक-दूसरे के पूरक हैं।
(ग) समाज-सेवा से क्या आशय है?
उत्तर: समाज-सेवा से आशय है अधिकांश लोगों को अधिकतम सुख पहुँचाने के लिए कार्य करना। यह केवल किसी व्यक्ति विशेष के लिए नहीं, बल्कि समाज के व्यापक हित के लिए की जाती है। इसमें दीन-दुखियों, अज्ञानियों और कुपथगामियों की मदद करना शामिल है। समाज-सेवा दूसरों का दुख दूर करने और उन्हें सुख देने का कार्य है।
(घ) समाज सेवा पाठ में नवयुवकों के क्या कर्तव्य बताए गए हैं?
उत्तर: समाज-सेवा पाठ में नवयुवकों का कर्तव्य बताया गया है कि वे समाज-सेवा की गतिविधियों में भाग लें। उन्हें गरीबों के उत्थान, नारियों की दुरवस्था दूर करने और रोगग्रस्त लोगों की मदद जैसे कार्यों में योगदान देना चाहिए। इससे समाज की उन्नति होगी और उनमें उच्च गुणों का विकास होगा।
(ङ) समाज में समता का अभाव होने पर क्या होता है?
उत्तर: समाज में समता का अभाव होने पर असमानता और भेदभाव उत्पन्न होता है। इससे पारस्परिक ईर्ष्या और द्वेष जैसे भाव पैदा होते हैं। इसके परिणामस्वरूप समाज में फूट पड़ती है और एकता नष्ट होती है। इससे समाज की अवनति होती है, जिससे व्यक्ति की भी अवनति हो जाती है।
भाषा की बात
1. नीचे दिए गए शब्दों का शुद्ध उच्चारण कीजिए –
यथेष्ट, ईर्ष्या, द्वेष, परार्थ, दुरवस्था, प्रवृत्ति, दृढ़, मर्यादा, सर्वत्र
उत्तर:
- यथेष्ट: यथ-इष्ट
- ईर्ष्या: ईर-ष्या
- द्वेष: द्वे-ष
- परार्थ: पर-अर्थ
- दुरवस्था: दुर्-अव-स्था
- प्रवृत्ति: प्र-वृत-ति
- दृढ़: दृ-ढ़
- मर्यादा: मर-या-दा
- सर्वत्र: सर्व-त्र
2. नीचे दिए गए शब्दों की वर्तनी शुद्ध कीजिए –
अर्थसिद्धी, प्रसंशा, अनिर्वाय, व्याक्ती, परीवर्तन, इस्थिरता, आभाव, दोस
उत्तर:
- अर्थसिद्धी: अर्थसिद्धि
- प्रसंशा: प्रशंसा
- अनिर्वाय: अनिवार्य
- व्याक्ती: व्यक्ति
- परीवर्तन: परिवर्तन
- इस्थिरता: स्थिरता
- आभाव: अभाव
- दोस: दोष
3. रोगग्रस्त शब्द ‘रोग’ और ‘ग्रस्त’ के योग से बना है, जिसका अर्थ है रोग से पीड़ित। इसी प्रकार निम्नलिखित शब्दों में ‘ग्रस्त’ जोड़कर शब्द बनाइए –
(क) शोक
(ख) क्षति
(ग) दुःख
(घ) चिन्ता
(ङ) शाप
(च) भय
उत्तर:
(क) शोकग्रस्त
(ख) क्षतिग्रस्त
(ग) दुःखग्रस्त
(घ) चिन्ताग्रस्त
(ङ) शापग्रस्त
(च) भयग्रस्त
4. नीचे कुछ शब्द दिए गए हैं, जो एक-दूसरे के विलोम हैं। सही विलोम शब्दों की जोड़ी बनाइए –
दुःख, अज्ञान, सफलता, आवश्यक, उपेक्षा, संतोष, सत्यता, समर्थ, अपेक्षा, असंतोष, ज्ञान, सुख, असमर्थ, असत्यता, असफलता, अनावश्यक
उत्तर:
- दुःख – सुख
- अज्ञान – ज्ञान
- सफलता – असफलता
- आवश्यक – अनावश्यक
- उपेक्षा – अपेक्षा
- संतोष – असंतोष
- सत्यता – असत्यता
- समर्थ – असमर्थ
5. पाठ में आए निम्नलिखित वाक्यों में से विशेषण शब्द छाँटकर उनके प्रकार लिखिए –
(क) सैकड़ों वर्षों से कोई उन्नति या परिवर्तन नहीं हुआ।
(ख) समाज दो-चार व्यक्तियों का समूह नहीं है।
(ग) लोगों में उच्च गुणों का विकास होगा।
(घ) व्यक्तियों की जो मर्यादाएँ हैं उन्हें उसका पालन करना चाहिए।
(ङ) कुछ लोग अज्ञ होते हैं।
(च) कुपथगामी व्यक्ति को सुपथ के रास्ते पर जाना ही सभ्य समाज की पहचान है।
उत्तर:
- (क) सैकड़ों – संख्यावाचक विशेषण
- (ख) दो-चार – संख्यावाचक विशेषण
- (ग) उच्च – गुणवाचक विशेषण
- (घ) जो – संकेतवाचक विशेषण
- (ङ) कुछ – संख्यावाचक विशेषण
- (च) कुपथगामी, सभ्य – गुणवाचक विशेषण
अब करने की बारी
1. अपने आसपास ग्राम/नगर में संचालित ‘समाजसेवा से सम्बन्धित’ किसी संस्था/कार्यालय में जाकर, वहाँ की गतिविधियों की जानकारी प्राप्त कीजिए।
उत्तर: विद्यार्थी अपने गाँव या शहर में किसी समाजसेवी संस्था, जैसे एनजीओ, चैरिटी संगठन या सामुदायिक सेवा केंद्र में जाकर वहाँ की गतिविधियों की जानकारी एकत्र कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, वे यह देख सकते हैं कि संस्था गरीबों की मदद, शिक्षा, या स्वास्थ्य सेवाओं के लिए क्या कार्य करती है। इस जानकारी को वे अपनी नोटबुक में लिखकर कक्षा में प्रस्तुत कर सकते हैं।
2. किसी अनाथालय, बाल सुधार गृह अथवा वृद्धाश्रम में जाकर वहाँ की हो रही समाज सेवा को ध्यान से देखिए और अपने अनुभव लिखिए।
उत्तर: विद्यार्थी किसी अनाथालय, बाल सुधार गृह या वृद्धाश्रम में जाकर वहाँ की समाज-सेवा गतिविधियों को देख सकते हैं। वे वहाँ के लोगों की देखभाल, शिक्षा, भोजन या अन्य सुविधाओं के बारे में जानकारी प्राप्त करें और अपने अनुभव को 5-7 वाक्यों में लिखें। उदाहरण के लिए, वे लिख सकते हैं कि अनाथ बच्चों को पढ़ाने या वृद्धजनों की देखभाल करने से उन्हें समाज-सेवा का महत्व समझ आया।
3. अपने विद्यालय में बागवानी/ईको क्लब के अन्तर्गत एक वाटिका लगाकर उसकी देखभाल कीजिए।
उत्तर: विद्यार्थी अपने स्कूल में बागवानी या ईको क्लब के साथ मिलकर एक छोटी वाटिका बना सकते हैं। वे फूलों, सब्जियों या औषधीय पौधों को लगाकर उनकी नियमित देखभाल करें, जैसे पानी देना, खाद डालना और खरपतवार हटाना। इस कार्य से पर्यावरण संरक्षण और समाज-सेवा की भावना विकसित होगी। वे अपने अनुभव को डायरी में लिखकर कक्षा में साझा कर सकते हैं।
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